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अब Trasngender का बनाया मेंसट्रुअल पैड इस्तेमाल करेंगीं बेटियां

दोस्ताना सफर ने छह सौ बेटियों के बीच बांटे रियुजेबल मेंस्ट्रूअल पैड, मास्क तथा साबुन

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पटना (voice4bihar Desk)। अब राजधानी की बेटियां किन्नर (trasngender) का बनाया मेंसट्रुअल पैड (menstrual pad) इस्तेमाल करेंगीं। शनिवार को कमला नेहरू नगर के स्लम क्षेत्र की बेटियों के बीच पटना नगर निगम और किन्नर आधारित संस्थान दोस्ताना सफर ने छह सौ बेटियों के बीच रियुजेबल मेंस्ट्रूअल पैड, मास्क तथा साबुन वितरित किया। ये सभी सामग्री दोस्ताना सफर द्वारा निर्मित हैं।

मौके पर मौजूद कार्यपालक पदाधिकारी कुमार पंकज ने कहा कि शहर हमारा है इसलिए सफाई भी हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं और छात्राओं से कहा कि पैड को उपयोग के बाद यदि उसे फेंकते हैं तो यहां-वहां ना फेके। उसे किसी बैग में डालकर सूखे कचड़े के डब्बे में डालें।

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कार्यक्रम में मौजूद जिला प्रोग्राम पदाधिकारी वैशाली डिंपल जैस्मीन ने कहा कि शरीर हमारा है मेंस्ट्रूअल की मुश्किल भी हमारी है और सूती कपड़ों के पैड के द्वारा मुश्किलें कम हो सकतीं हैं। उन्होंने कहा कि कंपनियों के द्वारा केमिकल एवं प्लास्टिक युक्त पैड के उपयोग से कैंसर का खतरा ज्यादा है। कोई भी इसका उपयोग करतीं हैं तो सिर्फ सूती-कपड़े का उपयोग करें। कपड़े को धोने के बाद नींबू पानी में डालकर सुखा लें।

दोस्ताना सफर की संस्थापक सचिव रेशमा प्रसाद ने कहा कि पीरियड शर्म नहीं है। पीरियड को न छुपाना है न दबाना। पीरियड नहीं तो यह दुनिया नहीं। मेरे शरीर का खून कभी गंदा नहीं हो सकता। यदि गंदा कोई कहता है तो पैदा होने वाले बच्चे तो इसी गंदे खून के रुकने के बाद दुनिया में बाहर आते हैं वह बच्चा गंदा नहीं तो यह खून कैसे गंदा हो सकता है।

उन्होंने कहा कि शौचालय के बाद लोग हाथों को साफ कर लेते हैं परंतु मासिक के खून को छूने से भी कतराते हैं । यह मानसिकता खत्म हो और जो भी भ्रांतियां हैं उसे खत्म होना चाहिए। कार्यक्रम में नगर प्रबंधक रवि रंजन एवं मुख्य सफाई निरीक्षक विक्रम कुमार सहित अनुप्रिया सिंह, वीरा यादव, रानी तिवारी आदि ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट मौजूद थीं। आशा देवी ने कार्यक्रम का संयोजन किया।

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