Header 300×250 Mobile

डेढ़ दशक तक बिना वेतन के दी थी विद्यालय में सेवा, विदाई के वक्त छलकीं आंखें

सेवानिवृत्ति पर शिक्षिकाओं को विद्यालय परिवार ने दी भावपूर्ण विदाई, करीब 40 वर्षों की सेवा के बाद पिछले साल ही हुई थीं सेवानिवृत्त, कोरोना काल के कारण नहीं हो सका था सम्मान समारोह

- Sponsored -

726

- Sponsored -

- sponsored -

voice4bihar desk. रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम से सटे राजकीय मध्य विद्यालय झलखोरिया में रिटायर हुईं दो शिक्षिकाओं को मंगलवार का विद्यालय परिवार ने भावपूर्ण विदाई दी। वर्ष 1981 से विद्यालय में शिक्षा दान कर रहीं शिक्षिका प्रभावती कुमारी व मराछो कुमारी पिछले साल सेवानिवृत्त हुईं थीं, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों व कोरोना काल के कारण औपचारिक विदाई समारोह नहीं हो सका था। आखिरकार गणतंत्र दिवस समारोह सह विदाई/ सम्मान समारोह आयोजित कर इनके सुखद, स्वस्थ व दीर्घजीवन की कामना विद्यालय परिवार ने की। इस भावुक पल के गवाह विद्यालय के पूर्व हेडमास्टर इंद्रदेव सिंह व सहायक शिक्षक रामसिंहासन सिंह भी रहे।

इस मौके पर शिक्षिका प्रभावती कुमारी ने स्कूल में बिताये सेवाकाल को याद कर भावुक हो गयीं। खासकर छात्राओं की सर्वप्रिय शिक्षिका के रूप में उन्होंने यहां शिक्षण के साथ बहुमुखी व्यक्तित्च विकास के लिए बेहतरीन काम किया। खपरैल से बने स्कूल व महुआ के पेड़ ने नीचे पढ़ाने की याद ताजा करते हुए उन्होंने कहा कि आज यह सुखद लग रहा है कि स्कूल का विकास काफी हुआ है। उन्होंने कहा कि स्कूल के राजकीयकरण से पूर्व अवैतनिक रूप से करीब 16 वर्षों तक सेवा करने के बाद आखिरकार सरकार ने सेवा को मंजूरी दी।

विदाई समारोह में मंचासीन अतिथिगण।

वहीं शिक्षिका मराछो देवी ने कहा कि आज भी बच्चों को स्कूल आते देख काफी खुशी होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षक के रूप में इतने लंबे सेवा के बाद आज भी स्कूल से उतना ही जुड़ाव महसूस करती हूं। दोनों शिक्षिकाओं को विद्यालय परिवार की ओर से वस्त्र, शॉल, भागवतगीता व बुके देकर विदा किया गया।

विज्ञापन

समारोह के उद्घाटनकर्ता व विशिष्ट अतिथि व स्कूल के पूर्व हेडमास्टर इंद्रदेव सिंह थे। उन्होंने सम्मान समारोह आयोजन के लिए वर्तमान प्रधानाध्यापक महेंद्र कुमार का आभार जताया, जिनके प्रयास से आज फिर पुरानी यादें ताजा हो गयीं। उन्होंने शिक्षिकाओं के स्वस्थ व दीर्घजीवन की कामना की। वर्तमान प्रधानाध्यापक महेंद्र कुमार ने कहा कि तकनीकी वजहों व कोरोना काल के कारण विदाई समारोह का आयोजन समय पर नहीं किया जा सका। आज भी हुए समारोह में कोविड गाइडलाइन्स के तहत संक्षिप्त कार्यक्रम किया गया।

प्रशस्ति पत्र के साथ सेवानिवृत्त सहायक शिक्षिका श्रीमती प्रभावती कुमारी व मराछो कुमारी।

इस मौके पर आमंत्रित अतिथि केशो सिंह ने कहा कि दरअसल यह विदाई समारोह नहीं सम्मान समारोह है। विदाई तो बेटी की भी होती है और जीवन के अंत में दुनिया से भी विदाई होती है, लेकिन बतौर शिक्षक यह मामला अलग हो जाता है। एक शिक्षक कभी भी विदा नहीं होता, उसकी शिक्षा देने की ललक जीवनपर्यंत जारी रहती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व सहायक शिक्षक रामसिंहासन सिंह ने की। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय में अपने सेवाकाल के दौरान सबको साथ लेकर चलने की नीति अपनायी। ग्रामीणों व स्कूल परिवार के बीच तालमेल बिठाने के साथ ही हमेशा शिक्षकों में समन्वय पर बल दिया।
सहायक शिक्षक जितेंद्र सिंह ने समारोह का संचालन करते हुए कहा कि एक शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होता। उनकी दी हुई शिक्षा की वजह से कई छात्र आज देशभर में विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। इस मौके पर शिक्षक ओमप्रकाश सिंह, कामता सिंह, अनिल कुमार पांडेय, प्रेमचंद साह, रंजीत कुमार, जितेन्द्र सिंह व दीपक राज समेत विद्यालय से जुड़े अन्य लोग व ग्रामीण मौजूद थे।

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

ADVERTISMENT