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मॉब लिंचिंग में थानेदार की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी मां, दुनिया से चल बसी

एक साथ उठी मां-बेटे की अर्थी , शवयात्रा में उमड़े लोगों की आंखें हुई नम

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थानेदार की शवयात्रा में शामिल होने के लिए पूर्णिया प्रमंडल के आलाधिकारी पहुंचे

किशनगंज (voice4bihar news)। पश्चिम बंगाल के पांजीपाड़ा में अपराधियों व ग्रामीणों की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मारे गए किशनगंज नगर थानेदार के घर से आज दो अर्थियां एक साथ उठी। दूसरी अर्थी शहीद थानेदार अश्विनी कुमार की मां की थी। मॉब लिंचिंग में अश्विनी की हुई मौत की खबर मिलने आहत उनकी माता प्रमिला देवी ने भी अपने प्राण त्याग दिये। ऐसे में रविवार की शवयात्रा में मां-बेटे की अर्थियां एक साथ सजाई गई।

उधर शहीद थानेदार व उनकी मां की शवयात्रा में शामिल होने के लिए पूर्णिया प्रमंडल के आलाधिकारी पहुंचे थे, जहाँ शहीद के पैतृक गाँव में उमड़े हुजुम में लोगों की आँखें नम थी। बारात की शक्ल में निकाली गई थी मां- बेटे की शवयात्रा, जहां महिलाओं के करुण क्रंदन और बच्चों की चीखों से आसमान का कलेजा भी फटा जा रहा था। जानकीनगर के पांचुटोला से निकाली गई शवयात्रा में पूर्णिया के आयुक्त , आईजी, एसपी, एसडीपीओ तथा एसडीपीओ अररिया व एसडीपीओ किशनगंज भी शामिल हुए।

अपराधियों ने ग्रामीणों को उकसा कर कराई थी थानेदार की हत्या

यहां बता दें कि सदर थाना क्षेत्र के टेउसा चाय बागान के पास मोटरसाइकिल छिनतई की घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करने गए किशनगंज आदर्श थाना में पदस्थापित जांबाज निर्भीक एवं कर्तव्यनिष्ठ इंस्पेक्टर व थाना अध्यक्ष अश्विनी कुमार की शुक्रवार की रात हत्या हो गयी थी। किशनगंज शहर से महज 12 किलोमीटर दूर बंगाल के पांजीपाड़ा ओपी थाना अंतर्गत पातापाड़ा गांव में अपराधियों ने ग्रामीणों के बीच अफवाह फैला कर थानाध्यक्ष की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

बिहार व बंगाल पुलिस ने 5 अपराधियों को दबोचा

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हत्या स्थल पश्चिम बंगाल के पंतापारा गांव में रविवार को पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा। गांव के महिला पुरुष व बच्चे सभी अपने घर द्वार छोड़कर भाग गए। वहीं बिहार व बंगाल पुलिस लगातार छापेमारी कर अब तक 5 अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। समाचार लिखे जाने तक इस्लामपुर पुलिस अधीक्षक के अनुसार फिरोज आलम, अबुजार आलम, सहिनूर खातून, अब्दुल मालिक एवं इसराइल नगड़ा को गिरफ्तार किया था। अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए बिहार व बंगाल पुलिस सभी ठिकानों में लगातार छापेमारी कर रही थी।

बदमाशों को पकड़ती पुलिस।

पश्चिम बंगाल क्यों पहुंची बिहार पुलिस?

दरअसल शुक्रवार की देर शाम सदर थाना क्षेत्र के टेउसा पंचायत के पश्चिम टेउसा निवासी मुश्फिक आलम पिता मोहम्मद नूहू मोटरसाइकिल पर सवार होकर अपने घर जा रहे थे। इसी बीच 3 अपराधियों ने टेउसा चाय बागान के पास अचानक हमला कर मुश्फिक आलम को बुरी तरह से पीटा और मोटरसाइकिल छीनकर भाग निकले। पीड़ित मुश्फिक आलम ने तीन अपराधियों में से एक को पहचान लिया था। पीड़ित ने सदर थानाध्यक्ष को इसकी सूचना देकर कार्रवाई की मांग की।

अपराधियों ने डाकू बताकर भीड़ को उकसाया

थाना अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और अपराधियों की गिरफ्तारी करने के लिए सर्वप्रथम उनके निज निवास बेलवा छगलिया पहुंच गए। वहां जानकारी मिली की पश्चिम बंगाल के पंतापारा गांव में अपराधी छुपे हुए हैं। थाना अध्यक्ष अपनी टीम लेकर पंतापारा पहुंचे तो वहां अपराधियों ने डाकू आने की अफवाह फैला दी। सैकड़ों की संख्या में जुटे ग्रामीणों ने इन्हें बंधक बना लिया और पीट-पीट कर जान ले ली। हालांकि घटना को अंजाम देने वाले थाना क्षेत्र के बेलवा छगलिया निवासी मतिउर रहमान सहित अन्य अपराधियों को गिरफ्तार करने के साथ-साथ ही छीनी गयी मोटरसाइकिल बरामद कर ली गयी है।

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