रेड कॉरिडोर के रूप में बदनाम इलाके में बह रही बदलाव की बयार
पंचायत चुनाव में ‘बैलेट की चोट’ कर दिखाया विकास के प्रति जज्बा
अभिषेक कुमार सुमन के साथ बजरंगी कुमार की रिपोर्ट
सासाराम (voice4bihar news)। सोन विन्ध्य जोन के सबसे धधकते रेड कॉरिडोर के रूप में चिन्हित कैमूरांचल घाटी सहित पहाड़ी के ऊपर बसे गांवों में रहने वाली नयी पीढ़ी इतिहास बदलने को लालायित है। कभी ‘बुलेट वार’ का दंश झेलने को लेकर बदनाम इन गलियों में अबकी पंचायत चुनाव के दौरान ‘बैलेट की चोट’ ने तब सबको हैरान कर दिया। यहां जिउतिया जैसे निर्जला व्रत के दिन भी 65-70% मतदान कर वनवासियों ने इतिहास रच डाला। शायद यह नया इतिहास रचने को लालायित वनवासियों का संकेत ही था।
“बैलेट की हनक” के बाद शुरू हुआ “स्याही से इतिहास” लिखने का सफर
पंचायत चुनाव पूर्णतः शांतिपूर्ण संपन्न होने और मतदान प्रतिशत में अप्रत्याशित परिणाम दिखने का सुखद अंजाम सामने आया। अपने कार्यालय के प्रतीक्षालय में पुस्तकालय स्थापित करने वाले पुलिस कप्तान आशीष भारती ने कुछ महीने पहले हीं वनवासियों के बीच पुस्तकालय स्थापित करने की रणनीति पर अंतिम मुहर लगा दी थी। अब यह हकीकत की धरातल पर उतरकर वनवासियों के जीवन को रोशन करने के लिए तैयार है।
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शुक्रवार को कैमूरांचल के गांव रेहल में हुआ पुस्तकालय का उद्घाटन
रोहतास पुलिस कप्तान आशीष भारती ने शुक्रवार को नौहट्टा थाना क्षेत्र के रेहल में पुस्तकालय भवन का उद्घाटन करते हुए पुस्तकालय की भी शुरुआत की। यह निश्चित तौर पर वनवासियों के जीवन में बदलाव का कीर्तिमान स्थापित करेगा। इस दौरान पुलिस कप्तान आशीष भारती में स्थानीय लोगों से शिक्षा के प्रति जागरूक होने का नैतिक संदेश भी दिया।

प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रति युवाओं का बढ़ेगा रूझान
पुलिस-पब्लिक मैत्री संबंधों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे अभियान के तहत इस पुस्तकालय की शुरुआत की गयी है। जहां वनवासियों की आने वाली पीढ़ी प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रति प्रेरित होगी और समाज व राष्ट्र सेवा में अपना सहयोग व समर्पण प्रदान करेगी। पुस्तकालय के उद्घाटन के दौरान वनवासियों के चेहरे पर स्याही से इतिहास लिखने की ललक स्पष्ट देखने को मिल रही थी। इस दौरान फुटबॉल मैच का आयोजन भी किया गया था जिसका आनंद ग्रामीणों सहित पुलिसकर्मियों ने भी उठाया।
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