बिहार सरकार का अहम फैसला, प्राकृतिक आपदा में मृत व्यक्ति का शव नहीं मिलने पर भी मिलेगा मुआवजा
दो फरवरी 2019 के बाद घटी प्राकृतिक आपदाओं पर लागू होगा सरकार का नया नियम
प्रशासनिक व जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद आश्रितों को दिये जाएंगे चार लाख रुपये
पटना (voice4bihar news)। प्राकृतिक आपदा कई बार इतनी भीषण होती है कि उसमें मारे गए लोगों की लाश भी नहीं मिल पाती। ऐसी हालात में मृत्यु घोषित होने में तकनीकी पेच फंस जाता है और अपनों को खोने का दर्द लिए निकटतम आश्रितों को सरकारी अनुग्रह राशि भी नहीं मिल पाती। हालांकि बिहार सरकार ने इस हालात में भी आश्रितों को मुआवजा देने का फार्मूला तैयार कर लिया है। बिहार में प्राकृतिक आपदा में मौत होने पर निकटतम आश्रितों को चार लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है।
आपदा प्रबंधन विभाग ने जारी किया नोटिफिकेशन
बिहार सरकार ने प्राकृतिक विपदा के दौरान मारे गए वैसे लोगों के परिजनों को भी मुआवजा राशि देने का फैसला किया है, जिनकी लाश किसी वजह से बरामद नहीं हो पाती। इस निर्णय के बाद सभी पीड़ितों को अनुग्रह राशि मिलना सुनिश्चित हो सकेगा। सरकार का यह फैसला दो फरवरी 2019 के बाद घटित सभी प्राकृतिक आपदाओं पर लागू होगा। इस संबध में राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने मंगलवार को नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
14 सितंबर को राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में हुआ था निर्णय
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जारी अधिसूचना में कहा गया है कि विशेष स्थानीय प्राकृतिक आपदा गैर प्राकृतिक आपदा अन्तर्गत मृतक का शव बरामद नहीं होने की स्थिति में अनुग्रह अनुदान की राशि दी जायेगी। विशेष स्थानीय प्रति आपदा/गैर प्राकृतिक आपदा अन्तर्गत मृतक का शव बरामद नहीं होने की स्थिति में आश्रित को अनुग्रह अनुदान राशि के भुगतान के संबंध में 14 सितंबर को सम्पन्न राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में निर्णय लिया गया था।
समाचार पत्रों में देनी होगी लापता होने की सूचना
इसके तहत विशेष स्थानीय प्राकृतिक आपदा व गैर प्राकृतिक आपदा के कारणों से हुई मृत्यु की स्थिति में यदि मृतक का शव नहीं मिलता है तो संबंधित व्यक्ति के फोटो के साथ समाचार पत्रों में संबंधित व्यक्ति के लापता होने की सूचना जिला पदाधिकारी द्वारा प्रकाशित कराई जाएगी तथा एक माह की प्रतीक्षा की जाएगी। इन मामलों में स्थानीय थाने में लापता व्यक्ति के परिजनों द्वारा उसके लापता व मृत्यु होने से संबंधित सूचना व प्राथमिकी दर्ज होना चाहिए। इसके अतिरिक्त कार्यपालक दण्डाधिकारी स्तर से जांच कराई जायेगी।
एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट करेंगे जांच, तभी डीएम से मिलेगा मुआवजा
कार्यपालक दंडाधिकारी के जांच प्रतिवेदन में साक्ष्य के आधार पर यदि यह पाया जाता है कि व्यक्ति की मृत्यु विशेष स्थानीय प्राकृतिक आपदा या गैर प्राकृतिक आपदा से हुई है तो उस व्यक्ति के निकटम आश्रित को अनुग्रह अनुदान का भुगतान जिला पदाधिकारी करेंगे। भुगतान करने से पूर्व इस आशय का पत्र प्राप्त कर लिया जाएगा कि यदि यह पाया गया कि व्यक्ति जीवित है तो ऐसी स्थिति में प्राप्त अनुग्रह अनुदान की पूर्ण राशि वापस कर दी जाएगी।