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मॉर्निंग वॉक पर निकली थीं चार महिलाएं, सड़क हादसे में दुनिया से चल बसीं

तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने चारों को रौंदा , मौके पर गयी सभी की जान

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स्कॉर्पियो की ठोकर लगी तो काफी ऊंचाई तक हवा में उछल गयीं दो महिलाएं

सुनसान सड़क का फायदा उठाकर मौके से भाग निकला स्कॉर्पियो समेत चालक

आरा (voice4bihar news)। भोजपुर जिले के पीरो में अहले सुबह टहलने के लिए सड़क पर निकलीं चार महिलाओं को एक स्कॉर्पियो ने कुचल डाला। शुक्रवार की सुबह हुई भीषण सड़क दुर्घटना में चारों की तत्काल मौत हो गयी। स्कॉर्पियो की रफ्तार इतनी तेज थी कि ठोकर लगने के बाद दो महिलाएं फुटबॉल की तरह हवा में उछल गयीं। घटना के बाद सुनसान सड़क का फायदा उठाते हुए स्कॉर्पियो चालक भाग निकला।

यह हादसा बिहिया-बिहटा स्टेट हाईवे पर पीरो थाना क्षेत्र के देवचंदा पुल के पास तड़के करीब पांच बजे हुआ। मृत महिलाओं में रिटायर फौजी रामसुंदर सिंह उर्फ बड़क सिंह की पत्नी मानती देवी, रिटायर शिक्षक हरी प्रसाद सिंह की पत्नी उर्मिला देवी, जनवितरण डीलर वकील सिंह की पत्नी मोतीझारो देवी और किसान अशोक सिंह यादव की पत्नी सरस्वती देवी शामिल हैं। चारों महिलाएं पीरो थाना क्षेत्र के ओझवलिया गांव की रहने वाली थी।

छह घंटे तक बाधित रहा बिहिया-बिहटा स्टेट हाईवे

दर्दनाक हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार व अफरातफरी मच गयी। इस बीच लोगों का गुस्सा भड़क उठा और शव को सड़क पर रखकर यातायात बाधित कर दिया। सड़क पर टायर जलाकर आगजनी व नारेबाजी की गयी। गुस्साए लोग स्कॉर्पियो की पहचान कर चालक को गिरफ्तार करने और मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। इस दौरान करीब छह घंटे तक आवागमन बाधित रहा।

हालात पर नियंत्रण के लिए पहुंची कई थानों की पुलिस

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हालात की गंभीरता को देखते हुए पीरो सहित कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को नियंत्रित करने का प्रयास किया। इसी बीच अगिआंव विधायक मनोज मंजिल भी पहुंच गये। बाद में एसडीओ अमरेंद्र कुमार, एसडीपीओ राहुल सिंह और नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुजीत कुमार पहुंचे और आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया। सभी लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद ही यातायात फिर से बहाल हो सकी।

एक झटके में चार महिलाओं की मौत से दहल गया गांव

शुक्रवार की सुबह घड़ी में करीब पांच बज रहे थे। ओझवलिया सहित आसपास के गांव के लोगों के दिन की शुरुआत ही हो रही थी। कुछ लोग टहलने निकले थे, तो कुछ अभी नींद की आगोश में थे। इसी बीच देवचंदा पुल के पास भीषण हादसे ने कोहराम मचा दिया। सूचना मिलते ही लोग देवचंदा पुल की दौड़ पड़े। इससे ओझवलिया से देवचंदा मोड़ तक चीत्कार मच गया।

तीसरे बेटे की सगाई से पहले ही चल बसी उर्मिला देवी

रफ्तार के कहर ने एक साथ चार परिवारों के मेरुदंड तोड़ दिये। जीवन के तीसरे पड़ाव पर पहुंचीं इन महिलाओं की कई हसरतें अधूरी रह गयी। किसी के बेटे की शादी के पहले तो किसी की बेटे व बेटी की शादी के पांच माह बाद ही अर्थी उठ गयी।

उर्मिला देवी के तीसरे बेटे आनंद सिंह की शादी तय हो गयी थी। इसी साल 15 नवंबर को समाई होने वाली थी, जिसकी तैयारी भी चल रही थी। उससे पहले ही आनंद सिंह की मां उर्मिला देवी के प्राण पखेरू उड़ गये। दूसरी ओर, किसान अशोक सिंह यादव अपने पुत्र के साथ जयपुर में प्राइवेट काम करते हैं। दोनों को वहीं पर इस हादसे की सूचना मिली। सरस्वती देवी की मौत की सूचना पाकर दोनों गांव के लिये निकल पड़े।

पति के सामने ही पत्नी की गयी जान

भीषण सड़क हादसे में मारी गयी मानती देवी मूल रूप से बरौली टोला के रहने वाले रिटायर फौजी रामसुंदर सिंह उर्फ बड़क सिंह की पत्नी थी। दोनों अपने परिवार के साथ ओझवलिया मोड़ पर मकान बनाकर रहते थे। दोनों रोज टहलने के लिये एक साथ घर से निकलते थे। मानती देवी अपनी महिला साथियों के साथ चली जाती थी। रोज की तरह शुक्रवार की सुबह भी दोनों एक साथ घर से टहलने निकले थे। थोड़ी दूरी पर टहल रहे बड़क सिंह को हादसे की खबर मिली तो वे दौड़ते हुए वहां पहुंचे।

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