लॉकडाउन में भी भारत-नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में नहीं थमा नशे का कारोबार
165 किलो गांजा के साथ एक गिरफ्तार, ब्राउन शुगर का कारोबार चरम पर
बीते दस माह में पकड़ा गया तीन किलो 204 ग्राम ब्राउन शुगर , 280 लोगों की गिरफ्तारी
अररिया से राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट
जोगबनी (voice4bihar news) । लॉकडाउन में भी भारत – नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में नशीली दवा की तस्करी में कमी नहीं आई है । बीते दिनों नेपाल से बरौनी तेल लेने आ रहे टैंकर से गांजा बरामदगी का मामला थमा भी नहीं था कि भारत नेपाल सीमा के भाण्टाबारी से 165 किलो गांजा के साथ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी ने यह साबित कर दिया कि लॉकडाउन में भी तस्करों के हौसले बुलंद हैं।
नेपाल के सुनसरी जिले के एसपी कमल थापा ने बताया कि गांजा के साथ गिरफ्तार ब्यक्ति 40 वर्षीय गणेश यादव है । एसपी थापा के मुताबिक जिला पुलिस कार्यालय सुनसरी व सीमा पुलिस चौकी भण्टाबारी की संयुक्त टीम ने राजमार्ग के दक्षिण तरफ पानी टंकी के नजदीक प्लाष्टिक के 6 बोरा में रखा गांजा बरामद किया । हालांकि मुख्य कारोबारी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका।
नेपाल पुलिस का दावा- भारत से भेजा जा रहा ब्राउन शुगर
जोगबनी सीमा से सटे नेपाल के प्रदेश संख्या एक में भारत से नेपाल की तरफ ब्राउन शुगर की तस्करी होने का दावा नेपाल पुलिस ने किया है । हालांकि रोजाना नेपाल भाग में किसी न किसी कारोबारी की गिरफ्तारी होने से भी इस बात की पुष्टि होती है। ताजा आंकड़े पर गौर करें तो शनिवार को झापा के बुद्धशान्ति गावपालिका के धाइजन चौक से 31 वर्षीय विमल बस्नेत व 29 वर्षीय विशाल बस्नेत की गिरफ्तारी के साथ 2 ग्राम 400 मिलिग्राम ब्राउन शुगर की बरामदगी हुई थी। वहीं 18 मई को हो झापा के बद्री टोल से 26 वर्षीय सुमन दनुवार व दमक की 21 वर्षीय समिता राई की भी गिरफ्तारी ब्राउन शुगर के साथ हुई थी । इनके पास 5 ग्राम बाउन शुगर मिला था।
पिछले एक महीने में बढ़ा है ब्राउन शुगर का कारोबार !
पिछले एक महीने से दोनों देश में लॉकडाउन के कारण सहज रूप से सीमा में आवागमन भी बंद है, फिर भी नशीली दवा सहित ब्राउन शुगर के कारोबार नहीं सिमटा । यह अलग बात है कि छोटे – छोटे कारोबारियों की गिरफ्तारी बिहार में न होकर नेपाल में हुई है । प्रदेश एक पुलिस कार्यालय के अनुसार लॉकडाउन के समय में प्रदेश के सीमावर्ती तराई के जिले के विभिन्न स्थानों से सिर्फ ब्राउन शुगर के कारोबार में संलग्न 18 लोगों को गिरफ्तार किया है । इनके पास से कुल 88 ग्राम 192 मिलिग्राम ब्राउन शुगर बरामद हुए थे।
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प्रदेश एक के तीन जिलों में सबसे ज्यादा कारोबारी की गिरफ्तारी
एक नंबर प्रदेश पुलिस कार्यालय के प्रवक्ता एवं पुलिस उपरीक्षक महेन्द्र कुमार श्रेष्ठ की मानें तो लॉकडाउन की अवधि में सबसे ज्यादा मोरंग , सुनसरी व झापा जिले में कारोबारी सक्रिय हैं । ये तीनों जिले भारत की सीमा से बिल्कुल सटे हुए हैं । पुलिस प्रवक्ता के अनुसार जिस तरह से नेपाल पुलिस ड्रग्स माफिया के विरुद्ध कार्य कर रही उसी तरह ड्रग्स माफिया अपने नेटवर्क को भी बढ़ा रहे हैं । सिंडिकेट ने पहाड़ी जिले के युवक युवतियों का भी इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
आम दिनों के अनुपात में बढ़ा कारोबार
ब्राउन शुगर के मामले का अनुसन्धान कर रहे एक पुलिस अधिकारी की मानें तो लॉकडाउन हो आम दिन , इस ड्रग्स का कारोबार होता रहा है । हाल के दिनों में भारत से नेपाल में ब्राउन शुगर लेकर आने वालों की तादाद बढ़ी है । अनुसन्धान में संलग्न पुलिस अधिकारी के अनुसार नेपाली कारोबारी भी अब भारतीय बजार में बैठे ड्रग्स माफिया के मार्फत ही अपने कारोबार को सुरक्षित तरीके से संचालित कर रहे हैं । भारत में रहने के कारण नेपाल पुलिस ऐसे ड्रग्स माफिया को गिरफ्तार नहीं कर पाती।
जोगबनी के इस्लामपुर , कुशमाहा व अररिया के युवक की ब्राउन शुगर के साथ गिरफ्तारी
अररिया जिले के जोगबनी में रह कर ड्रग्स माफिया किस कदर अपने कारोबार को संचालित कर रहे हैं , इसकी पुष्टि बीते दिनों अररिया डीएसपी श्रीकांत सिंह की कार्रवाई से हुई थी । पुलिस ने जोगबनी के एक घर मे छापेमारी कर भारी मात्रा में ब्राउन शुगर वरामदगी की थी लेकिन महीनों बाद भी जोगबनी में बैठे मुख्य कारोबारी तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच सके । आंकड़े पर गौर करें तो जोगबनी के सीमावर्ती इलाके के इस्लामपुर , कुशवाहा व जिले के अररिया के दर्जनों युवक ब्राउन शुगर के साथ नेपाल सीमा में गिरफ्तार हो चुके हैं।
दस महीने में नशीली दवा के साथ 280 की गिरफ्तारी
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार नशीली दवा के कारोबार में संग्लन रहे कुछ बड़े तस्कर ब्राउन शुगर का कारोबार भी कर रहे हैं । प्रवक्ता के अनुसार पिछले दस महीने में ब्राउन शुगर के कारोबार में संलग्न 10 महिलाओं सहित 280 लोगों की गिरफ्तारी हुई है । इन लोगों के पास से कुल तीन किलो 204 ग्राम ब्राउन शुगर की बरामदगी हुई है । इतने लोगों को गिरफ्तारी के बाद भी मुख्य कारोबारी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया है ।