दलितों पर दबंगों ने बरसाई गोलियां, एक की मौत, दूसरा अस्पताल में भर्ती
नाली विवाद में बीच बचाव करना दलित युवक को पड़ा महंगा
दबंगों ने लाइसेंसी हथियार से वारदात को दिया अंजाम
अभिषेक कुमार समन के साथ बजरंगी कुमार की रिपोर्ट
सासाराम (voice4bihar news)। रोहतास के सूर्यपूरा में मामूली विवाद को लेकर दबंगों ने दलितों पर गोलियां बरसायीं, जिसमें गोली लगने से एक दलित की मौत हो गई जबकि दूसरा निजी अस्पताल में इलाजरत है। घटना सूर्यपूरा थाना क्षेत्र के अगरेर खुर्द गांव की है जहां भूखे बच्चों के पेट भरने के वास्ते चावल खरीदने निकल एक दलित युवक गोलीबारी की भेंट चढ़ गया। कसूर यह कि उसके घर के बाहर गांव के दो गुटों के बीच हो रहे विवाद को सुलझाने सलटाने के लिए बीच बचाव का प्रयास कर रहा था।
सूर्यपुरा के अगरेर गांव में दलित की हत्या के बाद स्थिति काफी तनावपूर्ण हो चुकी है। मौक़ा ए वारदात पर पहुंचे पुलिस के आलाधिकारी सभी दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई का आश्वासन देते हुए लौट गए। इस मामले को ठंडा करने का प्रयास करते हुए शांति कायम रखने के लिए घटना स्थल पर पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति की गयी है।
दूसरी ओर, अब तक पुलिस इस हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार करने सहित अग्नेयास्त्र बरामद करने में नाकाम रही है। सभी आरोपी ब्राह्मण जाति के बताए जाते हैं। मृतक की पत्नी के मुताबिक उसका पति अपने भूखे बच्चों के पेट भरने के लिए चावल खरीदने के लिए घर से बाहर जा रहा था।
तीन दिनों से जारी तनाव की गंभीरता को भांपने में नाकाम रहे अधिकारी
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सूर्यपूरा थाना क्षेत्र के अगरेर खुर्द गांव में विगत 17 मार्च को उपजे विवाद को गंभीरता से लेने बजाय मामूली विवाद समझकर नजरअंदाज करना पुलिस की बड़ी चूक साबित हुई। इसी का नतीजा है कि रविवार की सुबह पुलिस प्रशासन की नींद उड़ाने वाली घटना सामने आई। पुलिस तब हरकत में आई जब जिले सहित पुलिस मुख्यालय तक दलित की गोली मारे जाने से हत्या हो जाने की खबर मीडिया और सोशल मीडिया पर चली।
हत्या की खबर सुनते ही बिक्रमगंज डीएसपी शशिभूषण सिंह और सूर्यपूरा थानाध्यक्ष सुशांत कुमार दल बल के साथ पहले तो अस्पताल पहुंचे और घायलों में एक की मौत के बाद घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की गहन जानकारी ली। डीएसपी श्री सिंह के मुताबिक मामले में आठ लोगों के विरूद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने में पुलिस जुटी है। हालांकि इन दावों के बावजूद पुलिस के हाथ अबतक खाली हैं। दलितों पर गोलियां बरसाये जाने में प्रयुक्त हथियार लाइसेंसी होने की पुष्टि डीएसपी शशिभूषण सिंह ने की है।
मामूली विवाद ने ले लिया खूनी संघर्ष का रूप
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक 17 मार्च को नाली के उपर रखे पत्थर नाली में गिरने और उसे निकाल कर हटाने को लेकर उत्पन्न विवाद में गांव के दबंगों ने नींबू राम की पिटायी कर दी थी। उसी विवाद में रविवार को भी दोनों पक्षों में नोंक झोक हो रहा था कि दबंगों के पक्ष से ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी। इस दौरान बीच बचाव करने गए राजदेव पासवान और संतोष पासवान को गोली लग गयी। गोली लगने से राजदेव पासवान की मौक़ा ए वारदात पर हीं मौत हो गयी जबकि आनन फानन में संतोष पासवान को इलाज के लिए बिक्रमगंज के निजी अस्पताल में भर्ती कराया है, जहाँ संतोष पासवान की स्थिति खतरे से बाहर बतायी जा रही है।
एसपी ने कहा – पुलिस की एसआईटी कर रही है काम
मामले की पुष्टि करते हुए रोहतास पुलिस कप्तान आशीष भारती ने बताया कि दलितों पर गोलीबारी करने में प्रयुक्त अग्नेयास्त्र लाईसेंसी है या अवैध इसी जांच सहित आरोपी नामजद अभियुक्तों के अपराधिक इतिहास सहित अन्य कई बिन्दुओं पर एस आई टी जांच कर रही है। अग्रेतर कारवाई की जानकारी से मीडिया को अपडेट करने का आश्वासन भी पुलिस कप्तान आशीष भारती द्वारा दिया गया है। पुलिस कप्तान श्री भारती ने गांव में स्थति को पूरी तरह नियंत्रण में होने का दावा किया है ।