कोबरा जवान नक्सलियों के कब्जे में, रिहाई के लिए रखी नौकरी छोड़ने की शर्त
बीजापुर के ज्रगलों में शनिवार को हुई मुठभेड़ के बाद लापता बताये गये थे 21 जवान
रायपुर (voice4bihar desk)। नक्सलियों ने सोमवार को माडियाकर्मियों को फोन कर दावा किया है कि मुठभेड़ के बाद लापता सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन का एक जवान उनके कब्जे में है। फोन पर नक्सलियों ने जवान की रिहाई के लिए शर्त भी रखी है। नक्सली संगठन का कहना है कि वह जवान को रिहा कर देगा पर शर्त है कि रिहाई के बाद जवान सीआरपीएफ की नौकरी छोड़ कर कुछ और धंधा करेगा।
लापता जवान का नाम राजेश्वर सिंह मनहास है और वह मूल रूप से जम्मू-कश्मीर का निवासी है। इस खबर के मीडिया में आने के बाद राजेश्वर की मां, पत्नी और बच्ची का रो-रो कर बुरा हाल है। राजेश्वर के पिता भी सीआरपीएफ के जवान थे और कार्रवाई के दौरान शहीद हुए थे।
शनिवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों से हुई मुठभेड़ के बाद लापता सुरक्षा बल के कुल 21 जवान लापता थे। इनमें से 20 जवानों के शव मुठभेड़ स्थल से थोड़ी दूरी पर मिले थे पर एक जवान अब भी लापता था। इसी लापता जवान के बारे में नक्सली संगठन ने दावा किया है कि वह उसके कब्जे में है।
सक्रिय हुए अमित शाह, हाईलेवल मीटिंग के बाद पहुंचे रायपुर
इस बीच इस खबर के सामने आने के बाद सोमवार की सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आंतरिक सुरक्षा से जुड़े आलाधिकारियों के साथ दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक की। करीब घंटे भर की बैठक के बाद वे विशेष विमान से रायपुर पहुंच गये हैं। यहां उन्होंने केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति बनायी।
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छत्तीसगढ़ पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मैं देश को विश्वास दिलाता हूं कि इन जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने को कहा है। इस घटना के बाद नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन और तेज होगा। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंची है और इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने लड़ाई को दो कदम आगे बढ़ा दिया है।
उन्होंने कहा कि नक्सल हमले में शहीद होने वाले सुरक्षाकर्मियों को मैं पीएम और केंद्र सरकार की ओर से नमन करता हूं। नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई को निर्णयकारी मोड़ देने के लिए देश उनके बलिदान को हमेशा याद रखेगा।
जवान राजेश्वर सिंह के परिवार का बुरा हाल, मां-पत्नी ने की रिहाई की मांग
इधर, राजेश्वर सिंह के परिवार वालों का बुरा हाल है। उन्हें कंट्रोल रूम से जानकारी दी गयी है कि राजेश्वर सिंह लापता हैं जबकि न्यूज चैनलों पर उनके नक्सलियों के कब्जे में होने की बात कही जा रही है। राजेश्वर की पत्नी ने छत्तीसगढ़ सरकार से नक्सलियों की सभी मांगों को मानते हुए पति को रिहा कराने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि मेरे पित करीब चार साल से कोबरा बटालियन में तैनात हैं। वे केवल उनके पति ही नहीं बल्कि देश के जवान हैं।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को उनकी फोन पर आखिरी बार बात हुई थी। तब उन्होंने बताया था कि ऑपरेशन में जा रहा हूं। अब शनिवार को बात होगी। टीवी चैनलों में मुठभेड़ की खबर चलने के बाद वह लगातार फोन लगा रहीं हैं पर बात नहीं हो पा रही है। कंट्रोल रूम से पूछे जाने पर सिर्फ यही बताया जा रहा है कि राजेश्वर सिंह लापता हैं। राजेश्वर की मां ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील है कि उनके बेटे को जल्द वापस लायें। वही उनका और उनके परिवार का सहारा है।