23.5 KG सोना की तस्करी में भाजपा विधायक के भाई व भतीजी की होगी गिरफ्तारी
नेपाल पुलिस ने दायर की चार्जशीट, गिरफ्तारी के लिए बिहार पुलिस से मांगी मदद
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान नेपाल में जब्त हुआ था भारी मात्रा में सोना-चांदी
विधायक ने बताया था परिवार की पुस्तैनी संपत्ति, लेकिन नहीं किया संपत्ति पर दावा
जोगबनी बॉर्डर से राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट
voice4bihar news। बिहार विधान सभा चुनाव के दौरान नेपाल में जब्त 23.5 किलोग्राम सोना व करीब 2.5 किलोग्राम चांदी की तस्करी के आरोपी भाजपा विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा के भाई व भतीजी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। वर्षों पुराने इस मामले में प्रमोद कुमार सिन्हा के भाई अशोक कुमार सिन्हा व उनकी पुत्री पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गयी है। उनकी गिरफ्तारी के लिए नेपाल पुलिस ने बिहार पुलिस से सहयोग मांगा है। ऐसे में उम्मीद है कि आरोपियों की गिरफ्तारी किसी भी वक्त हो सकती है।
मोतिहारी जिले के रक्सौल से बीजेपी विधायक हैं प्रमोद कुमार सिन्हा
गौरतलब है कि पिछले बिहार विधानसभा चुनाव के वक़्त नेपाल पुलिस ने पर्सा जिले के वीरगंज स्थित श्रीगणेश अपार्टमेंट से साढ़े 23 किलो सोना व ढाई किलोग्राम चांदी बरामद की थी। आरोप था कि इतनी भारी मात्रा में सोने-चांदी यहां तस्करी कर लाये गए थे। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल से भाजपा विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा भाई अशोक कुमार सिन्हा व अशोक की पुत्री का नाम तस्करी में सामने आने पर बिहार की सियासत में खूब बवाल मचा था। इस मामले में विधायक प्रमोद कुमार भी सीधे निशाने पर आ गए थे।
विधायक के भाई व भतीजी पर 18.65 करोड़ का जुर्माना ठोंका
तस्करी के केस में नाम आने पर विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा का परिवार का परिवार आरोपितों के बचाव में सामने आया और बरामद सोने-चांदी को अपनी पुस्तैनी संपत्ति होने का दावा बिहार में मीडिया के सामने किया। हालांकि नेपाल में आधिकारिक रूप से दावा करने के लिए कोई उपस्थित नहीं हुआ। इसके बाद पूरे मामले की गहराई से जांच की गयी। लम्बे समय तक पुलिस अनुसन्धान में इस सोने की तस्करी का आरोप पूर्वी चंपारण के अशोक कुमार सिन्हा व उनकी पुत्री पर लगा। अब नेपाल पुलिस ने इन दोनों को मुख्य आरोपी बनाते हुए 18 करोड़ 65 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए अदालत में चार्जशीट दाखिल किया है।
अशोक सिन्हा की गिरफ्तारी के लिए बिहार पुलिस से सहयोग मांगा
अवैध तरीके से रखे गए सोना-चांदी बरामद होने के बाद नेपाल पुलिस ने अनुसन्धान में बरामद सोना अशोक सिन्हा का ही होने का निष्कर्ष निकाला है। हालांकि अभी तक नेपाल पुलिस ने अशोक की गिरफ्तारी नहीं होने के कारण काउंटर पार्ट के सहयोग से गिरफ्तारी की है। पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि अशोक के बड़े भाई प्रमोद कुमार सिन्हा भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। इनकी तरफ से विधान सभा चुनाव में वीरगंज के कुछ बड़े ब्यापारियों से चंदे की मांग भी की गई थी ।

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जिस अपार्टमेंट में मिला सोना, वह भाजपा विधायक के भाई अशोक सिन्हा की बेटी के नाम
मिल रही जानकारी के अनुसार वीरगंज स्थित श्रीगणेश अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या 303 को अशोक सिन्हा ने अपनी पुत्री निवेतिका सिन्हा के नाम पर खरीदा था। नेपाल पुलिस का कहना है कि अशोक सिन्हा वहीं पर रहते हुए तस्करी के कारोबार का संचालन करते थे। पुलिस अनुसंधान में आरोप सिद्ध होने के बाद पुलिस ने अदालत में जुर्माना व गिरफ्तार कर जैल कैद का चार्जशीट अदालत में दाखिल किया है।
सोना-चांदी तस्करी का मामला कैसे हुआ उजागर?
बीते वर्ष नवम्बर महीने में बिरगंज महानगरपालिका वार्ड संख्या 5 स्थित रेशमकोठी टोल में रहे श्री गणेश अपार्टमेंट के तीसरे तल्ला पर स्थित फ्लैट संख्या-303 में नेपाल की पर्सा जिला पुलिस ने छापेमारी की थी। गुप्त सूचना के आधार पर हुई छापेमारी में अवैध रूप से तस्करी कर भारत से लाये गए 23 किलो से ज्यादा सोना व 2 किलो से ज्यादा चांदी के जेवरात बरामद किये गए थे। लेकिन पिछले वर्ष पुलिस द्वारा बरामद सोने पर किसी ने भी दावा नहीं किया, जिसके बाद इसकी बारीकी से जांच करायी गयी। बताया गया है कि बरामद सोने की कीमत 18 करोड़ 92 लाख 18 हजार 952 रुपये (नेपाली) है। वही चांदी के जेवरात का मूल्य दो लाख 927 रुपये है।
अशोक सिन्हा ने बेटी निवेदिका के नाम पर खरीदा अपार्टमेंट
नेपाल पुलिस के अनुसंधान में यह भी बात सामने आई कि वीरगंज के जिस अपार्टमेंट से सोने-चांदी बरामद हुए, वह अशोक सिन्हा की पुत्री निवेतिका के नाम पर है। पुलिस के मुताबिक यहां पर्सा का भूमिअभिलेखागर है लेकिन उक्त अपार्टमेंट में अशोक रह रहा था। पुलिस के मुताबिक विक्रम संवत 2053 में वीरगंज के बजरंगलाल अग्रवाल, नानकचन्द आसमान व श्यामसुन्दर रुंगटा द्वारा बनाया गया श्रीगणेश अपार्टमेन्ट का मालिकाना हक निवेतिका सिन्हा के नाम से है।
बाप-बेटी की बढ़ेंगी मुश्कलें, दोनों के पास है दोहरी नागरिकता
पुलिस जांच में निवेकिता व अशोक सिन्हा के पास दोहरी नागरिकता होने की भी बात कही गयी है। पर्सा पुलिस के हाथ लगे कागजात केअनुसार निवेतिका सिन्हा पेशे से डॉक्टर है तथा अभी दिल्ली में रह रही है। पुलिस के मुताबिक अशोक के साथ विगत के दिनों में कारोबार में साझेदार रहे एक व्यापारी ने पूछताछ में अशोक सिन्हा के पास भी नेपाली नागरिकता होने की बात कही है। उसने पुलिस को बताया है कि नेपाल–भारत के सहज रूप से होने वाले कारोबार को तीसरे देश से मंगा कर क्लियरिंग एजेन्ट के रूप में अवैध कारोबार को वैध बनाता जाता था है।
पूर्वी चंपारण के लक्ष्मीपुर के स्थायी निवासी
बता दें कि अशोक सिन्हा बिहार के पूर्वी चंपारण के सिंहपुर के निवासी हैं। चार भाईयों में वह तीसरे स्थान पर है। उनके दो बड़े भाई रामविनोद व प्रमोद कुमार होने की बात पुलिस ने कही है। पुलिस के अनुसंधान के मुताबिक छोटे भाई मुन्ना की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है। सोना बरामदगी से एक सप्ताह पूर्व अशोक अपने छोटे भाई मुन्ना के अन्तिम संस्कार के कार्यक्रम में रक्सौल में देखा गया था। यही कारण है कि नेपाल पुलिस मानती है कि बिहार के ही किसी भाग में अशोक छुपा बैठा है।
जमीन का मुआवजा मिलने के बाद फिरे थे दिन, फिर कहां से आई इतनी संपत्ति?
बताया जा रहा है कि पूर्वी चंपारण के हरैया व लक्ष्मीपुर में इनकी जमीन आईसीपी की सड़क के लिए अधिग्रहित होने के बाद सात करोड़ रुपये का मुआवजा मिला था। इससे पहले परिवार की हालत उतनी अच्छी नहीं थी। मुआवजा मिलने के बाद इनके दिन फिरे थे। पुलिस के अनुसार तस्करी में संलग्न व्यक्ति के नेटवर्क नेपाल, भारत सहित अन्य किस देश से जुड़ा है, इसको खंगाला जा रहा है। इसके लिए दर्जनों छोटे बड़े कारोबारियों पर निगरानी कर पूछताछ की जा रही है।