नई दिल्ली। (voice4bihar desk)। रूस से कोरोना से बचाव का स्पुतनिक वी नामक टीका लेकर रसियन हवाई जहाज शनिवार को हैदराबाद हवाई अड्डे पर उतरा। पहली खेप में डेढ़ लाख टीकों की खुराक रूस से भारत पहुंची है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि इससे भारत में टीकाकरण की गति में तेजी आयेगी। फिलहाल इन टीकों को रेड्डी लेबोरेट्री को सौंप दिया गया है। इन टीकों को सक्षम प्राधकिार से मंजूरी मिलने के बाद आम लोगों को इसे लगाने की अनुमति दी जायेगी। इस टीके को अब तक दुनिया के 64 देश कोरोना से बचाव के लिए इस्तेमाल की मंजूूूूूरी देे चुके हैं।
बिहार-झारखंड समेत देश के 14 राज्यों में एक मई को नहीं शुरू हो सका 18+ का टीकाकरण
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इधर, बिहार-झारखंड समेत देश के 14 राज्यों में कोविड से बचाव के लिए तीसरे चरण के टीकाकरण का कार्यक्रम शुरू नहीं हो सका। आधिकारिक रूप से इसकी वजह टीकों की अनुपलब्धता बतायी गयी। इस चरण में 18 से 44 साल उम्र तक के लोगों को टीके लगाये जाने हैं। देश में 16 जनवरी से शुरू हुए इस टीकाकरण अभियान में एक मई की शाम तक कुल 15,84,54,096 लोगों को टीके लगाये गये हैं। इनमें 2,78,89,889 लोगों को दोनों डोज लगाये जा चुके हैं जबकि 12,69,64,207 लोगों को सिर्फ एक डोज लगाया गया है।
बिहार को मई में मिलेंगे 16 लाख डोज, झारखंड ने मांगे 50 लाख
इस बीच, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आज यहां बताया कि मई महीने में बिहार को टीकों के लगभग 16 लाख डोज मिलेंगे। इनमें 11.89 लाख कोवीशील्ड जबकि 4.14 लाख कोवैक्सीन होंगे। मंगल पांडेय का कहना है कि वैक्सीन की आपूर्ति होते ही बिहार में 18 से 44 साल तक के लोगों का टीकाकरण शुरू कर दिया जायेगा। उधर, झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से 50 लाख टीकों के डोज की आपूर्ति करने की मांग की है।