सोलर एनर्जी से जगमग है बिहार सदन, भूकंप का भी नहीं होगा असर
आधिकारिक, गैर-आधिकारिक और चिकित्सा उद्देश्यों से दिल्ली-एनसीआर आने वाले लोगों को होगी सहूलियत
पटना (voice4bihar desk)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जिस दस मंजिले बिहार सदन का उद्घाटन किया है उसकी खासियत है कि यह बिहार के आम लोगों के लिए भी उपलब्ध रहेगा। पूरी तरह सोलर एनर्जी से जगमग करने वाले इस भवन का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सदन का पूरा होना बिहार के विकास के लिए मील का पत्थर है। आधिकारिक, गैर-आधिकारिक और चिकित्सा उद्देश्यों से दिल्ली-एनसीआर आने वाले लोगों को यहां बेहतरीन सुविधाएं मिलेंगी।
कुल 8000 वर्गमीटर यानी 86111 वर्गफुट में फैले इस भवन परिसर के 16153 वर्गमीटर अर्थात् 173870 वर्गफुट में निर्माण कार्य किया गया है। तहखाना और भूतल को छोड़कर बने इस दस मंजिला बिहार सदन में 89 डबल बेड रूम और 19 सिंगल बेड रूम हैं। आठ वीआईपी सुइट और दो वीवीआईपी सूट हैं। बहुउद्देशीय हॉल में एक साथ 200 लोग जमा हो सकते हैं। कैफेटेरिया में एक साथ 180 लोग बैठ सकते हैं। पार्किंग में 224 कारें खड़ी हो सकतीं हैं।
विज्ञापन
द्वारका के सेक्टर 19 में स्थित यह बिहार सदन इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बहुत निकट है। इसके पहले दिल्ली में बिहार भवन और बिहार निवास नामक दो स्टेग गेस्ट हाउस हैं जहां बिहार से जाने वाले मंत्री, विधायक और ब्यूरोक्रेट ठहरते हैं। बिहार सदन, बिहार निवास और बिहार भवन में बिहार के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के लिए दो सूट हमेशा आरक्षित रहते हैं। इस भवन के निर्माण पर्यावरण को घ्यान में रखते हुए फलाई ऐश ईंटों से किया गया है।
बिहार सदन मेट्रो नेटवर्क और अन्य सार्वजनिक परिवहन प्रणाली से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। दो मई, 2018 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी आधारशिला रखी थी। इस भवन के बन जाने से दिल्ली आने वाले बिहार के लोगों के लिए आवास की लंबे समय से चली आ रही समस्या का काफी हद तक समस्या का समाधान हो जाएगा। इसका डिजाइन भूकंपरोधी है।