शिक्षक अभ्यर्थियों ने ट्वीटर पर चलाया #Bihar Needs Teachers अभियान
छह लाख से अधिक लोगों का साथ मिलने का दावा
पटना (voice4bihar desk)। बिहार के प्राथमिक शिक्षक अभ्यर्थियों ने सोमवार को ट्वीटर पर #Bihar Needs Teachers अभियान चलाया। इसकी खासियत रही कि इस अभियान को राजद, कांग्रेस और वामपंथ समेत कई राजनीतिक दलों का साथ मिला पर दुखद यह है कि कई अभ्यर्थियों ने नौकरी नहीं मिलने पर आत्महत्या कर लेने की बात कही। voice4bihar.com शिक्षक अभ्यर्थियों की इस गैर जिम्मेदाराना बयान के साथ नहीं है पर सरकार से भी इस मुद्दे पर संवेदनशील होने की उम्मीद करता है। आज के बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों को ट्वीटर अभियान में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों के लोगों का समर्थन मिला। अभ्यर्थियों का दावा हे कि छह लाख से अधिक लोगों ने मिलकर इस अभियान को सफल बनाया।
यहां बता दें कि 2019 में शुरू हुई बिहार में 94,000 प्राथमिक शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है। ब्लाइंड संघ की ओर से दायर एक याचिका पर पटना हाईकोर्ट द्वारा बहाली पर रोक लगा दिये जाने के कारण शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग नहीं हो पा रही है जबकि उनका मेरिट लिस्ट बन कर तैयार है। अब विभाग को केवल अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग कर उनके सर्टिफिकेट की जांच करने और नियोजन पत्र देने का काम रह गया है। छह महीने से अधिक समय से इस मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए कोई तारीख भी नहीं दी है जिसके कारण शिक्षक अभ्यर्थियों की नियुक्ति अधर में लटकी हुई है। गत फरवरी में बिहार के शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में कहा था कि इस मामले की सुनवाई पांच अप्रैल को होगी। पर आज तक सुनवाई नहीं हुई। अब जून में सुनवाई होने की उम्मीद है पर इसकी भी अभी तारीख तय नहीं है।
काउंसिलिंग की डेट और नियोजन पत्र की मांग को लेकर कई महीने से आंदोलनरत हैं शिक्षक अभ्यर्थी
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काउंसिलिंग की डेट और नियोजन पत्र की मांग को लेकर शिक्षक अभ्यर्थी पिछले कई महीने से आंदोलनरत हैं। अभ्यर्थियों का मानना है कि सरकार बहाली ही नहीं करना चाहती है इसलिए मामले को कोर्ट में उलझाये हुए है। इधर अभ्यर्थियों का आंदोलन जारी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि आंदोलन के बल पर ही हम नियोजन के मुहाने तक पहुंचे हैं और आंदोलन करके ही नियोजन भी पा लेंगे। हालांकि इस बीच कोरोना के कारण कई साथियों के बिछड़ जाने का भी उन्हें गम है। कहते हैं कि हमारे कई साथी इलाज के अभाव में इस लोक से विदा हो गये। अगर उनके पास एक अदद नौकरी होती तो वे इलाज करा पाते और आज हमारे बीच होते।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी किया सपोर्ट
अभ्यर्थियों ने अपने अनवरत आंदोलन की एक कड़ी के रूप में सोमवार को ट्वीटर पर #Bihar Needs Teachers अभियान चलाया। अभियान को सपोर्ट करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लिखा नियोजन प्रक्रिया की सारी अहर्ताएं और प्रक्रियाएं पूरी करने के बावजूद पिछले दो वर्षों से नीतीश सरकार ने नियुक्ति पत्र प्रतिभावान शिक्षकों को नहीं दिया है। नीतीश जी को आखिर बिहार के नौजवानों को बेरोजगार और बंधुआ मजदूर ही क्यों बनाना चाहते हैं। आगे उन्होंने लिखा कि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को येन केन प्रकारेण टालना नीतीया की द्वेशपूर्ण मानसिकता को उजागर करता है। हमने अपने प्रण पत्र में संविदा प्रथा खत्म कर समान काम समान वेतन देने का संकल्प लिया था। तेजस्वी की बहन और लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्या का भी साथ भावी शिक्षकों को मिला।
रोहिणी ने लिखा, बिटिया मांगे अपना अधिकार.. शिक्षा दे दो हमें सरकार.. बिन गुरु का ज्ञान नहीं.. शिक्षा है मेरा मूल अधिकार..। राजद ने लिखा, बिहार में शिक्षकों के 3 लाख पद रिक्त है लेकिन बेरोजगार नौजवानों की दुश्मन नीतीश-मोदी भाजपा सरकार वर्षों से नियुक्ति नहीं कर रही है? कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने पूछा कि रिक्त पदों पर बहाली कब तब होगी मुख्यमंत्री जी ?
सीपीआईएमएल ने लिखा, नीतीश कुमार जी जी इन शिक्षक अभ्यर्थी की मांग जायज है। आप बहाली क्यों नहीं कर रहे हैं। बिहार को शिक्षा जगत में ऊपर लाने का सचिए। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी जी जल्द आप बहाली की प्रक्रिया शुरू कीजिए।