बिहार में जुगाड़ तकनीक से शिक्षक बनने की रेट हुई कम
छठे चरण के दूसरे फेज के बाद अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग (महिला) के अभ्यर्थियों का टोटा
पटना (voice4bihar desk)। बिहार में चल रही 94000 प्राथमिक शिक्षकों की बहाली में चारों ओर से अनियमितत की खबरें आ रहीं हैं। कहीं देर से काउंसिलिंग शुरू करने तो कहीं देर रात तक काउंसिलिंग जारी रखने को लेकर अभ्यर्थी सवाल उठा रहे हैं। इस बीच हंगामे के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की जांच में अनियमतता पाये जाने के चलते कई पंचायत और प्रखंडों की काउंसिलिंग रद्द कर अभ्यर्थियों को उनके प्रमाण पत्र वापस कर दिये गये हैं।
इन सबके बीच जुगाड़ तकनीक से नौकरी पाने में लगे अभ्यर्थियों के लिए राहत की बात है कि अब बिहार में शिक्षक बनने के लिए रेट कम हो गयी है। पिछले महीने शुरू हुई छठे चरण के पहले फेज की काउंसिलिंग के वक्त जहां जुगाड़ तकनीक के लिए अभ्यर्थियों को चार से पांच लाख रुपये खर्च करने पड़ रहे थे वहीं दूसरे फेज की समाप्ति तक यह गिरकर 50 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक आ गयी थी।
अब तक के दो फेज की काउंसिलिंग में करीब 40 फीसद सीटें रह गयीं खाली
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पहले फेज की काउंसिलिंग के बाद करीब 15 हजार अभ्यर्थी शिक्षक पद के लिए लॉक कर दिये गये जबकि दूसरे फेज में भी करीब इतने ही अभ्यर्थियों को पद के अनुरूप लॉक किया गया है। दूसरे फेज की समाप्ति तक कई प्रखंड और पंचायत नियोजन इकाइयों को अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग (महिला) के अभ्यर्थी नहीं मिले। कुल मिलाकर अब तक जितनी सीटों के लिए काउंसिलिंग हुई उनमें से करीब 40 फीसद पद खाली रह गयीं हैं।
इनमें अनारक्षित कोटे की सीटें कम ही हैं। काउंसिलिंग के बाद भी जो सीटें खाली रह गयीं हैं और जिन नियोजन इकाइयों में मेधा सूची अनुमोदित नहीं होने के कारण अब तक काउंसिलिंग हुई ही नहीं है वहां कब काउंसिलिंग होगी इस बारे में अभी न तो अभ्यर्थियों को कुछ पता है और न ही नियोजन इकाइयों को। ऊपर से काउंसिलिंग में आरक्षित कोटे की सीटें भी खाली रह जा रहीं हैं। यही कारण है कि बिहार में जुगाड़ तकनीक से शिक्षक बनने की रेट में भी कमी आयी है। शिक्षा विभाग अगर इसी माह तीसरे फेज की काउंसिलिंग की डेट तय कर देता है तो इस रेट में और गिरावट की उम्मीद अभ्यर्थियों को है।
हालांकि रेट कम होने का एक कारण काउंसिलिंग सेंटर में व्याप्त अनियमितता भी है। पूर्व में जहां शिक्षा विभाग मुख्यालय से काउंसिलिंग की मॉनिटरिंग कर रहा था वहीं अब इसे कोई देखने वाला नहीं है। मुख्यालय के निर्देशों को दरकिनार कर काउंसिलिंग सेंटर पर अधिकारी अपना नियम बनाते हैं और उसी को चलाते हैं। पूर्व में शिक्षा विभाग के मुख्यालय में कार्यरत हेल्पलाइन नंबर पर अब फोन भी नहीं लगता है कि अभ्यर्थी अपनी परेशानी वहां तक पहुंचा सकें। काउंसिलिंग सेंटर पर अनिवार्य रूप से कार्यरत हेल्पडेस्क भी अब इतिहास की बात हो गयी है।
काउंसिलिंग के लिए कोई रिश्वत मांगे तो निगरानी को दें सूचना
हालांकि कई अभ्यर्थी ऐसे भी हैं जो जुगाड़ तकनीक के पक्षधर नहीं हैं। उनका कहना है कि जिन नियोजन इकाइयों में अब तक काउंसिलिंग हुई ही नहीं है वहां अनारक्षित और आरक्षित सभी कोटि के छात्र-छात्राओं के लिए पर्याप्त मौके हैं। इसलिए उन्हें धैर्य से काम लेना चाहिए। साथ ही जुगाड़ तकनीक ऑफर करने वाली नियोजन इकाइयों के खिलाफ निगरानी में शिकायत करनी चाहिए। निगरानी ने आम लोगों से अपील की है कि रिश्वत मांगने से संबंधित कोई भी शिकायत कार्यालय अवधि में ब्यूरो के दूरभाष संख्या 0612-2215344 एवं मोबाइल नंबर 7765953261 पर कर सकते हैं। बता दें कि इन दिनों निगरानी द्वारा लगातार की जा रही कार्रवाई से बिहार के अफसरो में हड़कंप मचा हुआ है।