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बिल लोगों की रक्षा करने वाला है, किसी को कष्ट पहुंचाने वाला नहीं : नीतीश

बिहार सशस्त्र पुलिस बिल पर मुख्यमंत्री ने दिया वक्ततव्य

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पटना (voice4bihar desk)। बिहार सशस्त्र पुलिस बिल लोगों की रक्षा करने वाला है, किसी को कष्ट पहुंचाने वाला नहीं। इसको लेकर गलतफहमी फैलायी जा रही है। ये बातें मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में दिन भर हुए हंगामे और अव्यवस्था के बाद शाम में कही। दिन भर में पांच बार विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करने के बाद शाम करीब सात बजे हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को जबरन सुरक्षाकर्मियों की सहायता से सदन से बाहर निकाले जाने के बाद जब छठी बार कार्यवाही शुरू हुई उस वक्त मुख्यमंत्री ने इस बिल को लेकर संक्षिप्त वक्तव्य दिया।

बिल के बारे में लोगों को पहले बताया जाना चाहिए था

अपने वक्तव्य में मुख्यमंत्री ने कहा कि जब यह बिल मंत्रिमंडल की बैठक में लाया गया था उसी वक्त उन्होंने अधिकारियों को कहा था कि उन्हें इसके प्रावधानों के बारे में मीडिया के माध्यम से लोगों को पहले बताना चाहिए ताकि किसी तरह की गलतफहमी नहीं हो लेकिन, ऐसा नहीं हो सका।

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उन्होंने विपक्षी सदस्यों के सदन में किये गये व्यवहार पर ऐतराज जताते हुए कहा कि उन्हें विरोध करना चाहिए, अपनी बात भी रखनी चाहिए पर जवाब भी सुनना चाहिए। मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वे नये सदस्यों के प्रशिक्षण का इंतजाम करें ताकि वे सदन के कामकाज का तरीका जान सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे 1985 से सदन के सदस्य हैं पर आज जैसा दृश्य कभी नहीं देखा।

दायित्व के अनुरूप बल को दी जा रही है शक्ति

मुख्यमंत्री ने बिहार सशस्त्र पुलिस बिल की चर्चा करते हुए कहा कि यह लोगों की रक्षा करने वाला है किसी को कष्ट पहुंचाने वाला नहीं है। इसमें ऐसी कोई नयी बात नहीं है जो दूसरे राज्यों के विशेष बल को नहीं है। उन्होंने कहा कि आप जब किसी को काम सौंपेंगे तो उसे अधिकार भी देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार मिलिट्री पुलिस (BMP) का नाम बदलकर बिहार सशस्त्र पुलिस किया जा रहा है। साथ ही अब इस बल की सेवा दरभंगा एयरपोर्ट और महाबोधि मंदिर जैसी जगहों पर ली जा रही है। इसलिए वहां के दायित्व के अनुरूप बल को शक्ति दी जा रही है। अब एयरपोर्ट पर कोई फायरिंग करने लगेगा तो वहां तैनात सुरक्षाकर्मी कार्रवाई करेगा न कि परमिशन का इंतजार करेगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बिहार सशस्त्र पुलिस बल को सिर्फ प्रारंभिक कार्रवाई करने का अधिकार रहेगा। इसके बाद वह मामले को स्थानीय थाने को सौंप देगा जो विधि सम्मत कार्रवाई करेगी।

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