पटना (voice4bihar desk)। पटना एम्स में बुधवार को जहां एक डॉक्टर कोरोना से जंग हार गया वहीं एक अन्य शख्स संक्रमण से हिम्मत हार गया और उसने अस्पताल की पांचवीं मंजिल से कूद कर आत्महत्या कर ली। कोरोना से जंग हारने वाले पटना एम्स के जूनियर रेजिडेंट डॉ. प्रदीप कुमार यूरोलॉजी विभाग में तैनात थे।

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32 वर्षीय डॉ. प्रदीप कुमार की ड्यूटी कोविड वॉर्ड में थी। कोरोना की दूसरी लहर में और लोगों की जिंदगी बचाते-बचाते वे खुद 26 अप्रैल को कोरोना पॉजीटिव हो गये। उन्हें 26 अप्रैल को कोविड वॉर्ड के आइसोलेशन रूम में भर्ती कराया गया। स्थिति में सुधार नहीं होने पर एक हफ्ते बाद आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। वहां भी हालत में सुधार होने की बजाये धीरे धीरे गम्भीर होती चली गई। पिछले दस दिनों से वे वेंटीलेटर पर थे। उनकी tracheostomy भी की गयी, पर मंगलवार की आधी रात को उन्होंने आईसीयू में उन्होंने आखिरी सांस ली।
डॉ. प्रदीप कुमार शिवहर जिले के कोहुआ ठिकाहा ग्राम के निवासी थे। अस्पताल के युवा डॉक्टर की मौत से एम्स के डाक्टर, नर्स आदि स्वास्थ्यकर्मी मर्माहत हैं। फैप ( Faculty Association of AIIMS Patna) ने अपने युवा साथी के निधन पर शोक व्यक्त किया और प्रधानमंत्री बीमा योजना से इस कोरोंना योद्धा के परिवार को 50 लाख की राशि जल्द से जल्द देने की मांग की।
पटना एम्स में बुधवार को एक अन्य घटना में अस्पताल के पांचवे तल्ले की खिड़की से कोरोना पॉजीटिव 57 वर्षीय मरीज ने छलांग लगा कर आत्महत्या कर ली। पटना एम्स में कोरोना मरीज के आत्महत्या की यह चौथी घटना है। मृत मरीज रामचंद्र साह बेंगलुरू के राइस मिल में लेबर कांट्रेक्टर था। दो मई को अपने घर आने के बाद वह कोरोना पॉजीटिव हो गया था। एम्स में 16 मई को उसे परिजनों ने एडमिट कराया था। फुलवारीशरीफ थाने में इस मामले में यूडी केस दर्ज किया गया है।