कचरे के ठेले पर ढोया गया कोरोना से मृत व्यक्ति का शव
अफसरों की गर्दन फंसी तो तीन सफाईकर्मियों को किया बर्खास्त
नगर पंचायत के ठेले पर शव को श्मशान तक ढोये जाने का वीडियो वायरल
मानवता को शर्मसार करने वाली घटना पर जिलाधिकारी ने लिया संज्ञान
बिहारशरीफ (voice4bihar desk) । नालंदा जिले की इस्लामपुर नगर पंचायत में कचरे के ठेले पर शव ढोये जाने के मामले में प्रशासन ने तीन सफाइकर्मियों को बर्खास्त कर अपना पिंड छुड़ा लिया है। यह शर्मनाक घटना नगर पंचायत के मलिकसराय वार्ड संख्या 2 में हुई जहां कोरोना से शिवशंकर चौधरी की हुई मौत के बाद अमानवीय तरीके से शव को कचरे के ठेले से श्मशान घाट ले जाया गया। इस संबंध में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
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वीडियो वायरल की सूचना पर जिलाधिकारी ने इस मामले को संज्ञान लेते हुए हिलसा अनुमंडलाधिकारी राधाकांत, अपर अनुमंडलाधिकारी शशांक राज एवं इस्लामपुर अचंलाधिकारी अजय कुमार को जांच की जिम्मेदारी सौंपी। इन अफसरों ने संयुक्त रूप से इस मामले की जांच करते हुए इस्लामपुर नगर पंचायत के तीन सफाईकर्मियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया।
हिलसा अनुमंडलाधिकारी राधाकांत ने पत्रकारों को बताया कि घटना के बारे में हम लोगों ने मृतक शिवशंकर चौधरी के पिता कृष्णा चौधरी समेत अन्य मुहल्लेवासियों से पूछताछ की। इस दौरान बताया गया कि संबंधित पदाधिकारी से बात किए बिना ही स्वयं ही अपने आप को बचाते हुए नगर पंचायत के कचरे के ठेले पर शव को लाद कर श्मशान घाट ले गए और दाह संस्कार किया। सारी बातों से अवगत होते हुए इस मामले में हिलसा अनुमंडलाधिकारी राधाकांत ने दोषी पाए गए तीन सफाईकर्मियों को बर्खास्त कर दिया।
एसडीओ राधाकांत ने बताया कि बिना पदाधिकारी की अनुमति के सफाईकर्मियों ने नगर पंचायत के कचरे के ठेला का इस्तेमाल शव ढोने में करने दिया। इस कारण कहीं न कहीं ये लोग भी दोषी पाए जाते हैं। हालांकि सरकार ने आदेश जारी किया है कि कोरोना जैसी गंभीर बीमारी से किसी व्यक्ति की मौत होती है तो दाह संस्कार में आने वाले खर्च की जिम्मेवारी नगर पंचायत को दी गयी है। इसके बावजूद इस तरह की घटना सामने आना मानवता के लिए शर्मनाक है।
सूत्रों के अनुसार यह महज संयोग है कि शिवशंकर चौधरी के शव को कचरे के ठेले पर ढोने का वीडियो वायरल होने पर प्रशासन की नींद खुली। वैसे तो अब तक इस तरह कचरे के ठेले में पांच शवों को लेकर श्मशान घाट ले जाकर दाह संस्कार किया गया है। उन शवों का वीडियो वायरल नहीं होने से प्रशासन खामोश रहा। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि कचरे के ठेले में शव को भेजने में अधिकारी भी संलिप्त हैं, लेकिन किसी अधिकारी के विरुद्ध इस मामले में संज्ञान नहीं लिया गया।