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ऑक्सीजन पर प्रशासन के पहरे से बंद हो जायेंगे राजधानी के 90 अस्पताल

आईएमए ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर मांगी मदद

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पटना (voice4bihar desk)। आईएमए का कहना है कि प्रशासन द्वारा केवल गिने-चुने अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति किया जाना गंभीर विषय है। मरीजों के इलाज एवं ऑक्सीजन की जरूरत के संबंध में चिकित्सकों की मुख्य भूमिका होनी चाहिए न की प्रशासन की। प्रशासन केवल ऑक्सीजन एवं अन्य जरूरी दवाओं की उपलब्धता एवं कालाबाजारी को रोकने में अपनी भूमिका निभाए।

आईएमए ने मंगलवार को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में जानकारी दी है कि 21 अप्रैल को पटना के सिविल सर्जन ने बैठक बुलाई थी इसमें आईएमए के बिहार के अध्यक्ष को भी बुलाया गया था। बैठक में जिलाधिकारी शामिल नहीं हुए थे लेकिन दूरभाष पर उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिये थे। बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया था कि जिले के सभी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जायेगी। चुंकि सभी अस्पतालों में कोविड और नॉन कोविड मरीजों का इलाज चल रहा है, ऐसे में गंभीर मरीजों को जरूरत के अनुसार मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता जरूरी है।

इस बात पर सहमति बनी कि इन अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं का उल्लेख करते हुए कोविड एवं नॉन कोविड रोगियों के सुगम एवं निर्वाध ऑक्सीजन आदि के आवंटन के लिए जिला सिविल सर्जन द्वारा आवेदन आमंत्रित किया जाय। ऐसे अस्पतालों के संचालक अपने अस्पताल का टेलीफोन नंबर, कार्यरत चिकित्सकों के नाम, पता, विशेषज्ञता, मेडिकल कांउसिल का निबंधन प्रमाण पत्र, बेड्स की संख्या, वेंटीलेटर की संख्या एवं अन्य उपलब्ध सुविधाओं का जिक्र करते हुए पटना सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन देंगे जिसपर सिविल सर्जन क्षमता के अनुसार ऑक्सीजन एवं दवाओं की आपूर्ति करायेंगे।

उक्त बैठक में सिविल सर्जन ने पटना के 86 अस्पतालों को कोविड के इलाज के लिए अधिसूचित करने की सूचना दी तथा तय हुआ कि चूंकि सभी अस्पतालों में कोविड के मरीज आ रहे हैं इसलिए अस्पतालों को उपलब्ध सुविधा के अनुसार कोविड एवं नॉन कोविड के गंभीर मरीजों के इलाज की स्वीकृति देते हुए ऑक्सजीन की आपूर्ति सुनिचित की जायेगी।

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इस बैठक के बाद आवेदन के आधार पर चार और अस्पतालों को भी कोविड के इलाज स्वीकृति दी गयी है। कई अन्य अस्पतालों ने आवेदन दिये और अब भी दिये जा रहे हैं। लेकिन अब सिविल सर्जन ने आईएमए बिहार को बताया है कि पटना जिला प्रशासन के आदेश पर अन्य किसी भी अस्पताल को कोविड के इलाज की स्वीकृति नहीं दी जायेगी और न ही ऑक्सीजन की आपूर्ति की जायेगी। इस कारण कोविड एवं नॉन कोविड दोनों तरह के गंभीर रोगियों के जान को नुकसान होने की संभावना है।

आईएमए ने मुख्यमंत्री को मंगलवार को लिखे पत्र में कहा है कि ऑक्सीजन की अनुपलब्धता के चलते उपर्युक्त 90 अस्पतालों के अलावा अन्य निजी अस्पतालों के बंद हो जाने की नौबत आ गयी है। इस गंभीर विषय पर आपके अविलंब हस्तक्षेप की जरूरत है। आईएमए ने यह भी कहा है कि मरीजों के इलाज एवं ऑक्सीजन की जरूरत के संबंध में चिकित्सकों की मुख्य भूमिका होनी चाहिए न की प्रशासन की। प्रशासन केवल ऑक्सीजन एवं अन्य जरूरी दवाओं की उपलब्धता एवं कालाबाजारी को रोकने में अपनी भूमिका निभाए।

तीन महीने के लिए चिकित्सकों की नियुक्ति पर भी आईएमए ने जताया एतराज

पत्र में लिखा है कि आईएमए बिहार ने महामारी के आलोक में चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की  अविलंब बहाली का आपसे आगह किया था जिसपर आपके द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हार बहाली की पकिया शरू करने का आदेश दिया गया। आईएमए बिहार इसका स्वागत करता है। लेकिन ज्ञात हुआ है कि चिकित्सकों की नियुक्ति केवल तीन महीने के लिए की जा रही है, इससे उनकी उपलब्धता में भारी कमी होगी। वर्तमान महामारी को देखते हुए जितने भी उपलब्ध चिकित्सक है उन्हें वॉक-इन-इंटरव्यू द्वारा नियमित अथवा संविदा पर बहाल किया जाना चाहिए। साथ ही कोविड काल में कार्य करने के लिए उन्हें विशेष प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।

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