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एनआईए पहुंची दरभंगा, पार्सल विस्फोट की जांच में जुटी

शामली से दो गिरफ्तार, सिकंदराबाद में चार हिरासत में लिये गये, पूछताछ जारी

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दरभंगा (voice4bihar desk)। सिकंदराबाद से दरभंगा भेजे गए पार्सल मे हाई इंसेंटिव विस्फोटक होने की लैब रिपोर्ट सामने आने के बाद इसकी जांच एनआईए ने शुरू कर दी है। एनआईए की दो सदस्यीय टीम शुक्रवार की शाम दरभंगा जंक्शन पहुंची और प्रारंभिक पड़ताल शुरू की। रेल एसपी भी साथ में हैं। टीम प्लेटफॉर्म के उस स्थान पर गयी जहां पार्सल में विस्फोट हुआ था। टीम ने स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और घटना के वक्त मौजूद पार्सलकर्मियों और जीआरपी के अधिकारियों व जवानों से भी घटना की जानकारी ली।

पार्सल में हुए विस्फोट के बाद भी एसआरपी दरभंगा जंक्शन आए थे। इस बीच इस विस्फोट की जांच में जुटी एटीएस एवं विभिन्न राज्यों की एसटीएफ की टीम ने भी जांच का दायरा बढ़ा दिया है।

उत्तर प्रदेश के शामली से दो गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम ने कोतवाली कैराना जनपद शामली से हाजी कासिम और उसके पुत्र काफिल को गिरफ्तार किया है। सिकंदराबाद से दरभंगा भेजे गए पार्सल पर मो. काफील का मोबाइल नंबर अंकित था। एसटीएफ की टीम उससे पूछताछ कर रही है। वहीं सिकंदराबाद में एटीएस की टीम उन चार लोगों से पहले से पूछताछ कर रही है जिन्हें हिरासत में लिया गया था। 15 जून को जिस दिन सिंकदराबाद से पार्सल की बुकिंग की गयी थी उस वक्त इन्हें संदिग्ध रूप से पार्सल कार्यालय के आसपास देखा गया थे।

दरभंगा स्टेशन पर मौजूद संदिग्ध नेपाल भागा

दरभंगा जंक्शन पर विस्फोट होने के समय सीसीटीवी फुटेज में जिस व्यक्ति की  संदिग्ध उपस्थिति पाई गई थी उसकी जांच करने पर पुलिस को पता चला है कि वह नेपाल भाग गया है। उसके मोबाइल का अंतिम लोकेशन नेपाल के पास मिला है। इस तरह इस घटना में अब तक आधा दर्जन से अधिक संदिग्ध की गिरफ्तारी हो चुकी है।  हालांकि अभी कई रहस्य का सुलझना बाकी है। इस विषय पर किसी तरह का कोई वक्तव्य प्रशासनिक स्तर से नहीं मिल पा रहा है।

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बहुत बड़ी आतंकी साजिश की आशंका

बताया जाता है कि जिस सुफियान के नाम से पार्सल सिकंदराबाद से दरभंगा भेजा गया था उस नाम के आतंकी को भारतीय सुरक्षा एजेंसियां पहले से तलाश रही है। एक ऐसे आतंकवादी का है जिसकी ट्रेनिंग पाकिस्तान में हो चुकी है। सवाल यही है क्या यह वही आतंकवादी सुफियान है जिसको बरसों से तलाश है। अगर यह वही सुफियान होता तो वह अपने नाम पार्सल पर क्यों भेजता, किसी और के नाम से भी भेज सकता था, जबकि वह भली भांति जानता था कि इस नाम को पुलिस बेसब्री से तलाश रही है। निश्चित रूप से सुफियान नाम का इस्तेमाल कर एक बहुत बड़ी साजिश रची गई है। इसके पीछे आतंकवादियों का कोई बड़ा मकसद भी हो सकता है।

सिकंदराबाद से 15 जून को पार्सल में भेजा गया था विस्फोटक

ज्ञात हो कि सिकंदराबाद जंक्शन से 15 जून को कपड़े के बंडल में छुपाकर एक शीशी में विस्फोटक भेजा गया था। दरभंगा जंक्शन पर 17 अगस्त को जब यह ट्रेन पहुंची और इस पार्सल को प्लेटफार्म संख्या 3 से उतारकर प्लेटफार्म संख्या 1 पर लाकर रेलवे कर्मी ने पटक कर रखा तो इसमें विस्फोट हो गया और कपड़े का बंडल जलकर राख हो गया। इस विस्फोट ने देश की सभी जांच एजेंसियों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कर लिया। विस्फोट से इतना तय हो गया कि बंडल में विस्फोटक पदार्थ को छुपा कर भेजा गया था जिसे पटकने मात्र से विस्फोट कर गया।

सिकदंराबाद के आरपीएफ इंस्पेक्टर निलंबित

इसकी दरभंगा से सिकंदराबाद तक जांच शुरू हो गई। इतना तय है कि यह देश की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ा मामला है और कहीं ना कहीं किसी आतंकवादी संगठन के द्वारा ही ऐसा किया गया है। पुलिस ने इसे आतंकवादियों की साजिश मानकर जांच शुरू की है। अब तक की जांच में इसके पीछे आईएसआई का हाथ होने की बात भी सामने आ रही है। आखिर एक छोटी सी शीशी में कपड़े के बंडल में छुपा कर विस्फोटक भेजने के पीछे आतंकवादियों की क्या मंशा रही होगी। शीशी में जिस विस्फोटक पदार्थ को भेजा गया था वह काफी तीव्र क्षमता का था। इस बीच मामले की जांच में सिकंदराबाद के आरपीएफ इंस्पेक्टर की लापरवाही सामने आने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

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