रोडरेज के कारण हुई इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रुपेश की हत्या
घटना के 22वें दिन पटना पुलिस ने किया खुलासा
पटना (vioce4bihar Desk) । इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रुपेश सिंह की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पटना पुलिस का दावा है कि रुपेश की हत्या रोड रेज के कारण हुई थी। इस मामले में गिरफ्तार एक मात्र आरोपी ने पुलिस को बताया है कि रोडरेज की यह वारदात दो माह पहले हुई थी और तभी से वह अपने साथियों के साथ रुपेश के पीछे पड़ा था। इस बीच उसने चार बार रुपेश को निशाने पर लिया पर हर बार वह नाकाम रहा। हालांकि वारदात में इस्तेमाल हथियार और गिरफ्तार आरोपी के तीन साथियों तक अभी पटना पुलिस नहीं पहुंच सकी है।
इस मामले में गिरफ्तार आरोपित ऋतुराज की मानें तो उसे नहीं पता था कि रुपेश हाईप्रोफाल व्यक्तित्व हैं और उनकी हत्या से इतना बड़ा बवाल हो जायेगा। वारदात के अगले दिन जब उसने अखबार में रुपेश से जुड़ी खबर देखी तब जाकर उसे इस बात का अहसास हुआ। ऋतुराज मूल रूप से धनरुआ का रहने वाला है। उसका ननिहाल जहानाबाद के घोसी में है।
पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा की मानें तो नंवबर में छठ के आसपास राजवंशी नगर से पहले बेली रोड पर रूपेश की कार की टक्कर उसकी बाइक से हुई थी। उस वक्त दोनों में बहस हुई थी और मारपीट की नौबत आ गयी थी। उसने तभी से रुपेश को निशाने पर ले रखा था। पुलिस के अनुसार 12 जनवरी को घटना के दिन ऋतुराज अपने तीन साथियों के साथ पुनाईचक इलाके में पहुंच गया था। दोपहर करीब ढाई बजे में उसने अपने साथियों के साथ राजवंशीनगर हनुमान मंदिर के पास चाय पी।
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वहां थोड़ी देर इधर-उधर करने के बाद ऋतुराज अपने साथियों के साथ पुनाईचक में स्थित रुपेश के अपार्टमेंट के पास पहुंच गया। शाम करीब सात बजे रुपेश जैसे ही अपने अपार्टमेंट के बाहर पहुंचे ऋतुराज और उसके साथियों ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद रुपेश और उसके तीनों साथी दो अपाचे और पल्सर बाइक पर सवार होकर फरार हो गये।
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जब जांच-पड़ताल शुरू की तो यह मामला पूरी तरह ब्लाइंड था। हत्या किसने की और हत्यारों की रुपेश से क्या दुश्मनी थी इसका कुछ पता नहीं था। पुलिस की जांच में टेक्नोलॉजी ने अहम भूमिका निभायी। पुलिस ने घटना के वक्त आसपास में सक्रिय मोबाइल की जांच शुरू की तो कुछ सुराग मिले। पुलिस की नजर जिस मोबाइल पर जाकर टिकी वह घटना के कुछ देर पहले से बंद था। वह मोबाइल अगले दिन जब ऑन हुआ तो उसका लोकेशन रांची बता रहा था।
पुलिस ने अनुमान लगाया कि वारदात के बाद शातिर भाग कर रांची चला गया। पुलिस उस मोबाइल के सीडीआर को खंगालने में जुटी तो उसे ऐसा कोई सुराग नहीं मिला जिससे लगे कि इतनी बड़ी वारदात को वह अंजाम दे सकता है। इधर, पुलिस घटना के कारणों की तलाश में अन्य बिंदुओं को टटोलती रही। कभी पार्किंग विवाद तो कभी ठेका से जोड़कर पुलिस ने जांच जारी रखी।
पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए करीब दो सौ लोगों से पूछताछ की और सेकड़़ों मोबाइल नंबर के सीडीआर खंगाले। पटना पुलिस की एक टीम उस मोबाइल पर भी नजर टिकाये रही जो वारदात के बाद रांची चला गया था। पुलिस को जब उसकी गतिविधियों को लेकर कुछ संदेह हुआ तो उसके खिलाफ सबूत जुटाये गये। पटना आने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने हत्या में अपना जुर्म कबूल कर लिया। एसएसपी के मुताबिक, ऋतुराज आदतन बाइक चोर था। उसके मुहल्ले के लोगों से पता चला है कि वह हर 15-20 दिन पर अपनी बाइक बदल लेता था। रूपेश हत्याकांड को भी उसने चोरी की ही बाइक से अंजाम दिया था।