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शिक्षक अभ्यर्थियों ने ट्वीटर पर चलाया #Relase_Third­_Phase अभियान

देश भर में टॉप ट्रेंड पर रहा शिक्षक अभ्यर्थियों का #Relase_Third­_Phase अभियान

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पटना (voice4bihar desk)। बृहस्पतिवार को बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों ने ट्वीटर पर #Relase_Third­_Phase अभियान चलाया। शाम करीब चार बजे शुरू हुआ अभियान चंद घंटों में ही देश में टॉप पर ट्रेंड करने लगा। इस अभियान के तहत डेढ़ लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने बिहार सरकार से प्राथमिक शिक्षक बहाली के लिए छठे चरण के तीसरे फेज की काउंसिलिंग की तारीख जारी करने और अब तक के दो फेज में चयनित 38000 से अधिक अभ्यर्थियों के लिए नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग की।

2017 में हुई थी बीटेट, तब से नियुक्ति की आस लगाये बैठे हैं अभ्यर्थी

यहां बता दें कि बिहार में 94000 प्राथमिक शिक्षकों की बहाली प्रकिया 2017 से चल रही है। अभ्यर्थियों के सड़क पर धरना प्रदर्शन के बाद सरकार ने 2017 में बीटेट की परीक्षा आयोजित की। फिर दो साल के संघर्ष के बाद 2019 में शिक्षा विभाग ने नियुक्ति का विज्ञापन जारी किया। विभिन्न कारणों से नियुक्ति का यह मामला पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में फंसा रहा। इस साल जून में पटना हाईकोर्ट से अंतिम रूप से नियुक्ति की हरी झंडी मिलने के बाद पूरी प्रक्रिया सरकार की अफसरशाही में फंसी हुई है।

इस साल शिक्षक दिवस के दिन भी नियुक्ति पत्र मिलने की उम्मीद नहीं

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जून के पहले सप्ताह में पटना हाईकोर्ट का फैसला आने के पूर्व बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा था कि हाईकोर्ट इजाजत दे हम हफ्ता से 15 दिनों में बहाली प्रक्रिया पूर्ण कर लेंगे। पर हाईकोर्ट का फैसला आने के करीब तीन महीने बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है। नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने के बाद शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के दिन नये शिक्षक विद्यालयों में रहेंगे। पर अभ्यर्थियों को शिक्षक दिवस के दिन पांच सितंबर को भी नियुक्ति पत्र मिलने की उम्मीद नहीं है।

दो फेज में 38000 अभ्यर्थी हुए चयनित 56000 पद अब भी खाली

इस लेटलतीफी से शिक्षक अभ्यर्थियों का धैर्य जवाब देता जा रहा है। जून महीने में अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग के लिए दो फेज का शिड्यूल निकला था। इसके तहत काउंसिलिंग हुई जिसमें करीब 38000 अभ्यर्थी चयनित हुए। अब भी करीब 56000 प्राथमिक शिक्षकों के पद खाली हैं और 13 अगस्त के बाद काउंसिलिंग की कोई तारीख नहीं आयी है। इस बीच अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल सचिवालय का चक्कर लगा चुका है पर हर ओर से निराशा ही हाथ लगी है।

राज्य के मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री और शिक्षा विभाग के तमाम बड़े अफसरों से नाउम्मीद होने के बाद शिक्षक अभ्यर्थियों ने बृहस्पतिवार को ट्वीटर पर अभियान चलाया। अभियान अपने आप में काफी सफल रहा। पर, शिक्षा मंत्री और उनके अफसरों पर इसका कितना प्रभाव पड़ता है यह आने वाला वक्त बतायेगा।

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