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किताबों के बाहर भी खुलते हैं किस्मत के ताले : डॉ. कांति

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  • नौजवानों के मन मस्तिष्क में नकारात्मक ऊर्जा से लड़ने की शक्ति पैदा करता है खेल
  • पूर्व केंद्रीय मंत्री ने शिवसागर में किया ग्रामीण ओलंपिक खेल का शुभारम्भ

अभिषेक कुमार सुमन की रिपोर्ट

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सासाराम (voice4bihar desk)। शिक्षा के लिए किताबों का महत्व सर्वाधिक है लेकिन किताबों के बाहर भी किस्मत के ताले खोलते हुए अपने कैरियर को नई उड़ान देकर अपने माता-पिता सहित स्वयं का सामाजिक महत्व बढ़ाने की भरपूर संभावनाओं का खुला आकाश मौजूद है।

उक्त बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ कांति सिंह ने रोहतास जिला के शिवसागर प्रखंड अंतर्गत कैमूरांचल घाटी की गोद में बसे मोहम्मद पुर गांव में आयोजित ग्रामीण ओलंपिक खेल के उद्घाटन संबोधन में कहीं। डॉ कांति सिंह ने कहा कि नौजवानों के मन मस्तिष्क में नकारात्मक ऊर्जा से लड़ने की शक्ति पैदा करने के लिए खेलों का आयोजन आवश्यक है। कांति सिंह ने कहा कि खेल को खेल की भावना से जीवन में प्रयोग करते हुए कोई भी युवा अपने भविष्य को उज्जवल बना सकता है।खेल एक ऐसा कैरियर बन चुका है, जिसमें युवा पीढ़ी अपनी प्रतिभा के बल पर उम्मीद से ज्यादा धन उपार्जन कर सकती है।

इस मौके पर रिले दौड़ क्विज प्रतियोगिता कुश्ती और फुटबॉल मैच सहित आधा दर्जन खेलों में बच्चों ने भाग लिया ग्रामीण ओलंपिक खेल का आयोजन एकलव्य युवा क्लब के बैनर तले किया गया इस अवसर पर राजद जिला महासचिव जय शंकर शर्मा के अलावा जिला परिषद सदस्य रिंकू देवी कुमारी सुप्रिया रानी मालती कुमारी मंटू यादव अरविंद यादव अभय यादव अजय यादव विनोद राम प्रमोद कुमार संतु चेरो फूलचंद चेरो राजबल्लभ चेरो बबन सिंह सहित सैकड़ों ग्रामीण राजद कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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