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जमानत मिलने के 10 दिनों बाद लालू प्रसाद को मिली जेल से रिहाई

विगत 17 अप्रैल को ही झारखंड हाईकोर्ट ने दी थी जमानत

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कानूनी अड़चन व तकनीकी पेच की वजह से रिहाई में लगा वक्त

इलाज कराने के लिए फिलहाल दिल्ली में ही रहेंगे लालू प्रसाद, बिहार के प्रशंसक मायूस

पटना (voice4bihar news)। चारा घोटाले के एक मामले में करीब सवा तीन वर्षों से रांची के एक जेल में बंद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव आखिरकार जेल से रिहा हो गये। वैसे तो उन्हें रांची हाईकोर्ट ने विगत 17 अप्रैल शनिवार को ही जमानत दे दी थी। लेकिन कानून के तकनीकी पेच के कारण उन्हें 11 दिन बाद जेल से आजादी मिली। उनकी रिहाई के ऑर्डर गुरुवार को ही दिल्ली एम्स भेज दिए गए थे, जहां उनका इलाज चल रहा है। अब एम्स को रिहाई के ऑर्डर की हार्ड कॉपी भी मिल गई है। अब लालू कैद से आजाद हैं, लेकिन परिवार ने उन्हें फिलहाल AIIMS में ही रखने का फैसला लिया है।

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इस फैसले के बाद दिल्ली से लेकर पटना तक कार्यकर्ताओं में उत्साह छा गया, लेकिन उन्हें जश्न मनाने से मना कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद फिलहाल नई दिल्ली स्थित एम्स में इलाजरत हैं। कई बीमारियों से जूझ रहे लालू को पिछले दिनों रांची से एम्स रेफर किया गया था। ऐसे में बेल प्रक्रिया में थोड़ा विलंब हो सकता है। जानकारों ने बताया कि रांची हाईकोर्ट से जमानत के कागजात पहले रांची जेल भेजे जाएंगे। फिर जेल प्रशासन रीलिज ऑर्डर जारी करेगा। तभी उन्हें एम्स से छुट्‌टी मिलेगी।

झारखंड के दुमका कोषागार से अवैध निकासी को लेकर चारा घोटाले के एक मामले में लालू की जमानत पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने 17 अप्रैल शनिवार को ही जमानत दे दिया था। तभी यह अंदेशा था कि कुछ कानूनी प्रक्रियाओं के पालन के बाद आज लालू प्रसाद जेल से बाहर आ जायेंगे। जमानत मिलने के वक्त से लेकर आज तक लालू प्रसाद दिल्ली के एम्स में इलाजरत थे। इसके पहले गुरुवार को लालू के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने सीबीआइ कोर्ट में 30 लाख जुर्माना में से 10 लाख रुपये जमा किया, उसके बाद सीबीआइ कोर्ट से रिलीज आर्डर जेल भेज दिया गया। जेल प्रबंधन ने आर्डर एम्स प्रबंधन को मेल कर दिया। उसके बाद वे जेल से निकल गये।

दूसरी ओर लालू प्रसाद के परिवार का कहना है कि दिल्ली में चिकित्सा व्यवस्था बेहतर है। लालू को डॉक्टर की देख-रेख में रहना है। ऐसे में दिल्ली ही उनके लिए बेहतर है। डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक ही परिवार फैसला लेगा। डॉक्टरों की मंजूरी के बाद ही लालू को घर ले जाया जाएगा। इस स्थिति में वे मीसा के घर ही जाएंगे। हालांकि परिवार यह भी मान रहा है कि अभी लालू का एम्स में रहना ही बेहतर है। विदित हो कि लालू प्रसाद यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने दो धाराओ पर 7-7 साल की सजा सुनाई थी, कोर्ट ने दोनों सजा को अलग अलग काटने का आदेश दिया था।

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