Header 300×250 Mobile

मर्यादा का पालन नहीं करने पर बिनब्याही मां बनी कुंती : जीयर स्वामी

कभी भी मंत्र, संत एवं भगवान की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए

- Sponsored -

329

- Sponsored -

- sponsored -

Voice4bihar desk. जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा कि मंत्र, संत एवं भगवान की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। इसी मर्यादा का पालन कुंती ने नहीं किया था। जिसके चलते उनको विवाह से पहले पुत्र को प्राप्त करना पड़ा। कुंती ने मर्यादा का पालन नहीं किया और मंत्र की परीक्षा लेनी शुरू कर दी। जिसका परिणाम यह हुआ की कुंवारी अवस्था में ही उसे कर्ण के रूप में पुत्र को प्राप्त करना पड़ा। अतः किसी भी व्यक्ति को मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में मंत्र की संत की तथा भगवान की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।

विषम परिस्थिति में भी मर्यादा का पालन जरूरी

स्वामी जी महाराज आज एक निजी कार्यक्रम में मोहनिया जाने के क्रम में चन्दवा सूर्य मंदिर के पास स्वागत के दौरान भक्तों को आशीर्वचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को मर्यादा के अंतर्गत अपने जीवन को जीना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में मर्यादा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। विषम परिस्थिति में भी मर्यादा का पालन करते रहना चाहिए। क्योंकि मर्यादा ही पुरुष की शोभा है, मनुष्य की शोभा है, संसार की शोभा है, राष्ट्र की शोभा है, कुल की शोभा है और इस जगत की शोभा है। बिना मर्यादा का मनुष्य जानवर से भी गया गुजरा है।

मर्यादा के बिना मनुष्य का अस्तित्व नहीं

विज्ञापन

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जल विहीन नदी का कोई अस्तित्व नहीं रह जाता। उसी प्रकार मर्यादा के बिना मनुष्य का भी कोई अस्तित्व नहीं है। जो विषम परिस्थितियों में भी मर्यादा का पालन करते हैं, धर्म का पालन करते हैं, माता-पिता की कद्र करते हैं, स्त्री का सम्मान करते हैं, बुजुर्गों का आदर करते हैं, उन पर लक्ष्मी नारायण भगवान की कृपा बनी रहती है। और उनका परिवार विकास करता है।

बेईमानी से धनोपार्जन कर कबूतर को दाना खिलाने से कोई लाभ नहीं

स्वामी जी ने कहा कि सबको आपस में प्रेम और सद्भाव के साथ जीवन जीना चाहिए। भरत के चरित्र को जीवन में उतारना चाहिए। भाई भरत के चरित्र की पूजा किया जाए और एक भाई से बेईमानी किया जाए, यह उचित नहीं है। जिस प्रकार त्रेता द्वापर में एक भाई दूसरे भाई के लिए त्याग की भावना रखते थे। उसको जीवन में उतारना चाहिए। साथ ही अपने परिवार के लिए, अपने भाई के लिए, अपने समाज के लिए मन में त्याग की भावना रखनी चाहिए। स्वामी जी महाराज ने कहा कि एक भाई से बेईमानी कर धन उपार्जन कर कबूतर को दाना खिलाने से कोई फायदा नहीं हो सकता।

स्वामी जी का हुआ स्वागत

चन्दवा सूर्य मंदिर के पास न्यू हॉलैंड ट्रैक्टर शोरूम के उद्घाटन के मौके पर मोहनिया जाने के क्रम में जीयर स्वामी जी महाराज का पदार्पण हुआ। काफी संख्या में लोगों ने जवाहर लाल यादव जी के नेतृत्व में फूल माला के साथ स्वामी जी का भव्य स्वागत किया। यह जानकारी मीडिया प्रभारी अखिलेश बाबा ने दी।

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

ADVERTISMENT