मुंबई (voice4bihar desk)। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके पहले सोमवार को ही मुंबई हाईकोर्ट ने गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबाआई को जांच करने का निर्देश दिया था। मुंबई हाईकोर्ट ने सीबीआई से कहा है कि वह 15 दिनों में इस केस की प्रारंभिक रिपार्ट अदालत के समक्ष पेश करे।
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख को इस्तीफा दे देना चाहिए। फडणवीस ने कहा था कि अदालत ने सीबीआई से 15 दिन के भीतर शुरुआती जांच करके तथ्यों के आधार पर आगे बढ़ने को कहा है। हाईकोर्ट के फैसले केा देखते हुए देशमुख को इस्तीफा दे देना चाहिए।
पूर्व कमिश्नर परमबीर की याचिका पर आया हाईकोर्ट का आदेश
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सोमवार को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर हाईकोर्ट ने देशमुख के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। परमबीर सिंह ने गृह मंत्री देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप लगाए थे। परमबीर सिंह का कहना है कि पुलिस पदाधिकारी बाझे को देशमुख ने हर महीने मुंबई से 100 करोड़ रुपये वसूली का टारगेट सौंपा था।
मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से हटाये जाने के बाद परमबीर ने इस आशय का पत्र महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को लिखकर सनसनी फैला दी थी। परमबीर सिंह इससे संबंधित याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट गये थे। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपों को गंभीर बताया था पर याचिका हाईकोर्ट में दायर करने को कहा था। इसके बाद परमबीर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
आईपीएस अफसर परमबीर सिंह के आरोप लगाये जाने के बाद राकांपा प्रमुख शरद पवार उनके बचाव में आगे आये थे। मीडिया के सामने उन्होंने देशमुख पर लगे आरोपों को गलत बताया था और कहा था कि जिस दिन बाझे और देशमुख के मुलाकात की बात कही जा रही है उस दिन वे कोरोना से संक्रमित होने के कारण अस्पताल में भर्ती थे।
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