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कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को हर माह 1500 रुपये देगी बिहार सरकार

मुख्यमंत्री ने दी जानकारी, बच्चों के रहने और पढ़ने में भी मदद करेगी सरकार

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पटना (voice4bihar desk)। कोरोना के कहर से अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए अब बिहार सरकार ने भी अपनी बाहें फैलायीं हैं। एक दिन पहले की गयी प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जानकारी दी कि वैसे बच्चे-बच्चियों जिनके माता पिता दोनों की मृत्यु हो गई या जिनमें कम से कम एक की मृत्यु कोरोना से हुई हो, उन्हें ‘बाल सहायता योजना’ के तहत राज्य सरकार बच्चे के 18 वर्ष होने तक 1500 रुपये प्रतिमाह देगी।

साथ ही उन्होंने कहा कि जिन अनाथ बच्चे-बच्चियों के अभिभावक नहीं हैं, उनकी देखरेख बालगृह में की जाएगी। ऐसी अनाथ बच्चियों का कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में प्राथमिकता के आधार पर नामांकण कराया जाएगा।

हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि केंद्र की योजना से लाभान्वित होने वाले बच्चों को राज्य सरकार की इस योजना का लाभ मिलेगा अथवा नहीं। दूसरी ओर, बिहार सरकार अनाथ बच्चों की देखरेख के लिए परवरिश नाम से एक अन्य योजना चलाती है। इस योजना में उन अनाथ बच्चों को प्रत्येक माह हजार रुपये दिये जाते हैं जो अपने माता-पिता की मौत के बाद अपने किसी रिश्तेदार के साथ रह रहे हैं। इसमें शर्त है कि बच्चे अपने जिस रिश्तेदार के साथ रह रहे हैं उनका बीपीएल होना जरूरी है। अर्थात् उनकी वार्षिक आमदनी 60,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।

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बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के आंकड़े के अनुसार वर्तमान में 1200 ऐसे बच्चे इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। इस योजना के तहत वे बच्चे भी आच्छादित होते हैं जिनके माता-पिता एड्स अथवा कुष्ठ रोग से पीड़ित हों अथवा बच्चा खुद इन बीमारियों से पीड़ित हो। जिन बच्चों के माता-पिता दिव्यांगता अथवा मानसिक रूप से बच्चों के लालन-पालन के लायक नहीं हों उन्हें भी इस योजना का लाभ मिल सकता है। इसका आवेदन पत्र आंगनबाड़ी सेविका के पास नि:शुल्क उपलब्ध है। आवेदन को भरकर सेविका के पास ही जमा करना होता है। आवेदन पत्र को समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट से भी डाउनलोड किया जा सकता है।

यहां बता दें कि एक दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों की देखभाल के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन के नाम से एक नयी योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत कोरोना से जिन बच्चों के माता-पिता की मौत हो गयी है उनकी प्रारंभिक से लेकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने तक सहायता की जायेगी। इस दौरान स्कूल और कॉलेज की फीस के अलावा वर्दी और पाठ्य पुस्तकों की खरीद के लिए पैसे दिये जायेंगे।

उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक बच्चों को बैंकों से ऋण दिलाया जायेगा और इसके व्याज की राशि का भुगतार पीएम केयर्स फंड से किया जायेगा। साथ ही बच्चे की उम्र 23 साल होने पर उसे एकमुश्त 10 लाख रुपये दिये जायेंगे। ऐसे अनाथ बच्चों को 18 साल की उम्र तक आयुष्मान भारत योजना से आच्छादित किया जायेगा। इसके तहत उन्हें पांच लाख तक का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। इसके प्रीमियम की राशि का भुगतान पीएम केयर्स फंड से किया जायेगा।

इसके पहले बिहार कांग्रेस भी ऐसी ही एक योजना की घोषणा कर चुकी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा है कि उनकी पार्टी उन अनाथ बच्चों के खानपान और पढ़ाई की व्यवस्था करेगी जिनके माता-पिता की मौत कोरोना से हो गयी है। उन्होंने आमलोगों से ऐसे बच्चों की सूचना पार्टी के हेल्पलाइन नंबर 0612-2262334 और 8294886978 पर देने की अपील की है।

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