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शिक्षक अभ्यर्थियों को दिखी उम्मीद की किरण

शिड्यूल जारी करने के सवाल पर निदेशक बोले- एक दो दिन का मौका दें

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Voice4desk. राज्य में अटकी 94 हजार प्राथमिक शिक्षक बहाली प्रक्रिया को बुधवार को सीएम की शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के बाद कुछ गति मिलती दिखी। दोपहर में जहां प्राथमिक शिक्षा निदेशक रंजीत कुमार सिंह ने कई हफ्तों के बाद फेसबुक पोस्ट के जरिये अभ्यर्थियों का हौसला बढ़ाया वहीं शाम तक कई मीडिया चैनलों पर इससे संबंधित खबरें दिखायी जाने लगीं।

एक मीडिया चैनल पर निदेशक रंजीत कुमार सिंह यह कहते दिखे कि मुख्यमंत्री ने बहाली पूरा करने को कहा है। हालांकि इसमें फर्जीवाड़ा को रोकने के पुख्ता इंतजाम किये जायेंगे जिसके चलते बहाली में देर होने की आशंका अब भी बरकरार है। निदेशक ने बहाली प्रक्रिया के आगे का शिड्यूल एक-दो दिनों में जारी होने की बात कही है।

इधर, 94 हजार प्राथमिक शिक्षक बहाली की मांग को लेकर गर्दनीबाग में अभ्यर्थियों का धरना बुधवार को 10वें दिन भी जारी रहे। अभ्यर्थियों की अगुवाई कर रहे राजेंद्र प्रसाद सिंह और मुन्नी शुक्ला ने शिक्षा विभाग के ताजा रुख पर प्रसन्नता जाहिर की पर कहा कि उनका धरना शिड्यूल जारी होने तक चलेगा। उन्होंने बताया कि धरना को 11वें दिन भी जारी रखने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मिल गयी है और उनका धरना बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगा।

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उनका कहना है कि प्रमाण पत्रों की जांच से उन्हें कोई परेशानी नहीं है पर विभाग को पहले उनकी नियुक्ति करनी होगी। अभ्यर्थियों को डर है कि प्रमाण पत्रों की जांच के नाम पर विभाग बहाली को लंबे समय तक टाल सकता है।

इस बीच, डीएलएड प्राथमिकता को लेकर बुधवार को पटना हाईकार्ट के डबल बेंच में दायर की गयी याचिका ने अभ्यर्थियों की चिंता और बढ़ा दी है। आपको बता दें कि बहाली का विज्ञापन जारी करने के बाद शिक्षा विभाग ने मेधा सूची तैयार करने के क्रम में कक्षा एक से पांच तक की नियुक्ति में डीएलएड डिग्री धारकों को प्राथमिकता देने को कहा था। बीएड डिग्रीधारकों ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। लंबी सुनवाई के बाद गत चार दिसंबर को पटना हाईकोर्ट की सिंगल वेंच ने विभाग के आदेश को इस आधार पर गलत करार दिया कि एक बार विज्ञापन जारी करने के बाद बीच में नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है।

इसी मामले को डीएलएड डिग्री धारकों के एक वर्ग ने पटना हाईकोर्ट की डबल बेंच में चैलेंज किया है। अभ्यर्थियों की चिंता है कि यदि हाईकोर्ट ने फिर स्टे लगा दिया तो शिक्षक बनने के लिए उन्हें काफी लंबा इंतजार करना पड़ेगा।

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