जयनगर ( voice4bihar Desk)। कहने को भारत-नेपाल के बीच बेटी-रोटी का संबंध है लेकिन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात एसएसबी जवानों की हड़कतों ने मानवता को शर्मसार कर दिया ।
जानकारी के अनुसार, एक फरवरी की रात हरलाखी थाना क्षेत्र के पीपरीन वीओपी पर तैनात जवानों ने नेपाली शव लदी एम्बुलेस को भारत से नेपाल जाने से रोक दिया। इस कारण मृतक के परिजनों को शव को कंधे पर उठा कर सीमा पार नेपाल ले जाना पड़ा । इससे सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में काफी आक्रोश है ।
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नेपाल के धनुषा जिले के धनौजी गांव के वार्ड नंबर दो के राजीव झा के अनुसार उनका भाई लागेंद्र झा (26 वर्ष) भारत के बेंगलुरू में इंजीनियरिंग की अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा था। बेंगलुरू में सड़क हादसे में नागेंद्र की मौत हो गई । घटना की सूचना पर भाई राजीव झा ने शव को नेपाल लाने के लिए 29 जनवरी को बीरगंज स्थित भारत सरकार के महावाणिज्य दूतावास से संपर्क कर अधिकारिक पत्र निर्गत कराया।
इसके बावजूद पिपरौन बीओपी जांच चौकी पर जैनात एसएसबी के जवानों ने शब लदी एम्बुलेंस को भारत से नेपाल जाने से मना कर दिया । मजबूरन मृतक के परिजनों को शव को अपने कंधे पर रखकर नेपाल सीमा में प्रवेश करना पड़ा । इस संदर्भ में पूछे जाने पर एसएसबी 48वीं बटालियन जयनगर के समादष्टा चंद्रशेखर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है । दोषी पर कारवाई की जाएगी । इस घटना को लेकर नेपाल के लोगों में भारत के प्रति भारी आक्रोश है ।
भारत नेपाल क्रास बॉडर नीलस्ट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष ललित आने ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि भारत और नेपाल के बीच सदियों से बेटा-रोटी का संबंध रहा है । सीमा पर तैनात सभी सुरक्षा एजेंसियों को इसका ध्यान रखना चाहिए । यथा संभव पझेसी राष्ट्र नेपाल के लोगों को हर संभव सहायता उपलब्ध करायी जानी चाहिए । ऐसी घटनाओं से दोनों देशों के बीच दूरियां बढ़ेंगीं ।
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