Header 300×250 Mobile

- Sponsored -

विश्वविद्यालय पंचांग में इस बार विवाह के 45 तो उपनयन के हैं 12 शुभ मुहूर्त

सौराठ सभा का आयोजन आषाढ़ मास में 02 जुलाई, 2026 से 12 जुलाई, 2026 तक किया जायेगा

220

- Sponsored -

- sponsored -

पटना (voic4biharnews)। विश्विवद्यालय पंचांग के अनुसार जुलाई 2025 से शुरू हो रहे जुलाई 2026 तक के पूरे एक साल में इस बार विवाह के कुल 45 मुहूर्त हैं। मिथिलांचल की प्रसिद्ध सौराठ सभा का आयोजन आषाढ़ मास में 02 जुलाई, 2026 से 12 जुलाई, 2026 तक किया जायेगा। 12 जुलाई, 2026 को ही विवाह का अंतिम शुभ मुहूर्त भी है। उपनयन के 12 शुभ मुहूर्त हैं और ये सभी उपनयन के मुहूर्त साल 2026 में हैं।

विश्विवद्यालय पंचांग के अनुसार इस साल विवाह के मुहूर्त नवंबर से शुरू हो जायेंगे। नवंबर 2025 में कुल सात विवाह मुहूर्त हैं। इनमें 20, 21, 23, 24, 26, 27 और 30 नंवबर को विवाह का लग्न है। दिसंबर में सिर्फ 01, 04 और पांच यानी कुल तीन ही लग्न हैं। इसके बाद के सभी लगन साल 2026 में हैं। जनवरी 2026 में केवल 21 को ही विवाह का लग्न है। हालांकि फरवरी 2026 में विवाह याेग्य कुल आठ  लग्न हैं। इनमें 05, 06, 08, 15, 19, 20, 22, 25 और 26 फरवरी को विवाह का योग बन रहा है।

विज्ञापन

मार्च और अप्रैल में भी विवाह के चार-चार लग्न ही बन रहे हैं। मार्च में 04, 09, 11 और 13 जबकि अप्रैल में 17, 20, 26 और 30 तारीख को विवाह का दिन बन रहा है। मई में 01, 06, 08, 10 और 13 को शुभ लग्न का दिन है। जून में 19, 24, 25, 26, 28 और 29 जबकि जुलाई में 01, 02, 03, 09 और 12 को विवाह का योग बनता है।

उपनयन की बात करें तो साल 2025 में इसके लिए कोई मुहूर्त नहीं है। इसकी शुरुआत 29 फरवरी से होगी। इसके बाद 22, 26 और 27 मार्च, 27 और 29 अप्रैल, 17, 19, 24 और 25 जून को ही उपनयन के मुहूर्त हैं।

अगर आप ऐसा मुहूर्त खोज रहे हैं जिसमें दिन मे उपनयन और रात में विवाह का मुहूर्त हाे तो विश्वविद्यालय पंचांग में विद्वानों ने इसका दिन भी बताया है। इसके अनुसार, जनवरी 2026 में 29, फरवरी 2026 में 22 और 26 जबकि जून में 19, 24 और 25 को ऐसा ही संयोग बन रहा है जब दिन में उनपयन और रात में शादी समारोह का आयोजन किया जा सके।

नये दौर में तो शादी के अगले दिन ही दुल्हन विदा हो जाती है पर मिथिलांचल में अब भी बेटी के द्विरागमन का विधान चल रहा है। पंचांग के अनुसार नंबर 2025 से मई 2026 के बीच द्विरागमन के कुल 31 मुहूर्त हैं। इनमें 21, 23, 24, 26, 27 और 28 नवंबर, 01, 04, 05, 07 और 08 दिसंबर, 18, 19, 20, 22, 25, 26 और 27 फरवरी, 01, 04, 05, 06 और 08 मार्च, 20, 23, 24 और 30 अप्रैल के साथ ही 01, 03, 04 और 06 मई को द्विरागमन कराया जा सकता है।

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored

Comments are closed.