सावधानी से करें फसलों पर रसायन का छिड़काव, किसानों को इंफेक्शन का रहता है खतरा
कृषि वैज्ञानिक की सलाह- छिड़काव करते समय किसानों को सुरक्षा नियमों का पालन करना जरूरी
मुंह पर डबल मास्क, हाथों में ग्लब्स और आंखों पर चश्मा लगाकर ही करें रसायनों का छिड़काव
समस्तीपुर (Voice4bihar News)। बरसात के दिनों में फसलों पर कीट व रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है, जिससे बचाव के लिए पाउडर या रसायन का छिड़काव करना पड़ता है। लेकिन इस दौरान किसान अगर अपनी सुरक्षा का पालन नहीं करते तो उन्हें गंभीर इंफेक्शन का खतरा हो सकता है। इससे बचने के लिए किसानों को कई तरह की सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है। विभिन्न रसायनों का फसलों में उपयोग और उसकी मात्रा, छिड़काव या भुरकाव के दौरान अपने आप की सुरक्षा आदि ऐसे कई महत्वपूर्ण बिंदु है जिनकी जानकारी रखकर किसान अपने फसलों के साथ अपनी भी सुरक्षा कर सकते है।
ये बातें डा. राजेंद्र प्रसाद केंदीय कृषि विवि पूसा के पादप रोग विभाग के हेड एवं अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. एसके सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि भारत के कृषि क्रांति में सबसे महत्वपूर्ण योगदान रासायनिक दवाओं द्वारा पौध संरक्षण का है। रासायनिक दवा पौधों को कीट व्याधि से बचाने के लिए प्रचलित कई उपायों में से एक महत्वपूर्ण उपाय है।
सभी कृषि रक्षक दवाएं एक तरह का रासायनिक जहर
उन्होंने कहा कि बीते कुछ दशकों में कृषि वैज्ञानिकों के अथक प्रयास के बदौलत कृषि रक्षा को लेकर विभिन्न तरीके के दवाओं का विकास एवं प्रसार हुआ। इससे आज किसान पौधों को संरक्षित कर फसल से बेहतर पैदावार प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा की जहां एक तरफ रासायनिक दवाओं का प्रयोग कर किसान ज्यादा और बेहतर फसल उत्पादन प्राप्त कर रहे है। यही एक कड़वा सच यह भी है कि ये सभी कृषि रक्षक दवाएं एक तरह का रासायनिक विष है और इसका प्रयोग अगर सही ढंग से नहीं किया गया तो इसके परिणाम भी बेहद खतरनाक हो सकते है।
विज्ञापन
रसायन खरीदते समय पैकिंग सील को बारीकी से चेक करें
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि किसान फसलों पर छिड़काव और भुरकाव के दौरान अपने मुंह पर डबल मास्क, हाथों में ग्लब्स, आंखों में चश्मा आदि जरूर लगाए। ऐसी महत्वपूर्ण सावधानियों को अपनाकर किसान अपने आप को रासायनिक दवाओं के इन्फेक्शन से बचा सकते हैं। उन्होंने बताया कि किसान रासायनिक दवा खरीदने से पहले उसके टीन या डब्बों के सील पैक को अच्छी तरह से देख ले कि कहीं दवा बाहर तो नहीं निकल रही है। सभी किसान कीटनाशक दवाओं की बोतलों, डिब्बों या लिफाफों पर उनके इस्तेमाल को लेकर लिखे गए आवश्यक निर्देशो का पालन जरूर करें।
रसायन का पैकेट खोलते वक्त घर में इस्तेमाल होने वाले चाकू का प्रयोग न करें
उन्होंने बताया कि किसान दया के टिन या डब्बों को खोलने के लिए घर में रखे गए फल या सब्जी काटने वाले चाकू का प्रयोग कदापि न करें। साथ ही बिना ग्लब्स के डब्बों को खोलने की चेष्टा भी न करें। उन्होंने बताया कि खेत में दवा का प्रयोग करते समय किसान किसी भी तरह की खाद्य सामग्री अथवा बोड़ी, सिगरेट, पान आदि का सेवन कदापि न करें। दवाओं के प्रयोग के बाद किसान अपने हाथ पैर एवं मुंह को अच्छी तरह से साबुन से धो लें तथा संभव हो तो स्नान कर कपड़े भी बदल लें।
तड़के सुबह या शाम में ही करें रसायन का छिड़काव या भुरकाव
उन्होंने बताया कि किसान दवा के छिड़काव या भुरकाव के काम को प्रातः अथवा सायंकाल में ही करें खासकर तब जब तेज हवा नहीं चल रही हो। दवा छिड़कने या भुरकने के बाद यंत्र को अच्छी तरह से धोकर सुखाना भी बेहद जरूरी होता है। प्रयोग के बाद भी अगर डब्बे में दवा बनी हो तो किसान उसे बंद आलमारी में ताला लगाकर रखें ताकि वहां तक बच्चे और पशु न पहुंच सके। दवा समाप्त होने की स्थिति में किसान खाली टिन या डब्बे को तोड़कर नष्ट करते हुए जमीन के अन्दर गाड़ दें।