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50 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ राजस्व अधिकारी गिरफ्तार, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने दबोचा

छह डिसमिल जमीन के दाखिल-खारिज के एवज में मांगी थी इतनी बड़ी रकम

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राजस्व कर्मचारी के साथ राजस्व अधिकारी (RO) का प्रभार भी है आरोपी के पास

नवादा (Voice4bihar News)। जमीन के दाखिल-खारिज के एवज में 50 हजार रुपये रिश्वत लेते एक राजस्व अधिकारी को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी नवादा जिले के सिरदला प्रखंड में शुक्रवार को हुई। सिरदला अंचल कार्यालय में 50 हजार रूपये रिश्वत लेते राजस्व कर्मचारी सह राजस्व अधिकारी रणजीत कुमार उर्फ रणजीत पासवान को गिरफ्तार कर लिया गया। आगे की कार्रवाई के लिए आरोपी को पटना ले जाया गया। निगरानी ब्यूरो की इस कार्रवाई से जिले के सरकारी कार्यालयों में हड़कंप मच गया।

विगत 10 जुलाई को परिवादी ने की थी निगरानी में शिकायत

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना से पहुंची टीम में शामिल अनुसंधानकर्ता डीएसपी आदित्य राज ने बताया कि परिवादी उमेश कुमार, ग्राम पंचायत चौकियां, ग्राम बनियाडीह ने निगरानी ब्यूरो में विगत 10 जुलाई को एक शिकायत दर्ज कराई थी। इसके आलोक में निगरानी थाना कांड संख्या 55/25, दिनांक 24 जुलाई 2025 को दर्ज किया था। शिकायत में कहा गया था कि राजस्व कर्मचारी सह राजस्व अधिकारी ने 6 डिसमिल जमीन के दाखिल खारिज के लिए बतौर रिश्वत 50 हजार रूपये की मांग की थी।

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नवादा के सिरदला में तीन माह में निगरानी की दूसरी बड़ी कार्रवाई

निगरानी टीम ने इन तथ्यों की जांच की तो आरोप सही पाये गए। इस पर कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को सिरदला अंचल के राजस्व कर्मचारी को 50 हजार रूपये घूस लेते अंचल कार्यालय के गार्ड रुम के पास से गिरफ्तार किया गया। जिसे आगे की कार्रवाई के लिए पटना निगरानी थाना ले जाया जा रहा है। छापेमारी की कार्रवाई के दौरान पटना से पहुंची टीम में इंस्पेक्टर मुरारी प्रसाद, राजीव कुमार सिपाही, हिमांशु कुमार सिपाही, शशिकांत कुमार अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। नवादा जिले के सिरदला अंचल में तीन माह में निगरानी विभाग की यह दूसरी कार्रवाई है।

लोक सेवाएं ऑनलाइन लेकिन रिश्वत ऑफलाइन

राज्य में लोक सेवाओं का अधिकार (RTPS) के तहत आम नागरिकों को ऑनलाइन माध्ययम से सेवा देने की तमाम योजनाएं धरातल पर “ऑफलाइन मोड” में काम करती दिख रही हैं। इनमें सबसे अधिक शिकायतें भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग से जुड़ी होती हैं। दाखिल खारिज के एवज में रिश्वतखोरी रोकने के लिए सरकार ने फीफो (फर्स्ट इन फर्स्ट आउट) सिस्टम लगाया है, लेकिन यह व्यवस्था भी रिश्वतखोरी रोकने में नाकाफी साबित हो रही है। आये दिन राजस्व कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी घूस लेते पकड़े जा रहे हैं।

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