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विराट रामायण मंदिर में जल्द स्थापित होगा भगवान भोलेनाथ का 33 फीट का शिवलिंग

तमिलनाडु के महाबलीपुरम में तैयार हो रहा है शिवलिंग, पूर्वी चंपारण के चकिया में होगा स्थापित

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पटना (voice4bihar news)। पूर्वी चंपारण के चकिया में विश्व के निर्माणाधीन सबसे बड़े विराट रामायण मंदिर में 33 फीट का शिवलिंग जल्द स्थापित होगा। नए साल में मंदिर में शिवलिंग स्थापित हो जाएगा। वैसे जनवरी-फरवरी में शिवलिंग स्थापित होने की उम्मीद की जा रही है। शिवलिंग का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। वर्तमान में कलाकृति और पाॅलिश का अंतिम काम हो रहा है। शिवलिंग का निर्माण तमिलनाडु के महाबलीपुरम में हो रहा है। महाबलीपुरम से शिवलिंग सड़क मार्ग से विराट रामायण मंदिर पहुंचेगा। शिवलिंग का वजन 210 मीट्रिक टन है।

यह देश में किसी भी मंदिर में स्थापित सबसे बड़ा शिवलिंग माना जा रहा है। विराट रामायण मंदिर का निर्माण महावीर मंदिर न्यास समिति द्वारा कराया जा रहा है। विराट रामायण मंदिर का प्रवेश द्वार,गणेश स्थल, सिंह द्वार, नंदी, शिवलिंग, गर्भ गृह की पाइलिंग (नींव) आदि का काम पूरा हो गया है।

आकार में यह मंदिर 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा। इसमें कुल 18 शिखर और 22 मंदिर होंगे। मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट, चार शिखर की ऊंचाई 180 फीट, एक शिखर की ऊंचाई 135 फीट, आठ शिखर की ऊंचाई 108 फीट और एक शिखर की ऊंचाई 90 फीट होगी।

बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद, महावीर मंदिर स्थान न्यास समिति के सदस्य और आचार्य किशोर कुणाल के पुत्र सायण कुणाल के मुताबिक हर संभव कोशिश की जा रही है कि मंदिर का निर्माण निर्धारित समय के में पूरा कराया जा सके। उसी के तहत निर्माण कार्य भी चल रहा है जिससे राज्य में विश्व का सबसे बड़ा मंदिर बिहार में स्थापित हो सके।

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20 जून, 2023 विराट रामायण मंदिर का को शिलान्यास के बाद किया गया था । सनटेक कंपनी को मंदिर निर्माण का जिम्मा दिया गया है। मौके पर निर्माण एजेंसी सनटेक, विराट रामायण मंदिर और टाटा कंसलटेंसी के अधिकारी तैनात हैं।

विराट रामायण मंदिर का निर्माण बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया और चकिया के बीच जानकीनगर में हो रहा है। पटना से इस मंदिर की दूरी लगभग में 120 किलोमीटर है। विराट रामायण मंदिर में चार आश्रम होंगे।

मंदिर प्रशासन के मुताबिक मंदिर का निर्माण तय समय पर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कोशिश हो रही है कि इस मंदिर का निर्माण तय समय पर पूरा किया जा सके। विराट रामायण मंदिर आचार्य किशोर कुणाल का ड्रीम प्रोजेक्ट है। आचार्य किशोर कुणाल के पुत्र सायण कुणाल का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए हर संभव कोशिश हो रही है। जिससे तय समय पर इसका निर्माण कराया जा सके और राज्य की जनता को सुपुर्द किया जा सके।

विराट रामायण मंदिर का निर्माण हो जाने पर यह विश्व का सबसे बड़ा मंदिर होगा। साथ ही जब दुनिया में सबसे बड़े मंदिर की चर्चा होगी तो उसमें विश्व के पटल पर बिहार का नाम पहले स्थान पर होगा। राज्य के साथ-साथ यह देश के लिए भी गर्व की बात होगी। वैसे भी विराट रामायण मंदिर को लेकर राज्य के लोगों में गजब की उत्सुकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि विराट रामायण मंदिर का निर्माण हो जाने पर यहां राज्य और देश ही नहीं बल्कि के दुनिया के विभिन्न देशों से भक्त मंदिर की भव्यता देखने के लिए आएंगे। बिहार बड़े धार्मिक पर्यटन स्थलों में भी शुमार हो जाएगा।

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