प्रंशांत किशोर का आरोप – मंगल पांडेय ने दिलीप जायसवाल से ली घूस
मंगल ने कहा - चेक से कर्ज लिया था, चेक से लौटा चुका हूं
पटना (voice4bihar news)। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने आज पटना में एक बार फिर प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा के नेताओं के खिलाफ आरोपों की तीसरी किश्त जारी की। उन्होंने इस बार बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर कई बड़े आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल से किशनगंज के एमजीएम मेडिकल कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने के नाम पर 25 लाख रुपये की रिश्वत लेकर दिल्ली में अपनी पत्नी के नाम पर फ्लैट खरीदा।
प्रशांत किशोर ने कहा कि मंगल पांडे और दिलीप जायसवाल मित्र हैं। साल 2020 में कोविड के वक्त जब बिहार के लोग दवा-एम्बुलेंस के लिए मारे फिर रहे थे तब स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने अपनी पत्नी के नाम पर दिल्ली के द्वारका इलाके में 86 लाख रुपये की कीमत का फ्लैट लिया। इसके लिए मंगल पांडेय की पत्नी उर्मिला पांडेय को उनके ससुर (मंगल पांडेय के पिता) अवधेश पांडेय के अकाउंट से 25 लाख रुपये दिए गए। बड़ी बात यह है कि अवधेश पांडेय के पास यह रुपये दिलीप जायसवाल के अकाउंट से ट्रांसफर किए गए। उन्होंने कहा कि मंगल पांडेय ने अगर यह लोन लिया था तो उन्हें 2020 के अपने चुनावी एफिडेविट में इसका जिक्र करना चाहिए था जो उन्होंने नहीं किया है।
उन्होंने बताया कि 6 अगस्त 2019 को दिलीप जायसवाल के अकाउंट से यह रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर किए गए। फ्लैट की खरीदारी में दिलीप जायसवाल विटनेस भी बने। उन्होंने बताया कि छह अलग-अलग ट्रांजैक्शन से 86 लाख रुपये देकर फ्लैट लिया गया। इसके बाद किशनगंज के एमजीएम कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया। इसके पहले 20 साल तक एमजीएम कॉलेज बीएन मंडल यूनिवर्सिटी से डिग्री देता था।
एम्बुलेंस खरीद में भी भ्रष्टाचार का लगाया आरोप
प्रशांत किशोर ने मंगल पांडेय पर एम्बुलेंस खरीदने में भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। बोले – गलत तरीके से टाटा मोटर्स का टेंडर खारिज कर फोर्स मोटर्स को मार्केट रेट से अधिक पैसा देकर एंबुलेंस खरीदा गया प्रशांत किशोर ने कहा कि मंगल पांडेय के स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए बिहार में एम्बुलेंस की खरीदारी सामान्य से बढ़ी हुई कीमत पर की गई। साल 2022 में 1000 एम्बुलेंस खरीदने के लिए निविदा जारी की गई। इसमें 466 टाइप सी एम्बुलेंस 19.58 लाख रुपये की दर से फोर्स मोटर्स से खरीदे गए। साल 2025 में 250 एम्बुलेंस करीब 27 लाख रुपये में खरीदे गए, वो भी फोर्स मोटर्स से। इससे पहले टाटा मोटर्स का बिड यह कहकर खारिज कर दिया गया कि एम्बुलेंस के ड्राइवर वाले हिस्से में एसी नहीं चाहिए। फिर फोर्स मोटर्स को 19 लाख की कीमत वाले एम्बुलेंस का 27 लाख रुपये प्रति एम्बुलेंस कीमत भुगतान कर 250 यूनिट के ऑर्डर दिए गए। जबकि इन्हीं एम्बुलेंस को ओड़िसा और यूपी सरकार ने कम कीमत पर खरीदा है। अगर बल्क परचेज हो तो कीमत कम होनी चाहिए, लेकिन बिहार सरकार ने कीमत बढ़ा कर एम्बुलेंस की खरीदारी क्यों की?
उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस की खरीदारी के वक्त प्रत्यय अमृत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव थे। इसलिए उनकी भी जिम्मेदारी बनती है कि जवाब दें। क्योंकि अब वो बिहार सरकार के मुख्य सचिव बनने वाले हैं। उनको क्लियर करना चाहिए कि क्यों 12-13 लाख का एम्बुलेंस पहले 19 लाख में खरीदा गया। फिर कुछ समय बाद उसी एम्बुलेंस को 27 लाख में खरीदा गया। अधिकारियों को ध्यान रखना चाहिए कि फाइल पर आपको ही साइन करना है। चारा घोटाले में लालूजी को तो सजा हुई ही, अधिकारी भी पकड़े गए थे।
प्रशांत किशोर ने यह भी बताया कि किशनगंज के एमजीएम कॉलेज में आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर भी बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। बड़ी अचरज की बात यह है कि बिहार में आयुष्मान कार्ड योजना के हेड वह शख्स हैं जो पहले स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के पीएस हुआ करते थे।
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प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि लालूजी पर जो इल्ज़ाम लगा, उनहें सजा हो गई। लेकिन भाजपा वाले कंबल ओढ़कर घी पी रहे हैं। उन्होंने भाजपा नेताओं के खिलाफ अगला किश्त भी जल्द जारी करें करने की बात कही। संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह, पूर्व सांसद सीताराम यादव, विधान पार्षद अफ़ाक आलम, मुख्यालय संयोजक एनके मंडल, महासचिव सरवर अली, पूर्व भाजपा नेता सुधीर शर्मा, विनीता विजय मौजूद रहीं। मंच संचालन चुनाव अभियान समिति के संयोजक पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने किया।
डॉ. दिलीप जायसवाल को पिताजी ने चेक से वापस किए ऋण के पैसे : मंगल
बोले – विश्वविद्यालय की मान्यता में स्वास्थ्य विभाग का कोई रोल नहीं
एम्बुलेंस खरीदी का मामला उच्च न्यायालय में है, अभी तक कोई भुगतान नहीं हुआ
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के लगाए गए आरोपों पर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि उन्होंने जो भी आरोप लगाए हैं वे निराधार हैं। मंत्री मंगल पांडेय ने प्रशांत किशोर के सभी आरोपों का एक-एककर जवाब दिया। मंत्री मंगल पांडेय ने रिश्वत के पैसे से पत्नी के नाम पर फ्लैट खरीदने के आरोप को लेकर कहा कि डॉ. दिलीप जायसवाल से जो पैसा ऋण के रूप में लिया गया था, उसे पौने पांच साल पहले उन्हें वापस कर दिया गया है। जो राशि ऋण के रूप में ली गई थी वह चेक से ही ली गई थी और उस राशि को वापस भी चेक से ही किया गया है।
प्रशांत किशोर ने एक कॉलेज के विश्वविद्यालय की मान्यता को लेकर जो आरोप लगाये है उसके विषय में मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय की मान्यता में स्वास्थ्य विभाग का कोई रोल नहीं होता है।
मंत्री मंगल पांडेय ने एंबुलेंस खरीद में हेराफेरी के आरोपों को लेकर कहा कि इसके लिए बजाब्ता एक प्रक्रिया है। निविदा होती है, निविदा में संबंधित पक्ष अपनी निविदा देती है। उसके निष्पादन की भी एक प्रक्रिया है। निष्पादन प्रक्रिया से जो पक्ष सहमत नहीं होता है तो न्यायालय जाता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में भी लोग न्यायालय गए हैं। यह मामला उच्च न्यायालय में है। विभाग से जानकारी ली गई है जिसमें बताया गया कि अभी तक इस मामले में कोई भुगतान भी नहीं हुआ है।