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नेपाल में फिर हाई अलर्ट, अपदस्थ पीएम ओली व गृहमंत्री रमेश लेखक की गिरफ्तारी के लिए Gen-Z का दबाव

सुबह तीन बजे तक चली प्रधानमंत्री निवास में चारों सुरक्षा निकाय के प्रमुखों की बैठक

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रात भर चली बैठक रही बेनतीजा, हालात से निबटने को लेकर नहीं निकला कोई निष्कर्ष

राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट

Voice4bihar News. नेपाल में बीते दिनों हुए Gen-Z आंदोलन से अभी उबरा भी नहीं है कि फिर अस्थिरता के हालात बनने लगे हैं। सोमवार को सूदन गुरुङ के समूह ने Gen-Z आंदोलन हुए दमन के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली एवं गृह मंत्री रमेश लेखक को गिरफ्तार करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इस देखते हुए प्रधानमंत्री निवास बालुवाटार में चारों सुरक्षा निकाय के प्रमुखों की बैठक अहले सुबह तक चली।

Gen-Z आंदोलन के बाद पटरी पर लौटते जनजीवन पर पड़ेगा असर

इस बैठक में कानूनी प्रक्रिया, जांच आयोग के काम व राजनीतिक संवेदनशीलता के बारे में गम्भीर वार्ता होने की बात कही जा रही है। तो दूसरी तरफ Gen-Z आंदोलन के अगुवा ही कई गुटों में नजर आ रहे हैं जिससे इस संगठन में ही मतभेद दिख रहा है, तो कई गुट अपने अपने स्तर से संगठन का विस्तार कर रहे हैं। Gen-Z आंदोलन के बाद अभी जनजीवन पटरी पर लौट है। अब भी इस आंदोलन में घायल हुए कई युवा अस्पताल में ही हैं तो एक को तो 28 दिन बीत जाने के बाद भी होश में नहीं आ सका है।

अंतरिम पीएम, गृहमंत्री समेत सभी प्रमुख लोग रहे बैठक में शामिल

प्रधानमंत्री सुशीला कार्की, गृह मंत्री ओम प्रकाश अर्याल ने देर रात प्रधान सेनापति अशोक राज सिग्देल, गृहसचिव रामेश्वर दंगाल, नेपाल पुलिस प्रमुख चन्द्रकुवेर खापुङ, सशस्त्र पुलिस बल प्रमुख राजु अर्याल , राष्ट्रिय अनुसंधान विभाग (गुप्तचर विभाग) प्रमुख टेकेन्द्र कार्की से उत्पन्न परिस्थिति के विषय में अहले सुबह तक विमर्श की है।

अख्तियार दुरुपयोग अनुसंधान आयोग (विजिलेंस विभाग) के बाहर तैनात अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी।

पूरी रात सुरक्षा प्रमुख की बैठक नहीं निकला निचोड़

पूरी रात हुई सुरक्षा प्रमुख की बैठक में निचोड़ नहीं निकला। काठमांडू के सभी पुलिस पोस्ट से पुलिस बल मुख्यालय बुलाए गए। बालुवाटार स्रोत के अनुसार, कानूनी परिधि अंदर रह कर इन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है या नहीं इस विषय पर प्रमुख रूप से चर्चा हुई है।

फेसबुक पर चलाया जा रहा है गिरफ्तारी को लेकर अभियान

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सोमवार से ही ओली, लेखक सहित अन्य की गिरफ्तारी के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाया जा रहा है तो कार्यवाही के लिए सरकार को जेन–जी के तरफ से अल्टीमेटम भी दिया गया है।

आंदोलन के बाद संसाधन की कमी से भी पीछे हट रही है पुलिस

सुरक्षा निकाय के प्रमुख के द्वारा पूर्वन्यायाधीश गौरीबहादुर कार्की नेतृत्व में बनी जांच आयोग के द्वारा Gen-Z प्रदर्शन में राज्य पक्ष के तरफ से हुए बल प्रयोग के विषय में जांच चलने के दौरान गिरफ्तार नहीं करने का सुझाव दिया है। बैठक में सहभागी एक अधिकारी के अनुसार जांच प्रतिवेदन आने से पूर्व सरकार गिरफ्तार करने का निर्णय लेती है तो आयोग का कार्य ओवरलेप होने का संदेश जाएगा।

दूसरी तरफ, आंदोलन के बाद अबतक मौन स्थिति में रहे राजनीतिक दलों के प्रतिवाद में आने की संभावना बढ़ेगी। हाल की स्थिति में नेपाल पुलिस के पास वाहन, वर्दी लूटे गए हथियार, गोली के कारण संसाधन की कमी है जिसके कारण बड़े नुकसान को नहीं रोका जा सकता है।

अख्तियार दुरुपयोग अनुसंधान आयोग के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मी।

दो गुटों में बंटे Gen-Z आंदोलन के अगुवा

दो दिन में नेपाल के सत्ता को पलटने के लिए हुए आंदोलन के बाद Gen-Z दो गुट में नजर आ रहे हैं , Gen-Z के एक पक्ष के द्वारा आंदोलन में दमन करने को लेकर तत्कालीन सरकार प्रमुख केपी शर्मा ओली, गृह मंत्री रमेश लेखक, गृहसचिव गोकर्णमणि दुवाडी, आंदोलन में रहे पुलिस अधिकारी को तत्काल कार्यवाही करने को लेकर अडान में है तो दूसरी तरफ दूसरे पक्ष के द्वारा जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेने की बात कर रहे हैं।

Gen-Z प्रतिनिधि ने की ओली सरकार में हुई नियुक्तियां रद्द करने की मांग

प्रधानमंत्री सरकारी निवास बालुवाटार में शनिवार हुए Gen-Z की बैठक में आंदोलन में घायल की तरफ से Gen-Z का प्रतिनिधित्व कर रहे अभिषेक श्रेष्ठ ने एक मांग पत्र सौंपा। इसमें काठमांडू के तत्कालीन प्रमुख जिला अधिकारी छविलाल रिजाल सहित आंदोलन दिशा निर्देश जारी करने वाले पुलिस अधिकारी, कर्मचारी को कार्रवाई करने की मांग है।

साथ ही ओली नेतृत्व के तत्कालीन सरकार द्वारा की गयी नियुक्ति रद्द करने, विजिलेंस विभाग के वर्तमान प्रमुख प्रेमकुमार राई को त्याग पत्र देने राजनीतिक पूर्वाग्रह से मुक्त नए प्रमुख आयुक्त नियुक्त करने की मांग का उल्लेख है। वही सूदन गुरुङ के समूह के द्वारा ओली लेखक सहित अन्य की गिरफ्तारी सात दिन के अंदर नहीं होने पर धरने पर बैठने का अल्टीमेटम सरकार को दिया है, जिसके बाद संभावित खतरे को देखते हुए नेपाल पुलिस के द्वारा पुलिस विभाग को अलर्ट पर रखा है।

Gen-Z के दबाव को लेकर हाई अलर्ट मोड में दंगा नियंत्रक दस्ता।

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