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बिहार में अब डॉग बाबू भी बनेगा वोटर, कुत्ता बाबू और कुतिया देवी के पुत्र ने बनवाया आवासीय प्रमाण पत्र!

पटना जिले के मसौढ़ी में राजस्व अधिकारी ने जारी किया निवास प्रमाण पत्र

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राजद प्रवक्ता प्रियंका भारती ने चुनाव आयोग के मतदाता पुनरीक्षण पर कसा तंज

पटना (Voice4bihar News)। बिहार में अब आम वोटरों के साथ शायद डॉग बाबू (Dog babu)भी मतदाता सूची में शामिल होंगे। इसके पिता का नाम कुत्ता बाबू (kutta babu) और माता का नाम (kutia devi) है। इसके लिए आवासीय प्रमाण पत्र बनवा लिया है। संभवत: मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने या अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए यह प्रमाण पत्र जारी हुआ है। चौकिये नहीं! यह कारनामा सच कर दिखाया है पटना जिले के अफसरों ने।

मुहल्ला- काउलीचक में रहते हैं डॉग बाबू (Dog babu)

बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने की होड़ में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरी व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। राजधानी पटना से करीब 30 किलोमीटर दूर पटना जिले के ही मसौढ़ी अंचल से जारी सर्टिफिकेट में डॉग बाबू (Dog babu) के आवासीय पता के तौर पर मुहल्ला- काउलीचक, वार्ड-15, डाकघर एवं थाना- मसौढ़ी दर्ज है।

कुत्ते वोट देंगे लेकिन दलित-पिछड़ों से दिक्कत क्यों : प्रियंका भारती

इस पर तंज करते हुए राजद की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका भारती ने अपने सोशल मीडिया हैंडल फेसबुक पर यह प्रमाण पत्र शेयर करते हुए लिखा है – ” वोटर का नाम – Dog बाबू , पिता का नाम – कुत्ता बाबू , घर का पता – मसौढ़ी। अब Dog बाबू बिहार चुनाव में वोट दे सकते हैं? इनके पास तो आवासीय है और आवासीय भी 11 डॉक्यूमेंट के सूची में शामिल है! कुत्ते वोट देंगे लेकिन दलितों, पिछड़ो, आदिवासियों, गरीबों और मुस्लिमों से ECI को दिक्कत है!”

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लोक सेवाओं का अधिकार (RTPS) पोर्टल पर अपलोड है प्रमाण पत्र

बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण का विरोध करने वाली एक पार्टी से जुड़ी होने के कारण प्रियंका भारती के दावे पर सहसा यकीन नहीं हुआ। Voice4bihar.com ने इस दावे की सच्चाई जानने के लिए बिहार सरकार के आधिकारिक पोर्टल लोक सेवाओं का अधिकार (RTPS) https://serviceonline.bihar.gov.in/ पर जाकर यह सर्टिफिकेट डाउनलोड किया तो प्रियंका भारती का दावा सच निकला। पीडीएफ फार्म में यह सर्टिफिकेट तत्काल डाउनलोड हो गया। अब सवाल यह है कि क्या इसी कार्यशैली से बिहार के आठ करोड़ मतदाताओं का विशेष गहन पुनरीक्षण कराया जाएगा?

मसौढ़ी अंचल से जारी डॉग बाबू का आवासीय प्रमाण पत्र।

…तो बिना जांच के ही राजस्व कर्मचारी ने कर दिया रिपोर्ट!

सरकारी बाबूओं और अफसरों की इस कार्यप्रणाली ने पूरी व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। अमूमन एक निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए किसी नागरिक को सबसे पहले ऑनलाइन माध्यम से स्वघोषणा के साथ आवेदन करना पड़ता है। इसके बाद संबंधित इलाके के राजस्व कर्मचारी अपने स्तर से जांच कर रिपोर्ट करते हैं। इसके बाद राजस्व अधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर से यह प्रमाण पत्र जारी होता है। यह कैसी व्यवस्था है कि किसी भी स्तर पर इसकी जांच किये बिना ही पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड कर दिया गया?

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