पिछड़े व दलित तबके के नेताओं को निशान बनाना घृणित मानसिकता का परिचायक
खगड़िया (Voice4bihar News)। जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की ओर से सत्ताधारी दलों के बड़े नेताओं पर किये जा रहे हमलों के जवाब में भाजपा ने पिछड़ा व दलित कार्ड खेला है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं अन्य एनडीए नेताओं पर लगे गंभीर आरोपों को भाजपा ने प्रशांत किशोर की घृणित मानसिकता का परिचायक बताते हुए कहा कि वे एक वर्ग विशेष के मंत्रियों को निशाना बना रहे हैं।
कहा-सत्ता हथियाने के जुनून में आधारहीन आरोप लगा रहे पीके
खगड़िया में भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता कर भाजपा नेताओं ने प्रशांत किशोर के खिलाफ जमकर विरोध किया और कई आरोप भी लगाये। भाजपा के जिला प्रवक्ता इंजीनियर धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर पांडे बिहार की सत्ता हथियाने के जुनून में एनडीए सरकार के कई मंत्रियों के खिलाफ आधारहीन और गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं।
खुद के आय के स्रोतों का खुलासा करके फंस गए हैं प्रशांत किशोर
भाजपा नेता ने कहा कि सवाल उठता है कि सत्ता हासिल करने के लिए प्रशांत किशोर जिस तरह पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं, उस आय का स्रोत क्या है? खुद को पाक-साफ और ईमानदार साबित करने के जोश में जब वे दूसरों को भ्रष्ट करार दे रहे हैं, तब वे अपने आय के स्रोतों का खुलासा करके खुद की असलियत लोगों के सामने खुद ही पेश कर दिया है।
खगड़िया जिला प्रवक्ता इंजीनियर धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर ने 2021 से 2024 की अवधि में 241 करोड़ रुपये की कंसल्टेंसी आय अर्जित करने का दावा किया है, जिसमें 31 करोड़ जीएसटी और 20 करोड़ रुपये आयकर शामिल है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने 898.75 करोड़ अपनी पार्टी जन सुराज को दान करने का भी दावा किया है। पीके के आय स्रोत के दावों में अनेकानेक गंभीर झोल, विसंगतियां और सवालिया निशान है।
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मात्र “दो घंटे की सलाह देने” के लिए 11 करोड़ का भुगतान असंभव
उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर ने तीन वर्षों की अवधि में 241 करोड़ रुपये की कंसल्टेंसी आय किसी भी निजी परामर्श क्षेत्र में असाधारण है। किसी भी चुनावी रणनीतिकार या सामान्य कंसल्टेंसी पेशे में इतनी बड़ी रकम मिलना स्पष्ट रूप से संदिग्ध है। उदाहरण के तौर पर, नवयुग कंस्ट्रक्शन कंपनी से मात्र “दो घंटे की सलाह देने” के लिए 11 करोड़ का भुगतान बिल्कुल ही अवास्तविक लगता है, यह परामर्श फीस कल्पना की सीमा से भी परे है।
पीके के आय के स्रोतों की गहन जांच करने की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि इसमें एक बड़ा और गंभीर झोल यह है कि अपने आपको राजनीतिक सलाहकार बताने वाले पीके बिना किसी विशेषज्ञता या योग्यता के रातों रात कंस्ट्रक्शन कंपनी के विशेषज्ञ सलाहकार भी बन गए। आर्थिक यथार्थ और सरकारी/शैक्षणिक दिशा-निर्देशों के अनुसार यह दावा असंभव और संदिग्ध है, जिसकी गहन जांच की आवश्यकता है। इस तरह तो कोई भी व्यक्ति, नेता या अधिकारी घूस के पैसों को कंसल्टेंसी का नाम देकर और कर चुकाकर वैध बना देगा।
सम्राट चौधरी, दिलीप जायसवाल, संजय जायसवाल व अशोक चौधरी का किया बचाव
उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर एनडीए सरकार के एक विशेष वर्ग के मंत्रियों एवं नेताओं पर आरोप लगा रहे है, जो उनकी घृणित मानसिकता का परिचायक है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, सांसद संजय जायसवाल, बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी इत्यादि पर उनके आरोप यह दशति हैं कि वे कहीं न कहीं एक विशेष वर्ग से आते है। यह पक्षपातपूर्ण आरोप उनकी मंशा पर सवाल खड़े करते हैं।
घमंड में चूर होकर भौकाल मारते हैं प्रशांत किशोर : ई. धर्मेन्द्र
इंजीनियर धर्मेंद्र ने कहा कि प्रशांत किशोर भले ही घमंड में चूर होकर भौकाल मारते हों कि हमने इतना मुख्यमंत्री, इतना प्रधानमंत्री बनाया, लेकिन एक काम बताओ जो जनहित में तुमने किया हो। उन्होंने कहा कि अगले 5 सालों में बिहार फिर से डबल इंजन की सरकार को लाकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवम् विजय सिन्हा, विजय सिंह एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के नेतृत्व में बिहार के विकास की गाड़ी को बहुत तेज गति से आगे बढ़ाएंगे।