चूक या रणनीति : मोदी की सभा के बैनर से गायब हुए नीतीश
बेगूसराय में आयोजित विशाल जनसभा के बैनर में दिखी गड़बड़ी, चर्चा तेज
पटना (voice4bihar news)। महागठबंधन की गलती को अगले ही दिन एनडीए ने दुहरा दिया। बृहस्पितवार को बिहार की राजधानी पटना में महागठबंधन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गयी थी। इसमें राजद के तेजस्वी यादव को बिहार विधानसभा चुनाव के कैंपेन के लिए महागठबंधन का मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया गया था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव सहित कांग्रेस की ओर से अशोक गहलोत, भाकपा माले के दीपंकर भट्टाचार्य और वीआईपी की ओर से मुकेश सहनी जैसे महागठबंधन के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इसमें मीडिया के सामने विधानसभा चुनाव के बाद महागठबंधन की सरकार बनने पर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री और मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा की गयी।
बैनर में राहुल की तस्वीर नहीं हाेने से शुरू हुआ था विवाद
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद विवाद इस बात को लेकर शुरू हो गया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जो बैनर बैक ग्राउंड में लगाया गया था उसमें राहुल गांधी की तस्वीर नहीं थी। महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होते ही भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद मीडिया से मुखातिब हुए और बैनर में राहुल गांधी की तस्वीर नहीं होने को मुद्दा बनाने की कोशिश की। इसके बाद दिन भर इस मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष तर्क-वितर्क करता रहा।
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समस्तीपुर और बेगूसराय में हुई प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी सभा
शुक्रवार को एनडीए की चुनावी सभा का आयोजन बिहार के समस्तीपुर और बेगूसराय में किया गया। इन दोनों सभाओं में भाजपा के सबसे बड़े स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। दोनों सभाओं में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहे। बेगूसराय की चुनावी सभा का नाम विशाल जनसभा दिया गया।
इस विशाल जनसभा के बैक ग्राउंड में बड़ा से बैनर लगाया गया था। इस पर मोटे-मोटे अक्षरों में विशाल जनसभा लिखा हुआ था। साथ ही बैनर पर एक लाइन से भाजपा, जदयू, एलजेपी (आर), हम और रालोमो के चुनाव चिह्न अंकित थे। बैनर के दोनों किनारों पर कुछ तस्वीरें भी थीं। बाईं ओर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा की तस्वीरें थीं। दायीं ओर भाजपा की सहयोगी पार्टियों के प्रमुखों यानी उपेंद्र कुशवाहा, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी की तस्वीरें थीं।
इस बैनर से नीतीश कुमार की तस्वीर नदारद थी। चुनाव चिह्न तो जदयू का था पर जदयू के किसी भी नेता की तस्वीर नहीं थी। हालांकि इस सभा में जदयू के सर्वमान्य नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं मौजूद थे। इस बारे में अब तक ना तो जदयू और ना ही भाजपा की ओर से कोई आधकारिक बयान आया है जिससे पता चले कि यह चूक थी या भाजपा की किसी रणनीति का हिस्सा था। फिलहाल इस बैनर को लेकर तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गयी है।
