Header 300×250 Mobile

- Sponsored -

भारत-नेपाल के बीच दूसरी बड़ी पेट्रोलियम पाइपलाइन के निर्माण कार्य में आएगी तेजी

पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से नेपाल कोसी प्रदेश के झापा जिले तक बन रही पाइपलाइन

0 23

- sponsored -

- Sponsored -

50 किलोमीटर लंबी पेट्रोलियम पाइपलाइन का 38 किलोमीटर विस्तार भारत में होगा

अंतर्देशीय पाइपलाइन परियोजना के लिए भारत सरकार ने दिया 7 अरब रुपये का अनुदान

राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट

जोगबनी (Voice4bihar News)। भारत-नेपाल के बीच दूसरी बड़ी पेट्रोलियम पाइपलाइन परियोजना का निर्माण कार्य अब गति ले रहा है। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से जोगबनी सीमा से सटे नेपाल के कोसी प्रदेश के झापा जिले के चारआली तक निर्माणाधीन परियोजना पर भारत सरकार ने बड़ी पहल की है। इंडियन ऑयल कारपोरेशन (IOC) का बरौनी तेल डिपो अब तक नेपाल में सबसे ज्यादा तेल आपूर्ति करने वाला टर्मिनल के रूप में प्रचलित है।

ऑयल टैंकर से पेट्रोलियम मंगाने के झंझट से मिलेगी निजात

इस पाइप लाइन के निर्माण के बाद भारत से नेपाल तेल टैंकर से ट्रांसपोर्ट करने के झंझट से भी मुक्ति मिलेगी। इस संबंध में नेपाल ऑयल निगम के कार्यकारी निर्देशक दीपक बराल ने कहा कि यह परियोजना सम्पन्न होने के बाद भारत से नेपाल तक ईंधन की आपूर्ति पूर्ण रूप से सुरक्षित तरीके से होगी। साथ ही बंद व हड़ताल जैसे कार्यक्रम का भी ईंधन आपूर्ति पर असर नहीं होगा। दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय खुली सीमा पर सड़क जाम जैसी समस्या से भी मुक्ति मिलेगी।

पाइपलाइन निर्माण के लिए सर्वदलीय बैठक में लिये गए सुझाव

विज्ञापन

भारत-नेपाल के बीच दूसरी बड़ी पेट्रोलियम पाइपलाइन के निर्माण के लेकर बुधवार को मेचीनगर नगरपालिका में ईआइए के संबंध में सर्वदलीय बैठक रखी गई थी, जिसमें जानकारी दी गई कि भारत सरकार ने सिलीगुड़ी से नेपाल के कोसी प्रदेश के झापा जिले के चारआली तक 50 किलोमीटर लंबी पेट्रोलियम पाइपलाइन के विस्तार की तैयारी तीव्र गति से शुरू की है।

इस परियोजना में सिलीगुड़ी से मेची पुल तक भारत की तरफ 36 किलोमीटर व मेची पुल से झापा के चारआली तक 14 किलोमीटर पाइपलाइन बिछायी जाएगी। जहां चारआली में निर्माणाधीन ग्रीनफिल्ड टर्मिनल में 1.5 मिलियन लीटर पेट्रोलियम पदार्थ भण्डारण की क्षमता होगी, जहां से 20 हजार लीटर ईंधन 20 मिनट में टैंकर से लोड करने की सुविधा होगी।

भारत सरकार ने पाईपलाइन के लिए 6.86 अरब रुपए का दिया है अनुदान

इस अंतर्देशीय पेट्रोलियम पाइपलाइन परियोजना के लिए भारत सरकार के द्वारा भारतीय रुपये 6 अरब 86 करोड़ 40 लाख रुपये अनुदान स्वरूप निर्माण कार्य के लिए दिया गया है। इस परियोजना के लिए मेचीनगर के वार्ड संख्या 6, 7, 8, 10, 13 व 14 के कुछ स्थान में पाइपलाइन का निर्माण कार्य होगा। जिस रास्ते से मेचीनगर वार्ड संख्या 13 के 23 बीघा 3 कठ्ठा 13 धुर जमीन पर विशाल भण्डारण संरचना का निर्माण किया जा रहा है।

उच्च अदालत में लंबित जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर भी हुई बात

वहीं, इस सर्वदलीय बैठक में कुछ स्थानीय नागरिकों के भूमि विवाद का मामला विराटनगर उच्च अदालत में विचाराधीन होने की बात कोसी प्रदेश सभा सदस्य सविना बजगाई ने रखी। उधर, कार्यकारी निदेशक बराल ने कहा कि जब तक अदालत का फैसला नहीं आ जाता, विवादित स्थान में किसी भी प्रकार की संरचना का निर्माण नहीं किया जाएगा, और न ही इससे इस परियोजना में कोई प्रभावित होगा। अदालत का जो भी निर्णय आएगा, उसके अनुरूप आगे का निर्णय लिया जाएगा।

सर्वदलीय बैठक में प्राप्त सुझावों के आधार पर तैयार होगा प्रतिवेदन

इस सार्वजनिक सर्वदलीय बैठक में सांसद, स्थानीय सरकार, राजनीतिक दल के प्रतिनिधि का सुझाव लिया गया। नेपाल ऑयल निगम की तरफ से प्रतिनिधि के रूप में नायब कार्यकारी निर्देशक दीपक बराल, इंजीनियर विनीत मणि उपाध्याय, प्रोजेक्ट मैनेजर सुरेन्द्र महतो, वातावरणीय विज्ञ रामकुमार तमांग एवं भारत-नेपाल सामाजिक सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा आदि ने बैठक में प्राप्त सुझावों के आधार में प्रतिवेदन तैयार कर संबंधित विभाग को देने की बात कही। कार्यक्रम का सहजीकरण हवाई ईंधन डिपो भद्रपुर के प्रमुख संदीप रिमाल ने किया।

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

ADVERTISMENT

Leave A Reply