बिहार विधानसभा चुनाव 2020 : 56 सीटों पर जीत-हार का अंतर पांच हजार, 10 पर तो एक हजार वोट से से भी कम रहा फासला
हिलसा में जदयू उम्मीदवार कृष्ण मुरारी शरण मात्र 12 वोटों से जीते थे
पटना (voice4bihar)। बिहार विधानसभा चुनाव – 2025 के दंगल की महाबिसात बिछ चुकी है। महागठबंधन और एनडीए अपनी-अपनी चालें चल चुका है। महागठबंधन सबसे बड़े और कठिन सवाल कि उसका मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा का जवाब तेजस्वी यादवी को सामने रखकर दे चुका है। अब बारी जनता की है।
छह और 11 नवंबर को ईवीएम का बटन दबाकर जनता तय करेगी कि तेजस्वी को खुद को साबित करने का मौका देगी या नीतीश के नेतृत्व में ही बिहार की नाव आगे बढ़ेगी। अब तक की दोनों ओर की तैयारी से मुकाबला रोचक नजर आ रहा है।
आइए, डालते हैं 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव पर एक नजर
इस बीच, हम 2020 के विधानसभा चुनाव की उन सीटों पर नजर डालते हैं जहां टक्कर कांटे की हुई थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में 243 सीटों में से कम से कम 56 सीटों पर मुकाबला रोचक रहा था। इन 56 सीटों पर जीत-हार का अंतर पांच हजार वोटों के आसपास रहा था। इनमें 10 सीटों पर तो जीत-हार का अंतर एक हजार वोटों से भी कम रहा था। एक हजार से कम वोटों के अंतर से जीतने वालों में सबसे अधिक जदयू के चार उम्मीदवार रहे थे।
राजद के शक्ति सिंह महज 12 वोट से हार गए थे चुनाव

हिलसा में जदयू उम्मीदवार कृष्ण मुरारी शरण मात्र 12 वोटों से जीते थे। कृष्ण मुरारी शरण को 61848 जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे राजद के शक्ति सिंह यादव को 61836 मत मिले थे।

बरबीघा में जदयू उम्मीदवार सुदर्शन कुमार 113 वोटों से जीते थे। सुदर्शन कुमार को 39878 जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे कांग्रेस के गजेंद्र साही को 39765 मत मिले थे। इस बार जदयू ने सुदर्शन कुमार का टिकट काट दिया है। सुदर्शन सूबे के कद्दावर कांग्रेस नेता राजो सिंह के पोते हैं। इस बार वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
462 वोटों से जीत कर सुनील कुमार बने मंत्री

इसी प्रकार भोरे (सुरक्षित) विधानसभा सीट से मात्र 462 वोटों से जदयू के सुनील कुमार जीते थे। सुनील कुमार नीतीश मंत्रिमंडल में उत्पाद एवं मद्य निषेध और फिर शिक्षा मंत्री भी रहे। सुनील कुमार को 74067 जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे सीपीआई एमएल के जीतेंद्र पासवान को 73605 वोट मिले थे।
189 वोटों से जीते राजद के सुधाकर सिंह

हजार वोट से कम के अंतर से जीतने वालों में राजद के तीन उम्मीदवार शामिल हैं। राजद का सबसे कम वोटों के अंतर से जीत का आंकड़ा रामगढ़ का है। रामगढ़ में राजद उम्मीदवार सुधाकर सिंह महज 189 वोटों से जीते थे। यहां सुधाकर सिंह को 58083 जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे बसपा के अंबिका सिंह यादव को 57894 मत मिले थे।
2020 में 464 वोट से जीतने वाले फतेह बहादुर 2025 में बेटिकट हो गए
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डेहरी में राजद उम्मीदवार फतेह बहादुर कुशवाहा को 64567 जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे भाजपा के सत्यनारायण यादव को 64103 मत मिले थे। 2020 में 464 वोट से जीतने बाले फतेह बहादुर 2025 में बेटिकट हो गए। राजद ने कुढ़नी की सीट भी एक हजार से कम यानी महज 712 वोटों के अंतर से जीती थी। कुढ़नी में राजद उम्मीदवार अनिल कुमार सहनी को 78549 जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे भाजपा के केशव प्रसाद गुप्ता को 77832 मत मिले थे।
महज 333 वोटों के अंतर से मटिहानी जीतने वाले लोजपा (R) के एकमात्र विधायक जदयू में शामिल हो गए

इन सबों के अलावा भाजपा, सीपीआई और लोजपा (R) को एक-एक सीट पर एक हजार से कम वोटों से जीत मिली थी। भाजपा बछवारा सीट 484, सीपीआई बखरी सीट 777 और लोजपा (R) मटिहानी सीट महज 333 वोटों के अंतर से जीती थी।
लोजपा (R) के मामले में खास बात है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में कुल 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बाद भी उसे एक मात्र मटिहानी से जीत मिली थी। हालांकि चुनाव के बाद मटिहानी से विधायक बने लोजपा (R) के राजकुमार सिंह जदयू में शामिल हो गए थे। राजकुमार सिंह ने जदयू के नरेंद्र कुमार सिंह को हराया था। यहां राजकुमार सिंह को 61364 जबकि नरेंद्र कुमार सिंह को 61031 मत मिले थे।
10 सीटों पर जीत-हार का अंतर दो हजार मतों से भी कम रहा
इनके अलावा कम से कम 10 ऐसी सीटें रहीं जहां 2020 के विधानसभा चुनाव में जीत का अंतर दो हजार से कम मतों का रहा। इनमें कल्याणपुर, मुंगेर, किशनगंज, सकरा, परिहार, महिषि, झाझा, सिमरी बख्तियारपुर, सीवान और महाराजगंज की सीटें शामिल हैं। कल्याणपुर में राजद के मनोज कुमार यादव 1193 मतों से जीते। मनोज कुमार यादव को 72819 जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी रहे भाजपा के सचिंद्र प्रसाद सिंह को 71626 वोट मिले।

मुंगेर में भाजपा के प्रणव कुमार यादव 1244 मतों से जीते। प्रणव को 75573 जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी राजद के अविनाश कुमार विद्यार्थी को 74329 वोट मिले। किशनगंज में कांग्रेस के इजहारुल हुसैन को 1381 मतों से जीत मिली। इजहारुल हुसैन को 61078 जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी भाजपा की स्वीटी सिंह को 59967 मत मिले। सकरा में जदयू के अशोक कुमार चौधरी 1537 मतों से जीते। चौधरी को 67265 जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी उमेश कुमार राय को 65728 मत मिले।
परिहार से भाजपा की गायत्री देवी 1569 मतों से जीतीं। गायत्री देवी को 73420 जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी रितु जायसवाल को 71851 वोट मिले। महिषि से जदयू के गुंजेश्वर साह 1630 मतों से जीते। साह को 66316 जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी राजद के गौतम कृष्णा को 64686 मत मिले।
झाझा से जदयू के दामोदर राउत 1679 मतों से जीते। राउत को 76972 जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी राजेंद्र प्रसाद को 75293 मत मिले। सिमरी बख्तियारपुर से राजद के युसुफ सलाउद्दीन ने मुकेश सहनी को 1759 मतों से हराया। सलाउद्दीन को 75684 जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी वीआईपी के मुकेश सहनी को 73925 वोट मिले।
1973 मतों से जीते अवध बिहारी चौधरी 17 महीने विधानसभा अध्यक्ष रहे

सीवान से राजद के अवध बिहारी चौधरी 1973 मतों से जीते। चौधरी को 74812 जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी भाजपा के ओम प्रकाश यादव को 74812 वोट मिले। महाराजगंज से कांग्रेस के विजय शंकर दूबे 1976 मतों से जीते। दूबे को 48825 जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी जदयू के देव नारायण साह को 46845 मत मिले।
