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नेपाल में हिंसा जारी, मंत्री के घर को लगायी आग

नेपाली कांग्रेस के काेटे से मंत्री रामनाथ अधिकारी ने दिया इस्तीफा

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पटना (voice4bihar news)। नेपाल में सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर बैन लगाए जाने के खिलाफ हिंसा का दौर दूसरे दिन भी जारी है। साेमवार को पुलिस की गोलीबारी में 20 से अधिक युवाओं के मारे जाने के बाद मंगलवार को  मंत्री के आवास में आगजनी समेत सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का सिलसिला थम नहीं रहा है ।

इस बीच नेपाल की गठबंधन सरकार के मंत्रियों ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। इधर, नेपाल से सटी भारत की सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गयी है। भारत सरकार ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।

संचार मंत्री गुरुंग के आवास में आगजनी

मंगलवार को नेपाल सरकार के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के ललितपुर स्थित निजी आवास पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी ललितपुर के सुनाकोठी स्थित गुरुंग के घर पहुंच गए। वे सुरक्षा घेरा तोड़कर घर में घुस गए और पथराव किया। पुलिस ने बताया कि भीड़ ने घर में आग लगा दी।

सुरक्षा बल आग पर काबू पाने के प्रयास में जुटी हुई है। सुरक्षा एजेंसी ने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए दमकल की गाड़ियां तैनात की गई हैं और आगे कोई नुकसान न हो, इसके लिए भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

नेपाली कांग्रेस में शेखर कोइराला गुट के मंत्री रामनाथ अधिकारी ने दिया इस्तीफा

नेपाली कांग्रेस में शेखर कोइराला गुट से सरकार में कृषि एवं पशुपक्षी मंत्री रामनाथ अधिकारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके पहले कोइराला ने सरकार में शामिल अपने समर्थकों से इस्तीफा देने का आग्रह किया था।

धाडिंग जिला निर्वाचन क्षेत्र संख्या 2 से प्रतिनिधि सभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित रामनाथ अधिकारी ने अपने त्यागपत्र में लिखा है कि मुझे नेपाली कांग्रेस के लोकतांत्रिक इतिहास पर सदैव गर्व है। मैं अपनी पार्टी के इस सिद्धांत से समझौता नहीं करने के लिए प्रतिबद्ध हूं कि अहिंसा लोकतंत्र की आत्मा है। सोमवार को हमारे बच्चों/नाती-पोतों की पीढ़ी ने हमें काठमांडू और देश के विभिन्न हिस्सों में व्याप्त भ्रष्टाचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर नियंत्रण के विरुद्ध चेतावनी दी है।

लोकतंत्र में प्रश्न पूछना और शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करना आम नागरिक का स्वाभाविक अधिकार है, यह मानने के बजाय, सरकार द्वारा व्यापक दमन, हत्याओं और बल प्रयोग ने यह आभास दिया है कि हम लोकतंत्र की ओर नहीं, बल्कि तानाशाही की ओर बढ़ रहे हैं।

मैंने सरकार के इस अलोकतांत्रिक कदम पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए, मुझ सहित पूरे देश और जनता से सरकार द्वारा किए गए अत्याचार के लिए क्षमा याचना करते हुए, तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा यहां प्रस्तुत किया है।

उन्होंने कामना की है कि देश जल्द ही युवाओं के खिलाफ बार-बार विरोध प्रदर्शन करने और शासक वर्ग द्वारा असहिष्णुता से हमेशा प्रताड़ित किए जाने की विडंबना से मुक्ति पा ले। लोकतंत्र में लोगों के जीवन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से ऊपर कुछ भी नहीं है, और हम यह सामान्य जागरूकता विकसित करें कि हमारे लोग सम्माननीय और आदरणीय होने के बजाय संप्रभु हैं।

सत्ता गठबंधन में नाराजगी, पार्टी से त्यागपत्र दे रहे युवा

नेपाल में 20 से ज्यादा युवाओं को पुलिस द्वारा आंदोलन के दौरान गोली मारकर मौत की नींद सुला देने के बाद आम जनता के बीच सत्ता गठबंधन में रहे नेकपा एमाले व नेपाली कांग्रेस के प्रमुख नेताओं के प्रति आक्रोश व्याप्त है। इसी क्रम में नेपाली कांग्रेस के मोरंग जिला सदस्य व सूचना–संचार तथा प्रचार विभाग के प्रमुख बिरेंद्र साह ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। साथ ही उन्होंने पार्टी के साधारण सदस्य की जिम्मेदारी से भी त्याग पत्र देने की बात कही है।

gen z के आंदोलन को किया समर्थन

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बिरेंद्र ने बताया कि मेरे लिए पद कोई बड़ी चीज नहीं है। देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रहे gen z के आंदोलन को मेरा भरपूर समर्थन है।
उन्होंने कहा कि सोमवार की घटना ने मेरी आत्मा को बहुत आहत किया है। भ्रष्टाचार और अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाते हुए देश के 19 निडर युवाओं के शहीद होने की खबर ने मेरे हृदय को झकझोर दिया है।

उन युवाओं के खून ने न केवल सड़कों और जमीन को, बल्कि मेरी आत्मा को भी दागदार कर दिया है। न्याय और परिवर्तन के लिए बलिदान देने वाली यह पीढ़ी हमारे लिए प्रेरणा होनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से यह सरकार और इसकी सारथी बनी नेपाली कांग्रेस केवल मूकदर्शक बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षों से छात्र राजनीति के माध्यम से हर स्तर पर जनता और कार्यकर्ताओं का विश्वास जीतने के बाद मैं आज इस आशा के साथ आया हूं कि इस पार्टी के माध्यम से देश और समाज के लिए कुछ किया जा सकता है। हालांकि, दुर्भाग्य से नेपाली कांग्रेस उस विश्वास को बनाए नहीं रख सकी। यह तथ्य कि पार्टी नेपाली जनता के विश्वास के साथ न्याय करने में विफल रही है, मुझे इस निष्कर्ष पर पहुंचाता है कि यह रास्ता अब मेरे लिए नहीं है।

उन्होंने कहा कि मैंने अपने जीवन में किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है। इसके विपरीत, मैंने सैकड़ों मरीज़ों का मुफ़्त इलाज किया है, दर्जनों बेघर लोगों को घर बनाने में मदद की है और ग़रीबों के आंसू पोंछने का निरंतर प्रयास करता रहा हूं। नेपाली कांग्रेस की राजनीति छोड़ने के बाद भी मैं वादा करता हूं कि मानवता और समाज सेवा का यह मार्ग जीवन भर चलता रहेगा।
अब मेरा रास्ता अलग है, लेकिन उद्देश्य वही है – अपना जीवन देश, जनता और सत्य के लिए समर्पित करना।

वीवीआईपी की बढ़ाई गई सुरक्षा

नेपाल में सरकार के खिलाफ बढ़ते गुस्से और विरोध के बाद वीवीआईपी और वीआईपी की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें स्थिति को समझने के बाद ही बाहर निकलने की सलाह दी है। वरिष्ठ नेताओं के आवासों और पार्टी कार्यालयों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, हमने मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेने से मना किया है। कुछ नेताओं की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।

सूत्रों के अनुसार, सोमवार की घटना के बाद असुरक्षित महसूस करते हुए मंत्रियों ने कुछ सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। सोमवार को जब मंत्री सड़कों पर निकले तो पुलिस ने स्कॉट किया । प्रदर्शनकारियों द्वारा उन पर हमला किए जाने की आशंका के चलते सोमवार को पार्टी कार्यालयों पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे।

कोइराला स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान के जूनियर डॉक्टरों और छात्रों ने किया प्रदर्शन

धरान स्थित बीपी कोइराला स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान के जूनियर डॉक्टरों और छात्रों ने gen z के विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों की मौत के विरोध में मंगलवार को प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व संस्थान के रेजिडेंट एमबीबीएस डॉक्टरों (जेआर) और छात्रों ने किया।

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों और छात्रों ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए सरकार द्वारा की गई गोलीबारी का विरोध किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में काठमांडू में 20 से ज्यादा व इटहरी में 2 लोग मारे गए। मंगलवार के अहले सुबह से कर्फ्यू के बावजूद युवाओं का प्रदर्शन जारी है।

कौन हैं प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली

2014 से नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के अध्यक्ष हैं। इसके पहले वे अक्टूबर 2015 से अगस्त 2016 तक और फरवरी 2018 से जुलाई 2021 तक दो बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। वे 2017 से झापा 5 के लिए संसद सदस्य हैं । उन्होंने पहले झापा 6, झापा 2 और झापा 7 के लिए सांसद के रूप में कार्य किया ।

ओली ने प्रधानमंत्री के रूप में 2015-16 के कार्यकाल में भारत के साथ नेपाल के पारंपरिक रूप से घनिष्ठ व्यापारिक संबंधों के विकल्प के रूप में चीन के साथ संबंधों को मजबूत किया और भारत के साथ विवादित क्षेत्रों को शामिल करने के लिए संवैधानिक संशोधन द्वारा नेपाल के नक्शे को अद्यतन किया। ओली का कार्यकाल अक्सर व्यंग्यात्मक टिप्पणियों के इस्तेमाल, आलोचकों, मीडिया के प्रति शत्रुता, भाई -भतीजावाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोपों के लिए विवादास्पद रहा है।

बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्ण ढंग से मुद्दों को सुलझाने की आवश्यकता : भारत सरकार

भारत सरकार ने सोमवार को नेपाल में 19 युवकों की हत्या की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्ण ढंग से मुद्दों को सुलझाने की आवश्यकता पर बल दिया।

बयान में कहा गया है कि नेपाल के घनिष्ठ मित्र और पड़ोसी होने के नाते, भारत का मानना ​​है कि सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए और मुद्दों को शांतिपूर्ण ढंग से और बातचीत के माध्यम से सुलझाना चाहिए। युवाओं की दुखद मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए, भारत ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

काठमांडू सहित नेपाल के विभिन्न शहरों में जारी कर्फ्यू के बारे में सूचित किए जाने के बाद, भारत ने नेपाल में भारतीय नागरिकों से सतर्क रहने और नेपाली अधिकारियों द्वारा जारी नियमों और निर्देशों का पूरी तरह से पालन करने का आग्रह किया है।

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