चिराग पासवान ने अपने संसदीय क्षेत्र हाजीपुर में रखी केंद्रीय विद्यालय की आधारशिला
बोले-मेरा उत्तरदायित्व बनता है कि अपने पिता के हर अधूरे सपनों को पूरा करुं
भूमि पूजन समारोह में वर्चुअली शामिल हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान
हाजीपुर (Voice4bihar News)। वैशाली जिले के लिए रविवार का दिन ऐतिहासिक रहा, जब केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बहुप्रतीक्षित केंद्रीय विद्यालय का भूमि पूजन किया। और केंद्रीय विद्यालय का अपना एक खूबसूरत आधुनिक सुविधाओं से लैस भवन बनाने की आधारशिला रखी। भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने से पहले चिराग पासवान ने अपने पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. रामविलास पासवान की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। साथ ही अपने पिताजी के अधूरे सपने को पूरा करने का संकल्प दोहराया।
भूमि पूजन कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए श्री पासवान ने कहा कि आज हाजीपुर वासियों के लिए गर्व और आनंद का ऐतिहासिक क्षण है, जब केंद्रीय विद्यालय के निर्माण का सपना साकार हो रहा है। चिराग ने कहा कि लंबे समय से सपना हमने और हमारे नेता आदरणीय रामविलास पासवान ने यह सपना देखा था कि केंद्रीय विद्यालय का एक अपना भवन हो, केंद्रीय विद्यालय की एक अपनी व्यवस्था हो ताकि केंद्रीय विद्यालय को किसी दूसरे भवन में पढ़ाई न करना पड़े।
चिराग ने कहा- मेरे पिता के कई सपने अब भी अधूरे, उसे मैं पूरा करूंगा
श्री पासवान ने स्वीकार किया कि उनके पिता स्व. रामविलास पासवान के कई ऐसे सपने हैं जो अब भी अधूरे हैं। वे हाजीपुर को जिस स्तर पर देखना चाहते थे, विकास के जिस मापदंड व ऊंचाइयों पर हाजीपुर को देखना चाहते थे, संभवत: अभी उसमें एक कसर बाकी रह गयी है। एक पुत्र होने के नाते यह मेरा उत्तरदायित्व तो बनता है कि अपने पिता के हर अधूरे सपनों को पूरा करूं। यह जिम्मेवारी मेरे कंधों पर है और इसे पूरा करूंगा।
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लोकसभा चुनाव प्रचार में किये हर वादे को पूरा करने की बात कही
चिराग ने कहा कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान जितनी बातें मैंने आप लोगों के बीच रखी थी, जो वादे में किए थे, एक-एक करके हर वादे को पूरा करूंगा। केंद्रीय विद्यालय 90 के दशक से मेरे पिता प्रयासरत थे। मेरे पिता स्वयं पढ़े लिखे होने के नाते शिक्षा के महत्व को समझते थे। उन्होंने प्रयास किया कि कैसे हाजीपुर के बच्चों का अपना केंद्रीय विद्यालय मिले। यहां के बच्चों को दूसरे जिला या दूसरे राज्य में न जाना पड़े।
अटल जी के शासनकाल में मिली केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति
उनका यह सपना वर्ष 2003 में पूरा हुआ, जब अटल जी की सरकार में केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति मिली। केंद्रीय विद्यालय के अपना भवन न होने की वजह से समय-समय पर केंद्रीय विद्यालयों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। एक कठिनाइयां तब और ज्यादा तीव्र गति हो जाती थी जब मेरे नेता की उपस्थिति इतनी वहां पर नहीं रहती थी। चिराग पासवान ने कहा कि बिहार के पिछड़ेपन का बड़ा कारण शिक्षा का अभाव है। पिछली सरकारों ने जात धर्म के नाम पर राजनीति की है।
कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा मोमेंटो भेंट व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। मौके पर हाजीपुर के विधायक अवधेश सिंह, उपायुक्त केटीय विद्यालय संगठन अनुराग भटनागर, प्रशासनिक अधिकारी पटना संभाग भीम सिंह, पूर्व प्राचार्य हाजीपुर केंद्रीय विद्यालय अशर्फी पासवान, केंद्रीय विद्यालय के कार्यक्रम प्रभारी मुन्ना विश्वकर्मा, पूर्व सांसद रामाकिशोर सिंह, लोजपा रामविलास प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी, प्रदेश प्रधान महासचिव संजय पासवान, प्रदेश उपाध्यक्ष असरफ अंसारी समेत भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।