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पहाड़िया समाज से पहली अफसर बनीं बबिता

जेपीएससी 2024 के परिणाम में बबिता पहाड़िया को मिली 337वीं रैंक

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रांची (voice4bihar news)। पहाड़िया समाज से आने वाली बबिता अफसर बन गयीं हैं। हाल में घोषित जेपीएससी 2024 (jpsc 2024) के परिणाम में बबिता पहाड़िया (Babita Pahadiya) को 337वीं रैंक मिली है। झारखंड में पहाड़िया समाज की बबिता पहली सदस्य हैं जिन्होंने यह मकाम हासिल किया है।

आसान नहीं था बबिता का सफर, माता पिता का मिला साथ

दुमका के आसनसाेल गांव की रहने वाली बबिता पहाड़िया का सफर आसान नहीं था। बबिता के पिता बिंदु लाल पहाड़िया खुद स्नातक तक पढ़े हैं। वे निजी स्कूल में कर्मचारी हैं। बबिता चार भाई बहन हैं। दो बड़े भाइयों के बाद दोनों बहनें हैं। छोटी बहन की शादी हो चुकी है। बबिता का जुनून अपनी कामयाबी के प्रति इतना तीव्र था कि उन्होंने शादी करने से मना कर दिया। माता पिता ने भी साथ दिया और पढ़ाई जारी रहने दी और छोटी बेटी की शादी कर दी। बबिता का एक भाई ग्रामीण डाक सेवा में कार्यरत है।

बबिता जिस पहाड़िया समाज से आती हैं उस समाज में लड़कियों की उम्र जब 15 से 17 साल की होती है तो उनकी शादी कर दी जाती है। बबिता भी जब इस उम्र में पहुंची ताे समाज का दबाव था कि अव उसकी शादी हो जाए। बबिता ने जब शादी करने से मना कर दिया तो समाज के लोग उसे और उसके परिवार को ताना देते थे। गांव के लोगों का कहना था कि बेटी को पढ़ा कर क्या कीजिएगा, दूसरे के घर में जाकर चूल्हा ही फूंकेगी।आज जब बबिता ने कामयाबी हासिल की है तो वही समाज काफी खुश है और उसे सम्मानित कर रहा है। बबिता की कामयाबी से पहाड़िया समाज का भी मान बढ़ा है।

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सूरज मंडल सरैयाहाट स्कूल से प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद एसपी कॉलेज दुमका से स्नातक की उपाधि हासिल की और फिर उन्होंने सरकारी नौकरियों की तैयारी गंभीरता से शुरू की। नौकरी की तैयारी के सिलसिले में वह कभी गांव से बाहर नहीं गयीं। यूट्यूब से नोट्स तैयार की और खुद के बूते कामयाबी हासिल की।

मीडिया से बातचीत के क्रम में बबिता बतातीं हैं कि वे लोग मूल रूप से मसिलया गांव की रहने वाली हैं। बबिता के पिताजी बच्चों की शिक्षा के लिए ही परिवार को लेकर दुमका के आसनसोल आए थे। इसी का नतीजा है कि आज उसके सभी भाई बहन पढ़े लिखे हैं।

झारखंड में हर साल नहीं होती है जेपीएससी की परीक्षा

बबिता पहाड़िया को इस बात का दर्द है कि झारखंड में हर साल जेपीएससी की परीक्षा नहीं होती है। 2024 के पहले जेपीएससी की परीक्षा 2021 में हुई थी। उस बार बबिता प्रारंभिक परीक्षा भी क्वालिफाई नहीं कर सकी थीं। बबिता बतातीं है कि उनकी सफलता में माता पिता और परिवार का पूरा योगदान है। अगर उनकी जबरदस्ती शादी कर दी जाती तो शायद यह सफलता नहीं मिलती। बबिता को कुछ करना था इसलिए उन्होंने शादी नहीं की। बबिता कहतीं हैं कि लड़की की पहचान उसके पिता अथवा पति से होती है लेकिन, उन्हें खुद की पहचान बनानी थी।

बबिता पहाड़िया की इस कामयाबी पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने फोन कर उन्हें बधाई दी। दास ने उनके और आगे बढ़ने की कामना की। साथ ही यह बताने से भी नहीं चूके कि उन्होंने ही मुख्यमंत्री के रूप में झारखंड में पहाड़िया समाज के लोगों के लिए दो फीसद आरक्षण का प्रावधान किया था। बबिता पहाड़िया ने इसके लिए रघुवर दास को धन्यवाद भी दिया।

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