कुख्यात अपराधी फुलहसन अंसारी को आखिर किसने बनाया अंकित पटेल?
बिहार में छुपा था नेपाल का कुख्यात अपराधी, मुजफ्फरपुर में बनवाया भारतीय आधार कार्ड
नेपाल में बम विस्फोट, हत्या का मुख्य सरगना रहा है फुलहसन अंसारी
मुज़फ़्फ़रपुर में हुए बड़े अपराधों में भी हो सकता है हाथ, हो रही पूछताछ
राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट
जोगबनी (voice4bihar news)। यूं तो भारत व नेपाल के बीच खुली सीमा का फायदा दोनों देशों के अपराधी उठाते रहते हैं, लेकिन समय-समय पर ऐसे मामले सामने आते हैं, जो इन अपराधियों के पनाहगारों का कच्चा चिट्ठा खोल देते हैं। हाल ही में नेपाल के कुख्यात अपराधी फुलहसन अंसारी की गिरफ्तारी ने सनसनी फैला दी है। उसने अंकित पटेल के रूप में भारत का आधार कार्ड बनवा रखा है।
यह मामला सामने आने पर सहज ही सवाल उठता है कि नेपाल के न जाने कितने कुख्यात अपराधी नाम ,धर्म बदल कर भारत में रह रहे हैं। ताज्जुब है कि इन अपराधियों को भारत में पनाह देने का खेल चल रहा है और चंद रुपयों के लिए फर्जी नाम पते पर आधार कार्ड भी बनाये जा रहे हैं।
कुख्यात अपराधी फुलहसन अंसारी बना अंकित पटेल
नेपाल में बम विस्फोट के आरोपी रहे फुलहसन अंसारी को सोमवार को भारत सीमा से सटे नेपाल की पर्सा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के बाद कई चौकाने वाले राज सामने आये हैं। वीरगंज महानगरपालिका वार्ड संख्या 24 के निवासी रहे 33 वर्षीय फुलहसन अंसारी उर्फ (विवेक सिंह) की अपराध की लम्बी फेरिहस्त है, बीते दिनों वह हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट चुका है। जेल से सजा मुक्त होने के बाद वह बम विस्फोट, डकैती, हत्या के मामले में नेपाल पुलिस के फरारी सूची में था।
बम विस्फोट कांड का मास्टरमाइंड
पर्सा पुलिस प्रवक्ता सह डीएसपी ओमप्रकाश खनाल ने बताया कि दो वर्ष पूर्व भारत-नेपाल सीमा से सटे वीरगंज के वार्ड संख्या 4 स्थित बिर्ता बजार में व घण्टाघर के समीप तरकारी बजार में बम बिस्फोट का मास्टरमाइंड फुलहसन अंसारी ही था। इसी घटना में संलग्न वीरगंज के ही इनुस अंसारी, जौवाद अंसारी व सद्दाम अंसारी को 4 जिंदा कारतूस तथा विस्फोटक पदार्थ के साथ गिरफ्तार किया गया था। जबकि मुख्य अभियुक्त फुलहसन अंसारी खुली सीमा का फायदा उठाकर भारत में भाग आया था, जहां वह नाम बदल कर विभिन्न आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा था।
मुजफ्फरपुर में बनवाया आधार कार्ड और फुलहसन अंसारी बन गया अंकित पटेल
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नेपाल के कुख्यात अपराधी की सूची में रहे फुलहसन ने मुजफ्फरपुर में अपने नाम के साथ ही पहचान को बदल लिया था। वह अंकित पटेल के नाम से भारतीय आधार कार्ड बना कर रह रहा था। डीएसपी खनाल ने कहा कि वह समय-समय पर भारत के सीमावर्ती बाजार रक्सौल आ कर वीरगंज के व्यापारी को धमकी देता था। फोन पर पैसे की मांग कर अपने गुर्गे के मार्फ़त रंगदारी की वसूली कर ले जा रहा था।
वीरगंज में बड़ी घटना को अंजाम देने की थी सूचना
डीएसपी खनाल के अनुसार नेपाल पुलिस को सूचना थी कि कुख्यात फुलहसन अंसारी वीरगंज में बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए तैयारी कर रहा है। जिसके लिए वह बिहार से नेपाल आ रहा है। इस सूचना पर सक्रिय हुई नेपाल पुलिस ने इसकी जानकारी अपने काउंटर पार्ट बिहार पुलिस को दी। जिसके बाद भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में इसकी तलाश शुरू की गई थी, लेकिन किसी तरह वह नेपाल की सीमा में प्रवेश कर गया, जहां से उसकी गिरफ्तारी की गयी।
फुलहसन अंसारी का नेपाल में रहा है काफी लम्बा आपराधिक इतिहास
फुलहसन ने वर्ष 2017 के जनवरी महीने में वीरगंज के ब्यापारी राजेश क्याल की गोली मार कर हत्या कर दी थी। राजेश की हत्या के दस दिन बाद पुलिस ने हथियार के साथ फुलहसन को गिरफ्तार कर लिया था। उक्त घटना में फुलहसन के विरुद्ध तीनों न्यायालय ने आरोप में शामिल होने का दोषी ठहराया व उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा था।
उम्रकैद की हुई थी सजा, आम माफी के तहत छूट था जेल से
जेल में सजा भुगत रहे फुलहसन को बाद में न्ययालय ने 2018 में दहशरा में आम माफी के तहत सजा को माफ कर दिया गया था, लेकिन जेल से रिहा होने के बाद फिर से आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगा। इसके बाद वीरगंज के अपौनी में विभिन्न अपराध में संलग्न रहे विदेशी साह के गैंग में शामिल हो गया। यह गिरोह दो दर्जन से ज्यादा आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे चुका है।
मुजफ्फरपुर में आखिर कैसे बन गया नेपाल के भगौड़ा का आधार कार्ड!
फुलसहन अंसारी जिस तरह से अपनी पहचान बदल कर मुजफ्फरपुर में रह रहा था, उसे देखते हुए इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि बीते दिनों मुजफ्फरपुर सहित अन्य जगहों पर हत्या बैंक लूट कांड में इसकी संलिप्तता हो।
सबसे बड़ी बात यह भी है कि आखिर किस पहचान पत्र के सहारे इसका आधार कार्ड निर्गत हुआ? ऐसे कितने कुख्यात अपराधी या आतंकी भारत में पहचान बदल कर रह रहे हैं, यह भी बड़ा सवाल है। इस खुलासे के बाद देश की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा होता है।