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नर बलि की भेंट चढ़ने से बचीं दो युवतियां, दो मानव तस्कर गिरफ्तार

नेपाल से लाकर बेतिया में युवतियों को दी जानी थी बलि, ऐन वक्त पर पुलिस ने दबोचा

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एक विशेष पूजा में बैठने के एवज में एक लाख रुपये का दिया था प्रलोभन

गिरफ्तार मानव तस्कर भारत के नागरिक निकले, खुद को पति-पत्नी बता रह दोनों

जोगबनी बॉर्डर से राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट

Voice4bihar news. भारत के पड़ोसी देश नेपाल से मानव तस्करी के जरिये दो युवतियों को बिहार लाकर नर बलि दिये जाने की साजिश का शनिवार को पर्दाफाश हुआ है। वैसे तो नेपाल से युवतियों व बच्चों को भारत लाये जाने की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं। युवतियों को देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया जाता है जबकि बच्चों से बाल मजदूरी कराने की बात सामने आती है। नेपाल पुलिस के अनुसार यह मामला इस लिए संगीन है कि इसमें नर बलि के मकसद से युवतियों को भारत लाया जा रहा था।

पहाड़ी मूल की दो युवतियों को बेतिया ले जा रहे थे मानव तस्कर

नेपाल पुलिस ने शुक्रवार को भारत-नेपाल सीमा स्थित बिरगंज से दो युवतियों सहित एक नाबालिग की बरामदगी के बाद कहा कि इन्हें मानव बलि के लिए भारत ले जाया जा रहा था। जिला पुलिस कार्यालय पर्सा के पुलिस उपरीक्षक बेलबहादुर पांडेय ने बताया कि मानव बलि के लिए नेपाल से भारत की तरफ ले जाने के आशंका में दो युवतियों सहित दो मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें तनहुँ जिले के ब्यास नगरपालिका की रहने वाली 22 व 20 वर्षिया युवती व इसके दो वर्षिय पुत्र को बरामद किया गया है। वहीं गिरफ्तार मानव तस्कर की पहचान भारतीय नागरिक असुगर सैफी व इसकी पत्नी सीता थापा क्षेत्री उर्फ सकिना खातुन के रूप में हुई है।

पूजा में शामिल होने पर एक घंटे के लिए एक लाख रुपये देने का दिया था प्रलोभन

बताया जाता है कि युवतियों को बेतिया ले जाने की तैयारी में लगे इन तस्करों ने इन्हें बड़ा प्रलोभन दिया था। इन्हें गंतव्य स्थान के बारे में भी गलत जानकारी दी गयी थी। गोर्खा से नेपालगंज जाने की बात कह कर इन्हें बीरगंज लाया गया था, जबकि असल में इन्हें बिहार के पश्चिमी चंपारण ले जाने की तैयारी थी। ऐन वक्त पर पीड़ित युवतियों को शक हो गया, जिसके चलते उनकी जान बच गयी।

जब पता चला कि बेतिया भारत में है तो उड़ गये होश

दरअसल हुआ यह कि तस्करी कर लाई जा रहीं युवतियों को जैसे ही आशंका हुई, उन्होंने मौका देखकर स्थानीय नागरिकों से पूछा कि बेतिया किधर है? जब लोगों ने बताया कि बेतिया नामक शहर भारत में है, तो इन युवतियों के होश उड़ गये। फिर तस्करों के चंगुल से बचने के लिए तरकीब ढूंढ़ने लगीं।

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बरामद युवतियों ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पूर्व सकीना उनके संपर्क में आई और कहा कि नेपालगंज में हो रही एक पूजा में सहभागी होने पर उन्हें मोटी रकम मिलेगी। सकीना ने कहा कि मासिक धर्म (महिनावारी) नहीं होने के दिन यदि इस पूजा में एक घन्टा सहभागी बनती हैं तो उन्हें एक लाख रुपये दिये जाएंगे। यही प्रलोभन देकर दोनों युवतियों को टिपर के मार्फत बीरगंज लाया गया।

युवतियों की सूझबूझ से नर बलि के मंसूबे हुए विफल

मानव तस्करों के प्रलोभन में फंसकर गोरखा से बीरगंज पहुंची दोनों युवतियों को बृहस्पतिवार की रात बीरगंज के एक होटल में रखा गया। वहां रात बिताने के बाद अगले दिन रक्सौल होते हुए बेतिया भेजे जाने की तैयारी थी। इस बीच मोबाइल रीचार्ज कराने के बहाने दोनों युवतियां बाहर निकलीं और एक दुकानदार को इसकी जानकारी दी। स्थानीय दुकानदार पूरा माजरा समझ गए और दोनों युवतियों व मानव तस्कर दंपति को कब्जे में ले लिया। बाद में उन्हें पुलिस के सुपुर्द किया है।

पुलिस ने बरामद युवतियों को भेजा संरक्षण गृह

पुलिस ने दोनों युवतियों व नाबालिग बच्चे को ‘आफन्त नेपाल’ के संरक्षण गृह में रखवा दिया है। यह संस्था मानव तस्करी के विरुद्ध काम करती है। जिला पुलिस कार्यालय पर्सा के पुलिस उपरीक्षक बेलबहादुर पांडेय ने बताया कि युवतियों से की गयी पूछताछ के आधार पर पहली नजर में यह मामला मानव बलि का प्रयास लगता है। हालांकि बाकी बातें अनुसंधान के बाद स्पष्ट होने की बात नेपाल पुलिस ने कही है।

यह भी देखें : अंतर्राष्ट्रीय वाहन चोर गिरोह का सरगना गिरफ्तार, नेपाल से चुराकर भारत में बेचता था बाइक

छह माह पहले भी नेपाल सीमा में पकड़े गए थे अररिया के चार मानव तस्कर!

इससे पूर्व 6 नवम्बर 2020 को मानव तस्करी के आरोप में अररिया जिले के चहटपुर पंचायत के दिलीप कुमार साह (37) व दिलीप यादव (35) को पकड़ा गया था। वहीं नेपाल के इस्लामपुर निवासी वरूण कुमार मंडल (24) एवं इनरुवा के सचिन मेहता (28) भी दबोचे गए थे। पुलिस ने बताया कि ये लोग प्रलोभन देकर तीन लड़कियों को ले जा रहे थे, जिनमें एक एक इस्लामपुर व दो बेलवारी की बतायी गयी हैं। पुलिस ने बताया कि हिरासत में लिए गए चारों युवक लम्बे समय से मानव तस्करी में संलग्न थे।

मानव तस्करी में ‘नरबलि’ का मकसद सामने आने से सभी स्तब्ध

फिलहाल मानव तस्करी की घटनाओं के बीच नर बलि का मकसद सामने आने पर लोगों में भय समा गया है। अब इस बात की भी चर्चा होने लगी है कि क्या वाकई लोग आज भी अंधविश्वास के चक्कर में फंस कर मानव की बलि (नरबलि) जैसी कुरीतियों का शिकार हो रहे हैं? इस बीच यह भी चर्चा हो रही है कि अब तक मानव तस्करी के जितने भी मामले सामने आए हैं इसमें भारत में बैठे प्रमुख मानव तस्कर की भूमिका रही है। ऐसे में इस तस्कर तक पुलिस व सुरक्षाबलों के हाथ क्यों नहीं पहुंच पाते?

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