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पोस्ता दाना के नाम पर मंगाये गए सैकड़ों टन अफीम के बीज, गैरकानूनी खेती की आशंका

नेपाल में हो रहा पोस्ता दाना का अत्यधिक आयात कहीं भारत के लिए खतरे की घंटी तो नहीं

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मामूली खपत के बावजूद नेपाल ने मंगाए 163 टन पोस्ता दाना, भारत में तस्करी का शक

नेपाल के रास्ते भारत में आने वाले बीज से अफीम की खेती को बढ़ावा मिलने का खतरा

राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट

जोगबनी (Voice4bihar news)। नेपाल में खपत नहीं होने के बावजूद बड़े पैमाने पर नेपाल में आयात हो रहे अफीम बीज / पप्पी सीड / पोस्ता दाना को लेकर भारत की चिंताएं बढ़ती ही जा रही है। यह चिंता तब और बढ़ गयी जब जांच में पाया गया कि नेपाल में मंगाये गए अफीम के बीज आवश्यकता से काफी अधिक होने के साथ ही प्रजनन क्षमता से भी युक्त हैं। यानि भारत समेत अन्य पड़ोसी देशों में तस्करी के माध्यम से आपूर्ति हो रहे पोस्ता दाना का उपयोग अफीम की अवैध खेती के लिए होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसा करना अंतरराष्ट्रीय कानून का खुलेआम उल्लंघन है।

दरअसल, नेपाल सरकार के उद्योग वाणिज्य तथा आपूर्ति मंत्रालय ने जिस पप्पी सिड के आयात को मंजूरी दी है, वह प्रजनन क्षमतायुक्त (खेती के लिए बीज के रूप में प्रयोग लायक) होने की पुष्टि हुई है। वनस्पति विभाग के अंतर्गत स्थापित एक प्रयोगशाला में किए गए परीक्षण में यह तथ्य सामने आया है। यहां उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार प्रजनन क्षमतायुक्त सिड नेपाल में नहीं लाया जा सकता है, जबकि आंकड़े बताते हैं कि यहां लगभग शून्य खपत होने के बावजूद बड़े पैमाने पर पप्पी सिड का आयात हुआ है।

Voice4bihar ने पिछले दिनों पुरजोर तरीके से उठाया था मसला

यहां बता दें कि विगत 23 नवम्बर को Voice4bihar न्यूज पोर्टल पर इस बाबत खबर प्रकाशित की गयी थी, जिसमें नेपाल के रास्ते भारत में तस्करी के माध्यम से पोस्ता दाना आपूर्ति पर सवाल उठाये गए थे। नेपाल के पूर्व डीआईजी व रक्षा विशेषज्ञ हेमंत मल्ल के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया था कि नेपाल में पोस्ता दाना की खपत नहीं के बराबर है। इसके बावजूद बाकायदा नेपाल सरकार के उद्योग, वाणिज्य तथा आपूर्ति मंत्रालय की स्वीकृति के साथ 163 टन ( एक लाख 63 हजार पांच सौ किलोग्राम ) अफीम के बीज नेपाल में मंगाये गए हैं।

नेपाल में भारी मात्रा में पोस्ता दाना के आयात पर नारकोटिक्स विभाग ने की जांच

अस्वाभाविक तरीके से नेपाल में पप्पी सिड आयात होने के बाद नेपाल के नारकोटिक्स ब्यूरो हरकत में आया। ब्यूरो ने आयातित पोस्ता दाना के कुछ नमूनों को संकलित कर परीक्षण के लिए विभाग में भेजा था। विभाग ने परीक्षण के लिए सेंपल सिड को गोदावरी स्थित राष्ट्रीय हर्बेरियम वनस्पति प्रयोगशाला में भेजा था। करीब एक महीने बाद आई जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। परीक्षण किये गए 90 प्रतिशत सिड में प्रजनन क्षमता होने की बात प्रयोगशाला ने अपनी रिपोर्ट में कही है।

नारकोटिक्स ब्यूरो नेपाल के एसएसपी ने की रिपोर्ट की पुष्टि

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नारकोटिक्स ब्यूरो के एसएसपी हृदय थापा ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि आयात किए गए पप्पी सिड प्रजनन क्षमतायुक्त होने की बात प्रयोगशाला में किए गए परीक्षण के बाद पता चला है। अस्वाभाविक तरीके से नेपाल में पप्पी सिड आयात होने के बाद मामला संदेहास्पद प्रतीत होने के बाद नमूने संग्रहित कर जांच के लिए भेजे गए थे। प्रयोगशाला ने विभाग के महानिदेशक बुद्धिसागर पौडेल की ओर से परीक्षण के लिए भेजे गए पप्पी सिड को प्रजनन क्षमतायुक्त पाया है।

अफीम बीज के निर्यात व खेती के लिए क्या है अंतरराष्ट्रीय नियम?

नेपाल को अफीम के बीज सप्लाई करने वाले उत्पादनकर्ता देशों ने सिड की प्रजनन क्षमता को नष्ट किए बगैर ही भेज दिया। ऐसा करना संयुक्त राष्ट्र संघ के ‘ऑफिस अन ड्रग एन्ड क्राइम’ अन्तर्गत इंटरनेशनल नार्कोटिक्स कन्ट्रोल बोर्ड (आइएनसीबी) की नीति के विपरीत है। सिड का दुरुपयोग कर अफीम की खेती होने के खतरे को देखते हुए बोर्ड ने यह नियम लागू किया था। इस नियम अनुसार अफीम की खेती करने के लिए भी खेती करने वाले देश को बोर्ड से स्वीकृति लेनी होती है। साथ ही इस खेती का उद्देश्य बोर्ड को बतलाना होता है। मापदण्ड पूरा होने के बाद बोर्ड के सुपरविजन में ही खेती करने वाला देश अफीम की खेती कर सकता है।

संबंधित खबर : नेपाल में पोस्ता दाना की खपत नहीं, फिर किसके लिए मंगाये जा रहे अफीम के बीज!

एक लाख 63 हजार पांच सौ किलोग्राम पोस्ता दाना नेपाल पहुंचा 

नेपाल ने 163 टन ( एक लाख 63 हजार पांच सौ किलोग्राम ) अफीम के बीज का आयात किया है। उद्योग वाणिज्य तथा आपूर्ति मंत्रालय ने आइएनसीबी की स्वीकृति के बिना ही बीते दिनों दो हजार मीट्रिक टन पप्पी सिड टर्की से नेपाल में आयात करने की स्वीकृति दी थी। स्वीकृति के पश्चात नेपाल में कुल एक लाख 63 हजार पाच सौ किलो सिड पहुंच चुका है। इसके लिए आयातकर्ता ने 12 करोड़ 21 लाख 50 हजार रुपये भुगतान किया है। बाकी बचे सिड की खेप अभी आने वाली है।

इन कंपनियों ने ली थी अफीम बीज के आयात की मंजूरी

नेपाल सरकार के वाणिज्य, आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अनुसार नेपाल में सिड लाने के लिए दुगुना गढ़ी इन्वेस्टमेन्ट प्राइवेट लिमिटेड, धनलक्ष्मी फुड प्राइवेट लिमिटेड, श्यामजी सप्लायर्स, वैभव ट्रेड कन्र्सन, कुबेर एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड व राठी ट्रेंडिंग कम्पनी ने मंत्रालय से आयात की स्वीकृति ली था। विभाग से मिले आंकड़े के अनुसार राठी ट्रेंडिंग कम्पनी ने 13 खेप में 65 हजार किलो सिड मंगाया है। शेष सीड अन्य कंपनियों ने मंगाया है।

भारत-नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में ही हैं अफीम के बीज के सभी स्टॉक

आयातित सभी सिड विराटनगर व झापा जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में गोदाम बना कर रखा है। वही पूर्व डीआईजी व रक्षा विशेषज्ञ हेमन्त मल्ल की मानें तो इसका बाजार भारत है, जो तस्करी के माध्यम से एक दशक पूर्व जाता रहा था। मामला प्रकाश में आने पर नेपाल में आयात पर रोक लगी थी। चूंकि नेपाल में इसकी खपत नहीं है तो आयात की अनुमति अपने आप में चौकाने वाला है।

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