सुहागरात की अगली सुबह ही दूल्हे की मौत, बिन मां-बाप की बेटी का दुर्भाग्य ने नहीं छोड़ा साथ
डॉक्टरों ने किया मृत घोषित लेकिन परिजनों ने नहीं छोड़ी उम्मीद
युवक को जिंदा कराने के लिए दिनभर लाश लिये भटकते रहे लोग
डॉक्टरों ने कहा- हर्ट अटैक से मौत , ओझा गुनी करते रहे झाड़ – फूंक
पटना (voice4bihar desk)। एक दिन पहले ही संपन्न हुए निकाह की खुशियां अचानक रविवार को मातम में बदल गयी, जब सुहागरात की अगली सुबह दूल्हे की मौत हो गयी । युवक की अकस्मात हुई मौत को स्वीकार करने की बजाय जिंदा होने की उम्मीद बांधे परिजन दिन भर भागम भाग करते रहे । आखिरकार शाम ढलते ही युवक के जिंदा होने की उम्मीदें भी अस्त हो गयी । परिजनों ने उसे सुपुर्दे खाक कर दिया । यह हृदयविदारक घटना राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ प्रखंड अंतर्गत इसापुर रहमत नगर मोहल्ले की है ।
बताया जाता है कि शुक्रवार की रात इशोपुर निवासी मो अली के पुत्र राजा का निकाह यहीं की रहने वाली साजिया ( काल्पनिक नाम ) के साथ हुआ । दोनों एक ही मुहल्ले में रहते थे और दूर के रिश्तेदार बताये जाते हैं । बिन मां – बाप की बेटी का निकाह हुआ तो दामन में आगे के जीवन की खुशियां संजोये साजिया ससुराल में आ गयी । शनिवार की रात दोनों की सुहागरात थी ।
अगली सुबह यानि रविवार को दूल्हा बना राजा अपने कमरे से निकला तो सीने में तेज दर्द की शिकायत की । जब तक परिजन उसे संभाल पाते , वह जमीन पर गिर पड़ा । आनन – फानन में उसे पास के ही एक निजी अस्पताल में ले जाया गया , जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया । डॉक्टरों के अनुसार युवक की मौत हर्ट अटैक के कारण हुई है ।
शरीर ठंडा होने तक जिंदा होने की उम्मीद बांधे रहे परिजन
दूल्हे की मौत के बाद शव लेकर अस्पताल से बाहर निकले परिजनों को अहसास हुआ कि युवक के शरीर में अभी गर्मी बाकी है । माना जाता है कि मौत के बाद शरीर ठंडा पड़ जाता है , लेकिन युवक का शरीर अब भी गर्म लग रहा था । फिर क्या था , लोग उसे जिंदा कराने की उम्मीद में मौलाना , भगत व पीर – फकीर के यहां लेकर दौड़ते रहे। इस दौरान एक टोटके के तहत युवक को नहलाने की प्रक्रिया चल रही थी , तभी लोगों को लगा कि युवक का शव पानी पीने की कोशिश कर रहा है । यानि जिंदा होने की उम्मीदें बाकी है ।
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शाम ढलते ही अस्त हुई जिंदा होने की उम्मीदें
इस दौरान जहां भी किसी ने बताया, शव को लेकर लोग पहुंच जाते। हर जगह थोड़ी उम्मीद जगती लेकिन फिर नाउम्मीद होकर अगली जगह पहुंच जाते। इन सारी प्रक्रियाओं में सुबह से शाम हो गयी, लेकिन युवक के प्राणवायु वापस नहीं लौटे । अब लोगों का धैर्य भी जवाब दे रहा था । शाम ढलते ही सारी जिंदा होने की उम्मीदें खत्म हो गयीं । लिहाजा शव को कब्रिस्तान में ले जाकर सुपुर्दे खाक कर दिया गया ।
बिन मां – बाप की बेटी की खुशियां सुहागरात को ही छिन गयी
बताया जाता है कि इसापुर की साजिया ( काल्पनिक नाम ) के पिता व मां की मौत पांच वर्ष पूर्व ही हो गयी थी । मां और पिता के मौत के सादमे से उभरने के बाद अपनी नयी दुनिया बसाने की सपने संजोये हुई थी । इसी दौरान रिश्तेदारी में ही इसापुर के रहमत नगर के राजा से शादी तय हुई । लेकिन यह शादी की खुशियां दूसरे रात तक भी नहीं टीक सकी ।
विवाद होने के वजह से एक दिन टल गयी थी निकाह की तारीख
इसापुर रहमत नगर निवासी राजा का निकाह शुक्रवार को ही होना था , लेकिन विवाद के कारण एक दिन आगे टालनी पड़ी। हुआ यू कि पांच वर्ष पूर्व राजा का निकाह मसौढ़ी में एक एक लड़की से तय हुआ था, जो किसी वजह से नहीं पाया था । इसी बीच राजा का रिश्ता इसापुर की ही साजिया ( कल्पनिक नाम ) के साथ तय हो गया । शुक्रवार को निकाह की तैयारी हो रही थी, तभी मसौढ़ी वाली लड़की के परिजन इसापुर आ धमके।
एक लड़के से निकाह के लिए दो दावेदारों के पहुंचने के बाद मामला बिगड़ गया और वात फुलवारीशरीफ थाने तक पहुंच गयी । आखिरकार सामाजिक हस्तक्षेप व थाने में समझौते के बाद दोनों पक्षों में सुलह हुआ । इसके तहत मसौढ़ी वाले रिश्तेदारों ने अपनी दावेदारी वापसले ली । इसके बाद राजा का निकाह शुक्रवार की वजाय शनिवार को साजिया से हुआ था ।