विधायक को बुलाकर खुद दफ्तर नहीं आए सीओ, नाराज विधायक ने वहीं पर दिया धरना
करीब छह घंटे तक सीओ के चैंबर में बैठकर किया इंतजार, फिर कार्यालय के गेट पर बैठ गए विधायक
अगिआंव विधायक के हठ के आगे झुका प्रशासन, शाम सात बजे सीओ को आना पड़ा दफ्तर
मंगलवार को पीड़ित परिवार के साथ सीओ ने विधायक को बुलाया था, खुद नहीं आए कार्यालय
आरा (voice4bihar news)। अपनी बिंदास कार्यशैली के लिए मशहूर भोजपुर जिले के भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल एक बार फिर सुर्खियों में आ गये। इस बार एक पीड़ित परिवार को हक दिलाने के लिए उन्होंने सत्याग्रह कर प्रशासन को झुकने पर विवश कर दिया। श्री मंजिल अगिआंव विधान सभा क्षेत्र से विधायक हैं। मामला भोजपुर जिला मुख्यालय स्थित आरा अंचल कार्यालय से जुड़ा है। इस प्रकरण ने प्रशासनिक अफसर की मनमानी को भी उजागर किया है।
विधायक मनोज मंजिल से मुलाकात का वक्त सीओ ने ही किया था तय
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दरअसल विधायक मनोज मंजिल से मुलाकात का समय तय होने के बावजूद आरा के अंचलाधिकारी प्रवीण कुमार पांडे मंगलवार को दफ्तर नहीं आए। इससे विधायक खफा हो गए और अंचलाधिकारी कार्यालय के सामने ही धरना पर बैठ गये। विधायक श्री मंजिल ने मीडियाकर्मियों को बताया कि पिछले दिनों आरा के मौलाबाग निवासी रंजन यादव की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गयी थी। इनके आश्रितों को आपदा राहत कोष से मुआवजे की राशि देने के लिए विधायक ने अंचलाधिकारी से वार्ता की थी।
सीओ ने कहा था- मंगलवार को आइए…, हम मुआवजा देंगे
इस दौरान सीओ ने विधायक को आश्वस्त किया था कि पीड़ित परिवार को मुआवजा मिलेगा। अंचलाधिकारी प्रवीण कुमार पांडे ने विधायक से कहा था कि मंगलवार को मृतक के परिजन के साथ मेरे कार्यालय आइए और हम मुआवजा की राशि देंगे। मंगलवार को तय समय पर विधायक मनोज मंजिल अंचल अधिकारी के कार्यालय में पहुंचे तो सीओ कार्यालय नहीं आए थे।
शाम 05:00 अंचल कार्यालय के द्वार पर धरना देकर बैठ गए विधायक
इससे नाराज विधायक पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने के लिए पूर्वाह्न 11:30 बजे से लेकर शाम 05:00 बजे तक अंचलाधिकारी प्रवीण कुमार पांडे के चैम्बर में बैठे रहे। शाम पांच बजे तक भी सीओ नहीं आए तो विधायक ने सत्याग्रह शुरु कर दिया। वे अंचल कार्यालय के मुख्य द्वार पर बैठ गए। इस बात की खबर मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। अंततः सीओ को दफ्तर आना पड़ा और शाम सात बजे पीड़ित परिवार को मुजावजे का चेक दिया। इसके बाद ही विधायक भी वहां से निकले।