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“बोरा ले लो, बोरा” की टेर लगाने वाले शिक्षक नेता अब गा रहे नया गाना- “हमसे का भूल हुई जो ये सजा हमका मिली….।”

निलंबन की गिरी गाज तो शिक्षक नेता ने खेला नया दांव, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की मार्मिक अपील

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कहा-हमें बचा लीजिए नीतीश जी, वरना हमारे बच्चे सड़क पर आ जाएंगे

शिक्षक नेता से समर्थन में आगे आया परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ

पटना (voice4bihar news)। बिहार में शिक्षा विभाग के आदेश का मजाक उड़ाते हुए “एमडीएम का बोरा” बेचने वाले शिक्षक नेता मो. तमीजुद्दीन के निलंबन के बाद जहां शिक्षक संगठनों में उबाल देखा जा रहा है, वहीं आरोपी शिक्षक नेता के तेवर नरम पड़ते दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने एक नया वीडियो जारी करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ध्यान खींचा है। खुद को बेकसूर बताते हुए मो. तमीजुद्दीन ने “हमसे क्या भूल हुई जो ये सजा हमका मिली…” गाने के जरिये अपने मनोभावों को प्रकट किया है। हालांकि इस वीडियो में भी वे सरकारी हुक्मरानों को कठघरे में खड़ा करते दिख रहे हैं।

2:42 मिनट के ताजा वीडियो में शिक्षक नेता मो. तमीजुद्दीन यह कहते हुए दिख रहे हैं कि हमने को कुछ किया, वह विभाग के आदेश का पालन करने के लिए किया। एमडीएम का बोरा स्कूल में नहीं बिका तो हम क्या कर सकते हैं? इसी कारण हमें बोरा बेचने के लिए सड़क पर आना पड़ा। हमें बचा लीजिए नीतीश बाबू! हमारे बच्चे सड़क पर आ जाएंगे। भूखे मर जाएंगे…।

मार्मिक अपील में भी चुटीला अंदाज

वे यह भी बताना नहीं भूलते कि हम बिहार के नियोजित शिक्षक हैं। कम पैसे वाले शिक्षक हैं। इस तरह अगर सताया जाएगा तो हम कैसे जीएंगे? मुख्यमंत्री महोदय, आप पहल कीजिए। मुझे विश्वास है कि आपकी पहल से मुझे न्याय मिल जाएगा और कोई सजा नहीं मिलेगी। शिक्षक नेता ने अपनी बात को मोहम्मद रफी के गाये एक प्रसिद्ध गीत “हमसे क्या भूल हुई जो ये सजा हमका मिली…” के माध्यम से बयां किया। बहरहाल इस वीडियो के माध्यम से तमीजुद्दीन भले ही मुख्यमंत्री और जनता की सहानुभूति लेने की कोशिश करते दिख रहे हैं, लेकिन अंदाजे बयां पहले की तरह ही व्यंग्य से भरा है।

यह भी देखें : बोरा बेचने वाले शिक्षक के पीछे पड़ा विभाग

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क्या है पूरा मामला!

दरअसल, बिहार प्रारंभिक शिक्षक संघ के कटिहार जिलाध्यक्ष मो. तमीजुद्दीन का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे मध्याह्न भोजन योजना के राशन वाला खाली बोरा बेचते नजर आ रहे हैं। वीडियो में सिर पर बोरा की गठरी लेकर शिक्षक तमीजुद्दीन लोगों से बोरा खरीदने की अपील करते हुए कह रहे हैं कि अगर वे बोरा नहीं खरीदेंगे तो उन्हें वेतन नहीं मिलेगा।

बताया जाता है कि शिक्षा विभाग की मध्याह्न भोजन प्रशाखा ने वर्ष 2014-15 और 2015-16 में विद्यालयों को उपलब्ध कराये गये चावल के खाली बोरों को 10 रुपये प्रति बोरा की दर से बेच कर इसकी राशि जमा करने का निर्देश दिया है। साथ ही विभाग ने बोरा की बिक्री करने में असफल रहने पर शिक्षकों पर कार्रवाई करने की बात कही है।

इस वीडियो को शिक्षा विभाग ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए आरोपी शिक्षक पर कार्रवाई का निर्देश दे दिया। इसके आलोक में नियोजन समिति ने निलंबित कर दिया है। उन पर विभागीय आदेश का अनुपालन नहीं करने तथा प्रशासन व सरकार की छवि धूमिल करने जैसे आरोप लगे हैं। निलंबित शिक्षक को प्रखंड शिक्षा कार्यालय में अटैच करते हुए इनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए आरोप पत्र गठित करने का भी संकेत दिया गया गया है।

तमीजुद्दीन को मिला शिक्षक संगठनों का साथ

कटिहार के कदवां प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय कांताडीह के प्रभारी प्रधानाध्यापक तमीजुद्दीन के निलंबन के विरुद्ध कई जगह शिक्षकों ने प्रदर्शन किया। इस मामले में शिक्षक नेता तमीजुद्दीन के अपने संगठन बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के अलावा परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने भी सरकार के कदम की भर्त्सना की की है। मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से लेकर मानवाधिकार आयोग तक अपनी बात पहुंचाते हुए संगठन ने कहा है कि तमीजुद्दीन पर कार्रवाई का आदेश देने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। संगठन का कहना है कि विभाग के निर्देश पर ही प्रभारी प्रधानाध्यापक तमीजुद्दीन एमडीएम का बोरा बेच रहे थे।

यह भी देखें : “बोरा ले लो, बोरा” की टेर लगाने वाले शिक्षक नेता हुए सस्पेंड

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