चोरी-छिपे भारत आ रहे चायनीज सेब, वसूली जा रही मुंहमांगी कीमत
भारत-नेपाल सीमा से चाइनीज सेबों की तस्करी पर प्रशासनिक महकमा मौन
चाइनीज सेब आकार व आकृति में बड़े व आकर्षक होने से मार्केट में मांग ज्यादा
अररिया से राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट
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जोगबनी (voice4bihar news)। भारत-नेपाल की खुली सीमा पर चौकसी के बाद भी इन दिनों चायनीज सेब की बड़ी मात्रा में तस्करी हो रही है। भारत-नेपाल सीमा से सटे भारतीय बाजार चाइनीज सेबों से पटे हैं। अधिकारियों की सुस्ती के कारण व तस्करी पर लगाम न लगने से तस्करों के हौसले बुलंद हैं। चाइनीज सेब आकार व आकृति में बड़े व आकर्षक दिखने के कारण इन सेब की मार्केट में मांग ज्यादा है।
दरअसल चोरी-चुपके भारतीय बाजार में चायनीज सेब की आहट से व्यावसायिक हितों को काफी नुकसान हो रहा है। लोग चाइनीज सेव को नहीं पहचान पाते हैं, जिसका फायदा तस्कर उठा रहे हैं और मुंहमांगा दाम को लेकर इस धंधे में लगे हुए हैं। सीमा पार से निकलकर चाइनीज सेब की खेप अररिया जिला के विभिन्न बाजारों तक पहुंच रही है । बाजारों में ठेले से लेकर बड़ी दुकानों पर इसकी बिक्री के बावजूद संबंधित विभाग इसके प्रति अनजान बने हुए हैं।
40 रुपये प्रति किलो सस्ते हैं चाइनीज सेब
चाइनीज सेब व भारतीय सेब में काफी अंतर है। भारतीय सेब की कीमत जहां 80 से 120 रुपये किलो है, वहीं चाइनीज सेब व्यापारियों को मात्र 40 से 60 रुपये प्रति किलो में तस्कर उपलब्ध करा देते हैं। जिसको व्यापारी बाजार में भारतीय सेब के समान मूल्य पर ही बेचते हैं।
भारत-नेपाल सीमा पर इन रास्तों से होती है तस्करी
चाइनीज सेबों की तस्करी जोगबनी के भेरयारी, कुशमाहा, सोनमणि गोदाम सहित अन्य सीमा नाका से होती है जबकि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक रहे चाइनीज सेब की तस्करी रोकने में सीमा पर तैनात एसएसबी ही दिलचस्पी लेती है न ही अन्य प्रशाशनिक महकमा।