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सासाराम प्रखंड परामर्श समिति के गठन का रास्ता साफ, रामकुमारी बनेंगी परामर्श समिति की अध्यक्ष

पंचायती राज विभाग के विशेष सचिव ने जारी किया मार्गदर्शन, सभी गतिरोधों को किया दूर

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सासाराम बीडीओ व जिला पंचायती राज पदाधिकारी के सवालों का मिला जवाब

परामर्श समिति के अभाव में प्रखंड में लंबित हैं कई कार्य, अब आएगी रफ्तार

अभिषेक कुमार के साथ बजरंगी कुमार सुमन की रिपोर्ट
सासाराम (voice4bihar news)। पंचायत चुनाव 2021 समय पर नहीं होने की स्थिति में सासाराम प्रखंड में परामर्श समिति के गठन को लेकर बनी असमंजस की स्थित अब खत्म हो गयी है। इसके साथ ही सासाराम प्रखंड परामर्श समिति के गठन तथा निवर्तमान प्रखंड प्रमुख रामकुमारी देवी को प्रखंड परामर्श समिति का अध्यक्ष बनाने का रास्ता भी साफ हो गया है। पंचायती राज विभाग के विशेष सचिव हरेंद्र नाथ दुबे ने सभी जिला पंचायती राज पदाधिकारियों को पत्र जारी कर पंचायतों एवं प्रखंडों में परामर्श समिति के गठन को लेकर फंसे पेच को लेकर मार्गदर्शन जारी कर दिया है।

28 जुलाई 2021 को जारी पत्रांक 3929 में पंचायती राज विभाग के विशेष सचिव के पत्र से उस सभी सवालों का जवाब मिल गया है, जिसके बारे में सासाराम के बीडीओ व पंचायती राज पदाधिकारी ने विभाग से मार्गदर्शन मांगा था। विशेष सचिव ने रोहतास जिला पंचायत राज पदाधिकारी द्वारा बीडीओ के पत्र के आलोक में मांगे गए मार्गदर्शन का जवाब भी प्रेषित कर दिया है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि 5 वर्षों तक निर्विरोध प्रमुख रहने वाली राम कुमारी देवी का परामर्श समिति के अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ हो गया है।

क्यों बाधित था प्रखंड परामर्श समिति का गठन?

दरअसल जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने बीडीओ सासाराम के पत्र का हवाला देते हुए 22 जून 2021 को जारी पत्र में कहा था कि प्रमुख का प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र नगर निगम में सम्मिलित हो जाने के फलस्वरूप प्रमुख का पद रिक्त माना जाएगा। ऐसे में पंचायती राज विभाग की ओर से मार्गदर्शन के लिए परामर्श समिति का गठन बाधित था।

इससे पहले पंचायती राज पदाधिकारी को सासाराम बीडीओ ने एक पत्र लिखा था, जिसका मजमून यह है कि प्रमुख राम कुमारी देवी और उप प्रमुख प्रेम प्रकाश की पंचायत समिति सदस्यता समाप्त हो चुकी है। ऐसे में तदर्थ व्यवस्था के लिए नए पदधारी का चुनाव कौन कराएगा? बीडीओ की दुविधा यह थी कि पंचायती राज कानून में जिक्र है कि पंचायत समिति के प्रमुख अथवा उपप्रमुख दोनों पद रिक्त हो तो नए पदधारी का चुनाव होने तक प्रमुख के दायित्वों के निर्वहन की कार्यकारी व्यवस्था की जाएगी। यह व्यवस्था कैसे होगी और इसे करने की जिम्मेवारी किसकी होगी?

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प्रखंड की 9 पंचायतों के नगर निगम में शामिल होने के बाद फंसा था पेच

पंचायत चुनाव समय पर नहीं होने के कारण जुलाई के अंतिम सप्ताह में प्रखंड प्रमुख का कार्यकाल खत्म हो गया था। तदर्थ व्यवस्था के तहत राज्य सरकार ने परामर्श समिति के गठन का निर्देश दिया था, जिसमें निवर्तमान प्रखंड प्रमुख को ही परामर्श समिति का हेड बनाने का प्रावधान निर्धारित है। इस बीच सासाराम को नगर निगम का दर्जा देकर सरकार ने प्रखंड की नौ पंचायतों को महानगर का हिस्सा बना लिया था। ऐसे में तकनीकी पेच की वजह से परामर्श समिति का गठन अब तक संभव नहीं हो पाया है।

यह भी देखें : सासाराम प्रखंड में परामर्श समिति के गठन पर फंसा पेच, प्रमुख व उप प्रमुख के पद पर वैधानिक संकट

प्रखंड प्रमुख व उप प्रमुख का निर्वाचन क्षेत्र बना नगर निगम का हिस्सा

नगर निगम के गठन के बाद सासाराम प्रखंड में मामला तब पेचिदा हो गया, जब प्रखंड प्रमुख राम कुमारी देवी का बीडीसी पद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र संख्या 11 और उप प्रमुख प्रेम प्रकाश का बीडीसी पद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र संख्या 14 को नवगठित सासाराम नगर निगम में समाहित कर लिया गया। यानि नगर निगम के संबंध में जारी अधिसूचना और प्रखंड परामर्श समिति के गठन को लेकर जारी निर्देश में विरोधाभाष के कारण मामला अटक गया। अब विभाग की ओर से मार्गदर्शन मिलने के बाद प्रखंड परामर्श समिति का गठन होगा और कई लंबित कार्य पूरे होंगे। इनमें शिक्षकों के नियोजन का मामला भी शामिल है।

यह भी पढ़ें : सासाराम प्रखंड में स्थगित शिक्षक नियोजन प्रक्रिया की मुख्य बाधा दूर

पंचायती राज विभाग के उप सचिव तक पहुंचा था मामला

रोहतास जिले में सासाराम प्रखंड परामर्श समिति के गठन को लेकर कई दौर के मंथन के बाद भी जिला प्रशासन किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सका था। बेनतीजा साबित हुए मंथन के बाद मार्गदर्शन मांगने का दौर का मामला पंचायती राज विभाग के उपसचिव तक जा पहुंचा था। विभाग से पूछा गया था कि वर्तमान में प्रमुख और उप प्रमुख दोनों का पंचायत समिति सदस्य पद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र संख्या 11 एवं 14 नगर निगम सासाराम में शामिल हो चुका है, ऐसी परिस्थिति में प्रमुख एवं उप प्रमुख का पद रिक्त माना जाए अथवा नहीं। इस मामले पर स्पष्ट मार्गदर्शन की मांग जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने 30 जून 2021 को प्रेषित पत्र संख्या 1484 द्वारा पंचायती राज विभाग के उप सचिव से मांगी थी।

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